JLF 2023: शबाना ने खोला जावेद अख्तर के रोमांस का राज, सुधा मूर्ति ने भी रखी बात
Updated on: Jan 20, 2023, 5:10 PM IST

JLF 2023: शबाना ने खोला जावेद अख्तर के रोमांस का राज, सुधा मूर्ति ने भी रखी बात
Updated on: Jan 20, 2023, 5:10 PM IST
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शुक्रवार को शबाना आजमी और जावेद अख्तर (Shabana Azmi and Javed Akhtar in JLF 2023) का सेशन काफी रोचक रहा. इस दौरान शबाना आजमी ने जावेद अख्तर के रोमांस का राज उजागर किया. कार्यक्रम में सुधा मूर्ति ने भी अपनी बात रखी.
जयपुर. जेएलएफ 2023 के दूसरे दिन शुक्रवार को फ्रंट लॉन में जावेद अख्तर और शबाना आजमी का सेशन हुआ. दायरा एंड धनक कंपेनियन वॉल्यूम्स ऑफ नज्म्स बाय कैफी आजमी एंड जां निसार अख्तर पर इस दौरान चर्चा की गई. शबाना ने जां निसार अख्तर तो जावेद अख्तर ने कैफी आजमी पर बुक लिखी है. इन दोनों शायरों की रचनाओं को लेकर किताब तैयार की गई है. इस दौरान दोनों शख्सियतों ने खुलकर अपनी बातों को साझा किया.
जावेद के रोमांस पर ये कहा शबाना ने...
जावेद अख्तर और शबाना आजमी का सेशन काफी रोचक रहा. इस दौरान शबाना ने दोनों के बीच एक राज की बात बताई. उन्होंने कहा कि जावेद अख्तर में रोमांटिक नाम का कुछ नहीं है. जब लड़कियां मुझ से मिलती हैं तो कहती है कि आप कितनी लकी हैं. जावेद साहब कितने रोमांटिक हैं तब मैं बोलती हूं कि जावेद साहब में रोमांटिक नाम की हड्डी भी नहीं, भले ही वो रोमांटिक गाने लिखते हो.
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वहीं शबाना आजमी की बात के जवाब में जावेद अख्तर ने एक रोचक जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सर्कस में गोल चक्कर में काम करने वाला व्यक्ति वहां उल्टा लटकता है, लेकिन वह घर आकर वैसे ही उल्टा नहीं लटकता. इस सेशन को सुनने के लिए फेमस गीतकार गुलजार और पॉप सिंगर उषा उत्थुप भी मौजूद रहीं.
गजलों पर भी की चर्चा
जावेद अख्तर ने सेशन के बीच गजलों पर भी बातचीत की. उन्होंने बताया कि उर्दू के अलावा गजल को पंजाबी, गुजराती, मराठी और हिन्दी में भी लिखा गया है. जावेद अख्तर बोले कि गजल की जो दो लाइन होती है, वे एक राइम की तरह होती है, लेकिन उनमें रदीफ भी होता है. इस दौरान उन्होंने पंजाबी में भी एक गजल सुनाई. पोएट्री से शुरू हुई यह बातचीत बुक पर आते हुए ट्रांसलेशन पर खत्म हुई.
किस्सा गुलजार का, बात कैफी-अख्तर की
जावेद और शबाना की बातचीत के दौरान अनुवाद पर भी बात हुई. इस दौरान गुलजार की मौजूदगी पर शबाना आजमी ने उनसे जुड़ा किस्सा साझा किया. शबाना ने बताया कि एक दफा मैं किसी धुन पर अटक गई थी और वहां एक कमरे में गुलजार साहब व दूसरे कमर में जावेद अख्तर साहब थे. मैं दोनों के पास गई और अपनी धुन सुनाई. दोनों ने एक मिनट में उस धुन पर रचना लिखी. दोनों का अंदाज एक दम जुदा था. ऐसा अंदाज कैफी आजमी और जां निसार अख्तर की लेखनी में देखा जा सकता था.
मंदिरा नायर के साथ सुधा मूर्ति की बातचीत
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शुक्रवार सुबह की शुरुआत में एक सेशन के दौरान मंदिरा नायर के साथ सुधा मूर्ति की बातचीत हुई. चार बाग में आयोजित सेशन के दौरान माय बुक्स एंड बिलीफ्स पर सुधा मूर्ति ने बातचीत की. चर्चा में सामने आया कि सुधा मूर्ति ने इस दौरान अपने दामाद और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पद को लेकर एक सवाल पर कहा कि यह बात किसी के लिए भी गर्व की बात हो सकती है, पर वे अपने देश के लिए अच्छा कर रहे हैं और मेरे बच्चे अपने देश की तरक्की के लिए काम कर रहे हैं.
