लंबे समय से कार्यरत संविदा कर्मी को नियमित नहीं करने पर मांगा जवाब

लंबे समय से कार्यरत संविदा कर्मी को नियमित नहीं करने पर मांगा जवाब
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए लंबे समय से कार्यरत संविदाकर्मी को नियमित नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव समेत अन्य अधिकारियों से जवाब मांगा है.
जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए कार्यरत संविदा कर्मियों को नियमित नहीं करने के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक, वित्त सचिव और सीकर सहित दो जिलों के सीएमएचओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि यदि ये संविदाकर्मी संतुष्टिजनक तरीके से काम कर रहे हैं तो उसे सेवा से नहीं हटाया जाए. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह अंतरिम आदेश भजन लाल व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता लंबे समय से सीकर और झुंझुनूं के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए संविदा पर काम कर रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट नियम, 2022 बनाए हैं. जिसके तहत संविदा कर्मियों को स्थाई किया जा रहा है. इसके बावजूद भी याचिकाकर्ताओं को इन नियमों के तहत नियमित करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा रहा है, जबकि वह राज्य सरकार के अधीन ही काम कर रहे हैं.
इसके अलावा उसे हटाकर अन्य संविदाकर्मी को नियुक्त किया जा सकता है, जबकि नियमानुसार एक संविदा कर्मी से दूसरे संविदा कर्मी को नहीं बदला जा सकता है. किसी भी संविदा कर्मी को संबंधित पद पर नियमित कर्मचारी के नियुक्त होने पर ही हटाया जा सकता है. याचिका में गुहार की गई है कि उसकी लंबी संविदा अवधि को देखते हुए वर्ष 2022 के नियमों के तहत नियमित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगा दी है.
