Rajasthan assembly Election 2023: जातिगत राजनीति के खिलाफ जन स्वाभिमान मंच निकालेगा रथ यात्रा

Rajasthan assembly Election 2023: जातिगत राजनीति के खिलाफ जन स्वाभिमान मंच निकालेगा रथ यात्रा
विधानसभा चुनाव से पहले जन स्वाभिमान मंच जातिगत राजनीति के खिलाफ रथ यात्रा निकालने जा रहा है. मंच के संयोजक राजऋषि समताराम महाराज ने कहा कि इस मंच का मकसद लोगों को जातिगत राजनीति के खिलाफ जागरूक करना है.
जयपुर. प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल आम जनता के बीच में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं. इसके लिए राजनीतिक यात्राओं को माध्यम बनाया जा रहा है, लेकिन इन राजनीतिक यात्राओं के बीच में चुनाव से पहले राजस्थान में एक और रथ यात्रा शुरू हो रही है. वह है जन स्वाभिमान मंच की ओर से निकाली जाने वाली रथ यात्रा. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की जातिगत राजनीति के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है.
जातिगत राजनीति के खिलाफ रथ यात्रा: जन स्वाभिमान मंच के संयोजक राजऋषि समताराम महाराज ने कहा कि मंच की संरचना जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा भयमुक्त राजनीति का उदय करने लिए की गई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए गुंडा तत्वों और माफियाओं का संरक्षण किया जा रहा है. प्रदेश में इन दिनों राजनीति के साथ-साथ कार्यपालिका में जातिवाद का बोलबाला हो गया है. पूरे लोकतांत्रिक सिस्टम को ऐसे लोगों ने हाईजैक कर लिया है. इसी जातिगत राजनीति के खिलाफ जल्द ही तारीख तय करके प्रदेश भर में रथ यात्रा निकालेंगे और आम जनता को इस जातिगत राजनीति के खिलाफ जागरूक करेंगे.
समताराम महाराज ने कहा कि संविधान भले ही धर्म निरपेक्षता की बात करता हो, लेकिन मौजूदा सिस्टम में बैठे लोग संविधान के विपरीत जाकर योग्यताओं को दरकिनार कर जात- धर्म के नाम पर अपने लोगों को बढ़ावा देते. जातीय तत्वों के प्रभाव से राजनैतिक दल भी जाति-धर्म के आधार पर टिकट का वितरण कर रहे हैं और सत्ता में बैठे दल भी शासन प्रणाली को संतुलित न रखकर धर्म-जाति के आधार पर शासन का संचालन कर रहे हैं. जो कि संवैधानिक मूल्यों का हनन ही नहीं है बल्कि समाज में एक बड़ी खाई को भी बड़ा रहा है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज: समताराम महाराज ने कहा कि चाहे सरकारी भर्तियों की बात हो या सरकार के जरिए मिलने वाले अन्य परिलाभों की, व्यवस्था में बैठे जातिवादी सोच के लोगों के प्रभाव के कारण सारी व्यवस्था माफियाओं के कब्जे में जा चुकी है. उन्होंने कहा कि संविदा पर दिए जाने वाले पदों और सरकारी कान्ट्रेक्ट्स में तो सीधे तौर पर तानाशाही व्यवस्था बनी हुई है. योग्यता के बावजूद मूल ओबीसी, दलित, आदिवासी और अनारक्षितों का प्रवेश यहां वर्जित हो चला है. जातीय आधार पर गढ़ा गया यह सिस्टम सीधे-सीधे भारत की संवैधानिक व्यवस्था को चुनौती दे रहा है. लोकतांत्रिक व्यवस्था जातीय नासूर की भेंट चढ़ रही है, इसके खिलाफ आमजन में जागरूकता लाने के लिए जन स्वाभिमान मंच का गठन किया गया है.
लोकतांत्रिक आस्था को मजबूत करेगा: समताराम महाराज ने कहा कि जन स्वाभिमान मंच चुनावों से पहले प्रदेशभर में संविधान रक्षा यात्रा निकालेगा, जिससे प्रदेश में सर्वधर्म समभाव पैदा किया जा सके. इसके लिए मूल ओबीसी, दलित, मुस्लिम और अनारक्षित जातियों को एक मंच पर लाकर लोकतांत्रिक आस्था को मजबूत किया जाएगा. जन स्वाभिमान मंच का मूल काम भय, भ्रष्टाचार और जातिवादी नेताओं से मुक्ति दिलाना है. मंच का उद्देश्य चुनाव लड़ना नहीं है, केवल ऐसे माहौल का निर्माण करना चाहते है जिसमें सभी जाति-धर्म के लोगों को समान अवसर और समान अधिकार के साथ भयमुक्त वातावरण मिल सके.
