मान-मनौव्वल के बाद जयपुर की तस्वीर साफ, 199 प्रत्याशी मैदान में डटे, बीजेपी-कांग्रेस में सीधा मुकाबला

मान-मनौव्वल के बाद जयपुर की तस्वीर साफ, 199 प्रत्याशी मैदान में डटे, बीजेपी-कांग्रेस में सीधा मुकाबला
राजस्थान के रण के लिए मान-मनौव्वल के बाद अब जयपुर की चुनावी तस्वीर साफ हो गई है. जिले की सभी 19 सीटों पर सियासी मैदान में 199 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं, इनके भाग्य का फैसला 50 लाख 95 हजार 362 मतदाता करेंगे.
जयपुर. राजस्थान की सियासत में अपनी भागीदारी निभाने के लिए जयपुर जिले से 289 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे. नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी और नाम वापसी के दौरान 55 उम्मीदवारों ने चुनावी रण छोड़ते हुए नाम वापस ले लिया, तो वहीं 35 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र में कोई ना कोई कमी होने के चलते इसे खारिज कर दिया गया.
जयपुर जिले के अंतिम 199 प्रत्याशियों की लिस्ट सामने आ गई है, इनमें सर्वाधिक 18 प्रत्याशी झोटवाड़ा विधानसभा सीट से जबकि सबसे कम चार प्रत्याशी दूदू विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं.इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने नाखुश बागियों से मान मनौव्वल कियाा. इनमें कुछ के तेवर नरम पड़े तो कुछ अभी भी चुनावी मैदान में डटे हुए हैं. इन 19 विधानसभा सीटों पर कहीं बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है, तो कहीं त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबला भी देखने को मिलेगा.
कई माने,कई डटे: सांगानेर से रामलाल चौधरी, आमेर से राकेश मीणा और हवामहल से गिरीश पारीक को कांग्रेस पार्टी मनाने में कामयाब रही. वहीं, जयपुर की आदर्शनगर सीट से कांग्रेस के सामने उमरदराज आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं झोटवाड़ा से सुरज्ञान घोसल्या और हरिकिशन तिवाड़ी, विराटनगर से पूर्व विधायक रामचंद्र और शाहपुरा से मौजूदा विधायक आलोक बेनीवाल चुनावी मैदान में डटे हुए हैं. वहीं, बीजेपी झोटवाड़ा से राजपाल शेखावत, सिविल लाइंस में रणजीत सिंह, विद्याधर नगर से विष्णु प्रताप सिंह को मनाने में पार्टी कामयाब हुई, लेकिन झोटवाड़ा से आशु सिंह और बस्सी में जितेंद्र मीणा अभी भी चुनावी मैदान में डटे हुए हैं. बहरहाल, जयपुर की 19 विधानसभा सीटों में से कुछ पर बीजेपी और कांग्रेस को मजबूत निर्दलीय उम्मीदवार टक्कर देंगे. ऐसे में वहां रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा. साथ ही टिकट वितरण से खफा नेताओं से भी दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों को भीतरघात का डर सता रहा है.
