Right To Health Bill : प्राइवेट अस्पतालों का विरोध जारी, 23 जनवरी को संपूर्ण बंद का ऐलान
Updated on: Jan 21, 2023, 9:07 PM IST

Right To Health Bill : प्राइवेट अस्पतालों का विरोध जारी, 23 जनवरी को संपूर्ण बंद का ऐलान
Updated on: Jan 21, 2023, 9:07 PM IST
राइट टू हेल्थ बिल को लेकर अब प्राइवेट हॉस्पिटल ने 23 जनवरी को जयपुर में बंद का आह्वान (Private Hospitals called for Band in Jaipur) किया है. उनका कहना है कि चिकित्स संगठन की ओर से बिल में संशोधन के सुझाव को सरकार लागू नहीं करना चाह रही. जबकि आईएमए ने रविवार को राजस्थान बंद का ऐलान किया है.
जयपुर. राज्य सरकार की महत्वकांक्षी राइट टू हेल्थ बिल को लेकर एक बार फिर से विरोध शुरू हो गया है. अब प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी की ओर से इस बिल के विरोध में सोमवार को संपूर्ण जयपुर बंद का आह्वान किया गया है. जबकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रविवार को पूरे राजस्थान में बंद का ऐलान किया है.
मामले को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ विजय कपूर का कहना है कि पिछले विधानसभा सत्र में सरकार की ओर से राइट टू हेल्थ बिल लाया गया था. लेकिन बिल में कुछ खामियों के कारण विभिन्न चिकित्सक संगठनों ने इसका विरोध किया. इसपर सरकार ने बिल को वापस ले लिया था. हमारी मांग थी कि इस बिल में जो खामियां हैं, उसे दूर किया जाए. हाल ही में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ चिकित्सक संगठनों की बैठक भी हुई और हमारी ओर से सुझाव दिए गए.
डॉक्टर कपूर का कहना है कि हमारी ओर से जो सुझाव दिए गए थे, उसे सरकार लागू नहीं करना चाह रही. इसके बाद प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी ने 23 जनवरी को संपूर्ण बंद का ऐलान किया है. इस दौरान राजधानी जयपुर के प्राइवेट अस्पतालों में किसी तरह का कोई इलाज नहीं होगा. हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा जाएगा. जो मरीज पहले से अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हीं का इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि प्राइवेट अस्पताल निशुल्क इमरजेंसी हालात में पहुंचे मरीजों का इलाज करता है तो उस राशि का पुनर्भरण कौन करेगा. इसके अलावा सरकार की ओर से प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों पर एक प्राधिकरण बनाया गया है. ऐसे में चिकित्सक मरीजों का इलाज नहीं कर पाएगा.
सरकारी योजनाओं का भी बहिष्कार : डॉ विजय कपूर का कहना है कि फिलहाल हमारी ओर से सिर्फ 1 दिन के बंद का ऐलान किया गया है. यदि इसके बावजूद भी सरकार इस बिल में संशोधन नहीं करती है तो फिर चिकित्सकों को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा. उनका कहना है कि यदि सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो फिर सरकारी क्षेत्र की जितनी भी योजनाएं प्राइवेट अस्पतालों में चल रही हैं, उनका बहिष्कार किया जाएगा. सरकारी योजनाओं के तहत पात्र मरीजों का इलाज नहीं होगा.
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आईएमए के आह्वान को समर्थन : राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन समेत अन्य डॉक्टर्स संगठनों ने इस बंद का समर्थन दिया है. आईएमए जयपुर की ओर से प्रेस वार्ता कर बताया कि सरकार राइट टू हेल्थ बिल थोप रही है. जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ अनुराग शर्मा ने बताया कि बिल के ड्राफ्ट में एक भी सुझाव और आपत्ति को शामिल नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट में इमरजेंसी को परिभाषित नहीं किया गया है. हर मरीज को अपनी बीमारी गंभीर लगती है ऐसे में बिल का भुगतान कौन करेगा ये स्पष्ट नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट के अनुसार जिला और राज्य स्तरीय कमेटी बनाई जाएंगी. इसमें सरपंच, जिला परिषद सदस्य और सरकारी अधिकारी शामिल किए जाएंगे, जिन्हें निजी अस्पताल सीज करने और तलाशी लेने का अधिकार होंगे, ऐसे में निजी अस्पताल को कमेटी के निर्णय के खिलाफ अपील का भी अधिकार नहीं होगा.
