JLF 2023: जयपुर में साहित्य समागम का आगाज, 'रीडिस्कवरिंग मेवाड़' से लेकर 'जयपुरनामा' समेत इन पुस्तकों का विमोचन
Updated on: Jan 19, 2023, 10:47 PM IST

JLF 2023: जयपुर में साहित्य समागम का आगाज, 'रीडिस्कवरिंग मेवाड़' से लेकर 'जयपुरनामा' समेत इन पुस्तकों का विमोचन
Updated on: Jan 19, 2023, 10:47 PM IST
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में गुरुवार को पहले दिन कई पुस्तकों (Book launch in JLF 2023) का विमोचन किया. इनमें रीडिस्कवरिंग मेवाड़ से लेकर जयपुरनामा तक का विमोचन करने के साथ इनपर चर्चा भी की गई.
जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन मुगल टेंट सभागार में डॉ. संदीप पुरोहित की पुस्तक 'रीडिस्कवरिंग मेवाड़' का विमोचन किया गया. डॉ. सुदीप ने किताब के बारे में बताया कि इस किताब में मेवाड़ के बारे में फोटो के जरिए बताने की कोशिश की गई है. मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास के गवाह इमारतें और स्थलों को शामिल किया गया है. साथ ही वर्तमान में मेवाड़ की तरक्की को भी दिखाया गया है.
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि ये पुस्तक काफी महत्वपूर्ण है. इसके जरिए लोगों को समझ आएगा कि मेवाड़ का कितना गौरवशाली इतिहास रहा है. मेवाड़ की अपने आप में खासियत है क्योंकि यहां पर श्री नाथ बाबा विराजमान हैं तो भगवान शिव भी विराजमान हैं. वहीं इस दौरान उदयपुर पूर्व राजघराने के लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि इस पुस्तक को लिखने के लिए डॉक्टर संदीप पुरोहित की जितनी सराहना की जाए कम है. क्योंकि आज के वक्त में लोगों के पास पढ़ने का वक्त नहीं है. ऐसे में फोटोग्राफ के जरिए लोगों को मेवाड़ का गौरवशाली इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में बताने की पहल की गई है जो काफी सराहनीय है.
जेएलएफ में खाकी फाइल्स
जेएलएफ की बैठक सभागार में सत्र 'खाकी फाइल्स' में आईपीएस अजय पाल लांबा ने अपनी जीवन यात्रा को साझा किया. उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में सिर्फ एक ही किताब लिखी है, लेकिन जब आप अपने अनुभव को एक किताब में उकेरते हैं तो सिर्फ सच्चाई सामने आती है. किताब में साझा की जाने वाली यही सच्चाई रीडर्स को पसंद आती है. इस दौरान मौजूद रहे स्पीकर सुनील शर्मा ने कहा कि लेखन के साथ न्याय करना अपने आप में चुनौती वाला काम है. जब आप लिखते हैं तो बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है. लिखना आसान काम नहीं है इसमें संजीदगी होना जरूरी है.
जेएलएफ के एक अन्य मंच फ्रंट लोन में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा की बुक 'वेल प्लेड फ्रॉम हियर टू एटर्निटी' लॉन्च हुई. ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा और मेदांता के एमडी नरेश त्रेहान ने डॉ. राजीव की बुक को लांच किया. इस दौरान अपनी बुक के बारे में उन्होंने बताया कि कैसे एक साधारण व्यक्ति पढ़ लिख कर आगे बढ़ते हुए एसएमएस मेडिकल कॉलेज तक पहुंचा. लेकिन ये उनके पिता की कहानी है जिसे उन्होंने अपनी पुस्तक में उतारा.
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उन्होंने बताया कि उनके पिता की शुरुआत एसएमएस मेडिकल कॉलेज में फिजिकल इंस्ट्रक्टर के रूप में हुई थी. लेकिन उन्होंने सीखने का क्रम जारी रखते हुए चिकित्सक संवर्ग के बीच अपनी अलग पहचान बनाई जिस तरह रामानुजम गणित के विद्यार्थी नहीं थे, लेकिन एक सफल गणितज्ञ के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई. उस दौरान मंच पर मौजूद ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने कहा कि देश में खेलों को बढ़ावा मिल रहा है, खिलाड़ियों को बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन जिस तरह समय बदला है चुनौतियां भी बढ़ी है.
जयपुरनामा लॉन्च
फेस्टिवल में डायरेक्टर और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका नमिता गोखले के बहु-चर्चित और बहु-प्रशंसित उपन्यास जयपुर जर्नल का हिंदी अनुवाद जयपुरनामा फर्स्ट एडिशन लॉन्च हुआ. इसका अनुवाद लेखक अनुवादक पुष्पेश पंत और प्रभात रंजन ने किया. किताब के बारे में बताते हुए प्रकाशक अदिति माहेश्वरी ने बताया कि ये किताब फाउंड इन ट्रांसलेशन कही जाएगी. पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर मौजूद पत्रकार सौरभ द्विवेदी ने किताब की पृष्ठभूमि बने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के विषय में कहा कि ये एक जादू है. इस सेल्युलाइड पर सबकी फिल्म चल रही है.
'ए कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड' किताब पर चर्चा
एक अन्य सत्र में मशहूर अभिनेत्री दीप्ती नवल ने अपनी आने वाली किताब 'ए कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड' पर बात की. आत्मकथा होते हुए भी ये किताब उस देश की कहानी कहती है जिसे दीप्ती ने अपना बचपन बताया है. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब अपने बचपन के बारे में लिखना शुरू किया तो वो सिर्फ अपने बारे में नहीं बल्कि उस समय के बारे में लिखना चाह रहीं थीं जो उन्होंने जिया था. इस किताब में वो कहानियां हैं जिन्हें उन्होंने नहीं, बल्कि उन कहानियों ने गढ़ा है. इस किताब में विश्वयुद्ध, इंदिरा गांधी, 1962 और 1965 का युद्ध, विभाजन का दौर भी दर्ज है.
दिन का आखिरी सत्र इंटरनेशनल बुकर से सम्मानित ‘रेत समाधि’ की लेखिका गीतांजलि श्री और उनकी अनुवादक डेजी रॉकवेल के नाम रहा. डेजी रॉकवेल ने ‘रेत समाधि’ का अनुवाद ‘टुम्ब ऑफ़ सेंड’ शीर्षक से किया. ये उपन्यास एक अस्सी साल की महिला के माध्यम से विभाजन और उससे उत्पन्न त्रासदी की कहानी को रोचकता से बयां करता है. इस दौरान डेजी ने कहा कि किसी कांसेप्ट या विचारधारा का अनुवाद सबसे मुश्किल होता है. ऐसे में आप सबसे करीबी शब्दों या लक्ष्य भाषा के शब्दों के इस्तेमाल से ही काम चला सकते हैं. सफलता की ये कहानियां बताती हैं कि साहित्य और अनुवाद के माध्यम से कैसे दो भिन्न संस्कृतियों को करीब लाया जा सकता है.
जेएलएफ में उषा उथुप
इससे पहलर भारतीय पॉप गायिका उषा उथुप ने भी जेएलएफ में शिरकत की. पत्रकार विकास झा की लिखी गई उथुप की जीवनी ‘उल्लास की नाव’ का अंग्रेजी अनुवाद सृष्टि झा ने ‘द क्वीन ऑफ़ इंडियन पॉप’ शीर्षक से किया है. इसी किताब की चर्चा पर आयोजित इस सत्र में लेखिका सत्या सरन ने उषा उथुप और सृष्टि झा से संवाद किया. किताब के माध्यम से उषा ने अपने बचपन की कई सुहानी और निराली यादों को साझा किया, जिनमें उनकी पतंगबाजी भी अहम थी. उन्होंने बताया कि शायद पतंग उड़ाते हुए ही उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें ‘फ्लाई हाई’ पर ही फोकस करना है. उन्होंने कहा कि वो संगीत के माध्यम से ही अपनी बात को अच्छी तरह व्यक्त कर पाई. सत्र समाप्ति पर उन्होंने अपने अंदाज में गीत गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया.
