RPSC Paper Leak Case: अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई पूरी, अब रहने लायक नहीं बचा सारण का मकान

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Published : Jan 15, 2023, 4:05 PM IST

Illegal construction demolition action completed

सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण (Rajasthan Paper Leak Case) में आरोपी भूपेंद्र सारण के आवास पर जारी अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रविवार को पूरी हो गई.

अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई पूरी

जयपुर. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के आवास पर जारी जेडीए की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रविवार को पूरी हो गई. इससे पहले शनिवार को आवास के फ्रंट और बैक सेटबैक को कवर कर अवैध निर्माण के करीब 90 फीसदी हिस्से को ध्वस्त किया गया था. वहीं, तीसरे व चौथे माले के साथ ही पीछे की तरफ शेष बचे अवैध निर्माण को तीसरे दिन ढहा दिया गया. जिसके बाद अब मकान रहने लायक नहीं है.

साल 2017 में सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में आरोपी भूपेंद्र सारण और उसके भाई गोपाल सारण ने रजनी विहार में 141.55 वर्ग गज का भूखंड खरीदा था. तब आरोपी सारण ने साइड बैक को कवर करते हुए सड़क सीमा में बालकनी निकालने के साथ ही पीछे की तरफ पड़ोसी के मकान को भी 5 फीट तक कवर कर दिया था. जबकि नियमानुसार आगे 15 फीट और पीछे 8.15 फीट का सेटबैक छोड़ना था.

इसके अलावा ऊपर की दो मंजिल भी अवैध थी. इस अवैध निर्माण को लेकर जेडीए ट्रिब्यूनल कोर्ट से आदेश मिलने के बाद शुक्रवार से जीडीए विजिलेंस टीम ने अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की, जो तीसरे दिन रविवार को पूरी हुई. कार्रवाई के तीसरे दिन 10 लोखंडा सिस्टम, 6 हैमर मशीन, एक गैस कटर और मजदूरों की सहायता से अवैध निर्माण को पंक्चर करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

Illegal construction demolition action completed
आखिरी दिन आवास के तीसरे व चौथे माले को ढहाया

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इससे पहले शनिवार को सुबह 7 बजे से शुरू हुई कार्रवाई शाम 5:30 बजे तक चली थी. साढ़े 10 घंटे की इस कार्रवाई में भूपेंद्र सारण के आवास के आगे से 50 फीट और पीछे से 8.3 फीट सेटबैक को अवैध निर्माण से मुक्त कराया गया था. बता दें कि ट्रिब्यूनल कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि भूपेंद्र सारण और उसके भाई गोपाल सारण के नाम से रजनी विहार के भूखंड संख्या 67 सी में बने मकान का सिर्फ अवैध निर्माण ही ध्वस्त किया जाए. साइट प्लान के अनुरूप किए निर्माण को ध्वस्त न किया जाए. कार्रवाई के दौरान आसपास के आवासों को भी कोई नुकसान न हो. रविवार को कार्रवाई पूरी होने के बाद आगे वाले कमरे अब आधे ही रह गए हैं तो पीछे बेडरूम का भी यही हाल है. वहीं, अब मकान का जो हिस्सा बचा है, वो रहने लायक नहीं है.

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