श्रीगंगानगर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को श्रीगंगानगर में तीसरे दिन भी दौरे पर रहे. मुख्यमंत्री सुबह करीब 11:00 बजे गांव डाबला के बुड्ढा जोहड़ गुरुद्वारा पहुंचे. यहां उन्होंने गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अरदास की. राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सिख धर्म की कुर्बानियों पर प्रकाश डाला और बुड्ढा जोहड़ गुरुद्वारा के इतिहास के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सिख धर्म का पूरी दुनिया में नाम है. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय 'कोई भी भूखा न सोए' की अपील की थी. ऐसे में गुरुद्वारों के माध्यम से लाखों लोगों को लंगर की व्यवस्था की गई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्री बिश्नोई मंदिर में दर्शन किए. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि इस मंदिर में इतनी बड़ी सभा रखी जाएगी.
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उन्होंने कहा कि इलाके में स्पेशल गिरदावरी के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब इस कार्य में और तेजी लाई जाएगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में अपनी योजनाओं का जिक्र भी किया और कहा कि युवा वर्ग आगे आए और इन योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने में अपनी भागीदारी निभाए. इस दौरान आयोजित एक सभा में मुख्यमंत्री ने गांव डाबला में लड़कियों के लिए कॉलेज खोलने की भी घोषणा की.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 31 किलो फूलों की माला पहनाकर, स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री जयपुर के लिए रवाना हो गए. मंच पर राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, करणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर, जिला प्रभारी जियाउर रहमान, बिश्नोई समाज के प्रबुद्ध नागरिक सहित कई लोग मौजूद थे.