जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जन अभाव अभियोग निराकरण की समीक्षा (Public deprivation complaint resolution review) की. इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य ध्येय अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक संवेदनशील, पारदर्शी व जवाबदेह सुशासन पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि जनसाधारण की समस्याओं के समाधान के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक जनसुनवाई की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है. आमजन की समस्याओं को प्रभावी रूप से निचले स्तर पर ही त्वरित निस्तारित किया जा रहा है. इस कारण मुख्यमंत्री स्तर तक आने वाली आमजन की समस्याओं में 50 फीसदी तक की ( 50 Percent reduction in problems) कमी आई है. वहीं, सीएम ने स्थानीय निकायों व स्वायत्त शासन में भी लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए.
सीएम ने आगे कहा कि सुशासन की संकल्पना तभी साकार होगी, जब आमजन के जरूरी काम समय पर होने के साथ ही उनकी समस्याओं का त्वरित व उचित निस्तारण हो सकेगा. मुख्यमंत्री ने संपर्क पोर्टल, हेल्पलाइन 181, जनसुनवाई और अन्य माध्यमों से प्राप्त प्रकरणों के निराकरण की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और मजबूत इच्छाशक्ति के साथ समस्याओं के निराकरण में लगे (CM Gehlot praised the officers) हैं. बैठक में बताया गया कि हेल्पलाइन 181 पर 1 जनवरी, 2019 से अब तक लगभग 73 लाख प्रकरण पंजीकृत किए गए हैं. इनमें से करीब 71.60 लाख (98% से अधिक) प्रकरणों को निस्तारित किया जा चुका है.
इस दौरान सीएम ने हेल्पलाइन 181 के अधिक प्रचार-प्रसार के लिए अधिकारियों को निर्देश (CM Gehlot instructions to the officers) दिए. उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं के त्वरित व उचित निराकरण के चलते प्रदेशवासियों में सरकार के प्रति संतुष्टि का भाव है. उन्होंने कहा कि समस्याओं के निस्तारण की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए. साथ ही सीएम ने अपराधों व कानून-व्यवस्था से संबंधित शिकायतों के प्रभावी और त्वरित निस्तारण के भी निर्देश दिए.
इसके इतर सीएम ने कहा कि जिन अधिकारियों व कर्मियों के स्तर पर आमजन की समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही हो रही है, उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. वहीं, राज्य स्तरीय जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सुशासन की संकल्पना को प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर रही है. उन्होंने कहा कि जन अभाव अभियोग में प्राप्त परिवेदनाओं के त्वरित निस्तारण के साथ ही नियमित मॉनिटरिंग भी की जा रही है.