BJP district presidents Changed: विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने 8 निष्क्रिय जिला अध्यक्षों को बदला

BJP district presidents Changed: विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने 8 निष्क्रिय जिला अध्यक्षों को बदला
विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव किया है. पार्टी ने प्रदेश के 8 जिला अध्यक्षों को बदला (8 district presidents changed in BJP) है. इन जिला अध्यक्षों को पार्टी ने निष्क्रिय मानते हुए हटाया है.
जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने निष्क्रिय जिला अध्यक्षों को बदलना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में बीजेपी ने शनिवार को 8 जिला अध्यक्षों को निष्क्रिय मानते हुए हटा दिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के निर्देश के बाद प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार देर शाम को 8 जिला अध्यक्षों को हटा नए जिला अध्यक्षों की घोषणा की.
इनको हटाया: पार्टी ने बीकानेर शहर में अखिलेश प्रताप सिंह, बीकानेर देहात में ताराचंद, बाड़मेर में आदुराम मेघवाल, बालोतरा में महेश बी चौहान, अलवर दक्षिण में संजय सिंह नरूका, अलवर उत्तर में बलवान यादव, भरतपुर में डॉक्टर शैलेश सिंह और सवाई माधोपुर में डॉक्टर भरत लाल मथुरिया को पार्टी की गतिविधियों में निष्क्रिय मानते हुए हटाया है. बताया यह भी जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर जिला अध्यक्ष विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसलिए वह अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं. संगठन के कार्यों में उनकी सक्रिय भूमिका लंबे समय से दिखाई नहीं दे रही थी.
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इनको दिया जिम्मा: बीजेपी ने अब बीकानेर शहर के लिए विजय आचार्य, बीकानेर देहात के लिए जालम सिंह भाटी, अलवर उत्तर के लिए उम्मेद सिंह भाया, अलवर दक्षिण के लिए अशोक गुप्ता, भरतपुर के लिए ऋषि बंसल, सवाई माधोपुर के लिए सुनील दीक्षित, बाड़मेर के लिए स्वरूप सिंह खारा और बालोतरा के लिए बाबू सिंह राजगुरु को जिला अध्यक्ष बनाते हुए तत्काल प्रभाव से नियुक्ति दी है.
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मिल रही थी शिकायतें: बता दें कि प्रदेश संगठन को लगातार इन जिला अध्यक्षों की निष्क्रियता को लेकर शिकायतें मिल रही थीं. बताया यह भी जा रहा है कि इन जिला अध्यक्षों ने हाल ही में जन आक्रोश यात्रा के दौरान कोई ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और ना ही इनकी सक्रिय भूमिका दिखाई दी. लगातार मिल रहे फीडबैक के बाद में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश के बाद इन जिला अध्यक्षों को बदला गया है. बीजेपी की कोशिश है कि इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी भी जिले में कोई प्रदेश संगठन की ओर से कमी नहीं रहे. इसलिए उन्होंने सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है.
