चूरू. एथेंस और रियो पैरालंपिक में दो बार गोल्ड और अब टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीतकर देश के लिए तीन मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझड़िया आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वहीं अब हर किसी की नजर देवेंद्र झाझड़िया के आगामी भविष्य के निर्णय पर भी टिकी है. क्या झाझड़िया विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और अगर लड़ेंगे तो किस दल में शामिल होंगे भाजपा या कांग्रेस. ये ऐसा सवाल है जिसका जवाब भले ही अभी किसी के पास न हो पर हर कोई यही जानना चाहता है कि क्या झाझड़िया राजनीति में पदार्पण कर सकते हैं. हालांकि अभी इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है.
ये उदाहरण और संकेत खिलाड़ी से नेता बनने के हैं
डिस्कस थ्रो में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल और और दो बार एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली कृष्णा पूनिया चूरू के ही सादुलपुर से आज विधायक हैं. कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी साल 2004 के एथेंस ओलिंपिक खेलों में देश के लिए निशानेबाजी में मेडल जीतकर आए थे. उन्होंने भी खेल के बाद राजनीति में अपना भाग्य आजमाया और लोकसभा चुनाव जीतकर राठौड़ केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री भी रहे. ऐसे में क्या झाझड़िया भी राजनीति में अपना भाग्य आजमाएंगे, ये भविष्य के गर्त में हैं.
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टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीतकर पहली बार अपने गृह जिले पहुंचे रविवार को देवेंद्र झांझड़िया के सम्मान में झाझड़ियों की ढाणी में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा के नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे.
इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और और कांग्रेस की सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया और तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया सहित कांग्रेस और भाजपा के कई नेता और पदाधिकारी भी पहुंचे. इस दौरान सतीश पूनिया ने देवेंद्र झांझड़िया का सम्मान किया. क्योंकि रविवार को झाझड़ियों कि ढाणी पहुंचे सतीश पुनिया से जब यह सवाल किया गया कि क्या झाझड़िया को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में टिकट दिया जाएगा तो उन्होंने कहा कि यह काल्पनिक प्रश्न है लेकिन समाज में जो विशेष उपलब्धि रखता है उसे भारतीय जनता पार्टी निश्चित रूप से सम्मान देती है. भविष्य में क्या होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा.