Big Action: बड़ीसादड़ी के पूर्व चेयरमैन पिपलिया 6 साल के लिए अयोग्य घोषित, जानिए क्यों

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Published : Jan 23, 2023, 11:58 AM IST

Nirmal Piplia disqualified for six years

बड़ीसादड़ी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन निर्मल पिपलिया को लेकर राज्य सरकार (Nirmal Piplia disqualified for six years) ने एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने पूर्व चेयरमैन की न्यायिक जांच करवाई थी. जिसमें दोषी पाए जाने के बाद अब पिपलिया को आगामी छह वर्षों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

चित्तौड़गढ़. राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर बड़ीसादड़ी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन निर्मल पिपलिया को छह साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. ये फैसला सरकार की ओर से रिश्वत मामले में कराई गई न्यायिक जांच में पिपलिया के दोषी पाए जाने के बाद लिया गया. दरअसल, राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने निर्मल पितलिया को छह साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है.

इसके साथ ही अब नगर पालिका के वार्ड सात का पद भी खाली हो गया है, जहां उपचुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया है. स्वायत्त शासन विभाग के आदेश के अनुसार पूर्व चेयरमैन के रिश्वत लेने की प्रथम दृष्टया पुष्टि होने के बाद राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 393 के अंतर्गत मामले की न्यायिक जांच कराई गई थी. जांच अधिकारी की ओर से 30 सितंबर, 2022 को सौंपी रिपोर्ट में पितलिया दोषी पाए गए थे. जिसके आधार पर उन्हें 30 सितंबर, 2022 से अगले 6 साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.

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बता दें कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर की टीम ने 25 मई 2021 को कार्रवाई करते हुए पितलिया के साले कुश शर्मा को बैंक में रिश्वत लेते पकड़ा था. इस संबंध में ठेकेदार विष्णु व्यास की फर्म से बतौर रिश्वत 2,00,000 का चेक लिया गया था. इसे कैश कराने के लिए चेयरमैन ने अपने साले कुश को भेजा था, जहां पहले से ही मौजूद एसीबी की टीम ने उसे रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया था. जबकि कार्रवाई की भनक पाकर चेयरमैन पिपलिया फरार हो गया था. हालांकि उसके मकान की तलाशी के दौरान पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे, जो कि अवैध निकले थे.

एसीबी के निर्देश पर बड़ी सादड़ी पुलिस ने पिपलिया के खिलाफ अलग से आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. इस मामले में राज्य सरकार के कार्रवाई के करीब 41 दिन बाद पिपलिया को बर्खास्त कर दिया गया था. वहीं, छह माह बाद निर्मल पिपलिया ने न्यायालय में समर्पण कर दिया था, जिसे बाद में जेल भेजा गया था. फिलहाल पिपलिया जमानत पर रिहा है.

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