बूंदी में घास भैरू की सवारी में नजर आए अजीबोगरीब नजारे, आप भी हैरान रह जाएंगे...

बूंदी में घास भैरू की सवारी में नजर आए अजीबोगरीब नजारे, आप भी हैरान रह जाएंगे...
घास भैरू की सवारी दीपावली के बाद निकाली जाती है. इस पुरानी परंपरा के अनुसार (amazing feats in ghas bhairu festival) अलग-अलग गांवों में अलग-अलग तरीके से आयोजन किए जाते हैं. साथ ही कई स्टंट और अजीबोगरीब नजारे भी लोगों को देखने को मिले हैं. जिनको देखकर आंखें चौकन्नी रह गईं हैं. इसके साथ ही जिले के बड़ोदिया, ठीकरदा, नैनवा और देई कस्बे में अलग-अलग तरह के करतब कलाकारों ने दिखाएं हैं.
बूंदी. घास भैरू की सवारी भाई दूज के दिन निकाली जाती है, जिसमें घास भैरू बैल की सवारी कर (amazing feats in ghas bhairu festival) नगर भ्रमण करवाया जाता है. इसमें कांच के गिलास में पर कार को खड़ा किया गया. गगरे पर साइकिल के पहियों को खड़ा किया. लोहे के पाइप के सहारे जमीन से कई फीट ऊंचाई पर लहराया गया, जिसे बिना स्टैंड के सीधा खड़ा किया. उस पर भी कांच और लकड़ी के एक मॉडल भगवान जैसा बनाया गया.
इसके अलावा पानी में तैरती पट्टी, कच्चे धागे पर लटके भारी भरकम (motorcycle hanging in air) चक्की के पाटे, लोहे के पाइप पर बिना पकड़े हुए बाइक का खड़ा रहना, खेल पर बंद बाइक का पहिया घूमते हुए, कांच के टुकड़े पर नृत्य करता युवक, घूमती महादेव की झांकी से पानी का निकलना, कांच पर कार का टिकाना शामिल है. फांसी पर लटकना व कांटों पर सोना के करतब भी दिखे.
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दूसरी तरफ घास भैरू की सवारी (ghas bhairu festival in bundi) में शामिल बैलों को डराने के लिए उन पर पटाखे और बम भी फेंके गए, लेकिन वे डरे नहीं. वहीं, ग्रामीणों ने आकर्षक झांकियां बनाई व हैरतअंगेज जादूगरी के नजारे पेश किए. अजीब तरह के स्वांग रचाकर लोगों का मनोरंजन किया गया. इन्हें देखने के लिए सैकड़ों गांवों के लोग पहुंचे थे जो कि गांव की छतों और सड़क के आसपास खड़े हुए थे.
