बीकानेर. 2023 में बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी को गुरुवार को है. पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पंचमी 25 जनवरी की दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ होगी और 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी (Basant Panchami 2023).
धर्म शास्त्रों में मुहूर्त दिन और तिथि का विशेष महत्व होता है और इसी अनुसार व्यक्ति अपने जीवन में किसी नए कार्य की शुरुआत करता है या नई खरीद करता है.बसंत पंचमी का भी एक विशेष महत्व है और इस दिन खरीद की जाने वाली वस्तुओं से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसका प्रभाव हमारे जीवन में भी सुख शांति और समृद्धि के रूप में देखने को मिलता है.
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पूजा जाता है. मां जिन्हें विद्या, वाणी की देवी कहा जाता है. शिक्षा,साहित्य, संगीत से जुड़े लोगों के लिए यह एक विशेष पर्व होता है. ऐसे में इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. बसंत पंचमी के दिन खरीदी और घर में लाई जाने वाली चीजों का महत्व जीवन पर पड़ता है.
विद्यार्थी करें ये काम- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की हाथ में वीणा लेकर बैठी हुई तस्वीर लाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसे घर के ईशान कोण में लगाकर नियमित पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है. इस दिन विद्यार्थियों और खासतौर से किसी परीक्षा में सफल होने के लिए पढ़ाई कर रहे अभ्यर्थियों, नई पुस्तक को लिखने वाले लेखक को पढ़ने लिखने की सामग्री पुस्तक, किताब, पेन की खरीद कर घर लानी चाहिए. ये सामग्री मां सरस्वती की तस्वीर के सामने अर्पित करना चाहिए. इनका प्रयोग कर भगवान श्रीगणेश का नाम लिखें. उसके बाद मां सरस्वती का नाम लिखकर उनका स्मरण कर उनका ध्यान करना चाहिए और उनसे सफलता की प्रार्थना करने के बाद इसका उपयोग करना चाहिए.
हर दिन पढ़ने लिखने की शुरुआत करने से पहले मां सरस्वती का ध्यान करना चाहिए. ऐसा करने से विद्यार्थियों और अभ्यर्थियों को शैक्षणिक जीवन में निश्चित ही सफलता मिलती है. वहीं पुस्तक लेखन से जुड़े लेखक का कीर्ति और यश बढ़ता है. मोरपंख को विद्या का पौधा भी कहा जाता है. बसंत पंचमी के दिन दो मोरपंख घर पर लाकर घर के पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इससे घर में शिक्षा के प्रति सकारात्मक माहौल उत्पन्न होता है.
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संगीत से जुड़े लोग करें बस ये!- सरस्वती मां को संगीत की देवी कहा जाता है. कहते हैं संगीत से जुड़े कलाकार इस दिन मां सरस्वती की पूजा आराधना विशेष रूप से करनी चाहिए. बसंत पंचमी के दिन कला से जुड़े लोगों को नए वाद्य यंत्र की खरीद करनी चाहिए. वाद्य यंत्र की पूजा अर्चना करते हुए मां सरस्वती को अर्पित कर इसका उपयोग करना चाहिए. इससे उस क्षेत्र में ज्ञान की बढ़ोत्तरी होती है और विशेष फल मिलता है.