Nag Panchami 2022: 2800 सांप पकड़ने वाले कुलदीप सिंह बोले...रेस्क्यू के दौरान गलती की कोई गुंजाइश नहीं

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Published : Jul 16, 2022, 6:01 AM IST

Updated : Aug 1, 2022, 12:00 PM IST

Wild animal rescue expert of Bhilwara rescued 2800 snakes, share tips

भीलवाड़ा के वन्यजीव रक्षक कुलदीप सिंह राणावत अब तक 2800 सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं. सांप के अलावा वे पैंथर, जरक, मगरमच्छ, भालू जैसे जीवों का रेस्क्यू कर लोगों की जान बचा चुके हैं. उनका कहना है कि सांप पकड़ने में जिस दिन उनसे गलती हुई, उनकी फोटो पर भी माला चढ़ जाएगी. वे स्पष्ट चेताते हैं कि आम आदमी को बिना ट्रेनिंग सांप या अन्य वन्यजीव रेस्क्यू करने का खतरा नहीं लेना (Rescue wild animals after training) चाहिए.

भीलवाड़ा. वर्षा ऋतु में उमस व बिल में पानी भरने से तरह-तरह के जहरीले सांप बाहर निकल जाते हैं. कई बार ये जहरीले सांप किसानों को खेत में काम करते समय काटते लेते हैं. कई बार रिहायशी इलाकों के मकानों में भी सांप नजर आ जाते हैं. वन्यजीव रक्षक कुलदीप सिंह राणावत का कहना है कि वन्यजीव के रेस्क्यू के दौरान फील्ड में गलती की सजा केवल मौत (Mistake in wildlife rescue cost life) है. इसलिए बड़ी सावधानी से रेस्क्यू करना पड़ता है.

राणावत को जिले में जहां भी वन्यजीव व सांप की सूचना मिलती है, वे निशुल्क रेस्क्यू करने पहुंचते (Snake rescue expert free service) हैं. रेस्क्यू कर वन्यजीव को दूर जंगल में सुरक्षित छोड़ते हैं. राणावत ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा मैं इंसान व वन्यजीवों के बीच दीवार बनकर काम करता हूं. मुझे भी डर लगता है, लेकिन ट्रेनिंग लेने के कारण मुझे अनुभव है. सांप के रेस्क्यू के दौरान जिस दिन गलती होगी, उसी दिन हमारी फोटो पर भी माला चढ़ जाएगी. राणावत ने अब तक 2800 से ज्यादा सांपों का रेस्क्यू किया है. वे जिले में 5 वर्ष से वन्यजीवों का रेस्क्यू कर रहे हैं. अब तक 3800 रेस्क्यू कर चुके हैं. सांपों के अलावा इन्होंने पैंथर, जरक, मगरमच्छ, भालू सहित अन्य वन्यजीवों का भी रेस्क्यू किया है.

वन्यजीव रक्षक कुलदीप सिंह राणावत.

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राणावत का कहना है कि मुझे यह फिल्ड पसंद है. मैं पहले विदेश जाने के लिए होर्स राइडिंग की ट्रेनिंग लेने बेंगलुरु गया था. वहां वर्ष 2005 में ट्रेनिंग लेने के दौरान मुझे वन्यजीवों के रेस्क्यू का काम काफी पसंद आया. मैंने तुरंत हॉर्स राइडिंग छोड़कर वन्यजीव की रक्षा के लिए रेस्क्यू सीखा. उसके बाद मैं यहां आकर वर्ष 2018 तक निजी फैक्ट्री में काम करता था. लेकिन वर्ष 2018 के दिसंबर माह में एशिया की वन्यजीव रक्षक की सात टीमें राजस्थान आई थी. इसमें मुझे ट्रेनर का मौका मिला था.

वहां दूसरे प्रदेश से आये वन्यजीव रक्षक ट्रेनर ने कहा कि भीलवाड़ा में 95 प्रतिशत वन्यजीवों के मरने का आंकड़ा है. उसी दिन मेरे मन में ख्याल आया कि आज से हमारे को वन्यजीव की रक्षा करनी है. तब से मैं वन्यजीव रक्षा के लिए काम कर रहा हूं. बेंगलुरु में ट्रेनिंग के बाद मैं वर्ष 2018 में वन्यजीव की रक्षा के लिए और पारंगत होने के लिए उदयपुर पहुंचा और वर्ल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर के सचिव चमन सिंह चौहान से मिलकर और ट्रेनिंग ली.

डर नहीं लगता: सांप पकड़ने के दौरान डर लगने के सवाल पर राणावत ने कहा कि इस फील्ड में गलती की सजा केवल मौत है. वन्यजीव के पास जाने से उसे खतरा महसूस होता है. वह हम पर हमला कर देता है. जैसे हम किसी भी सांप का रेस्क्यू करने पहुंचते हैं, तो सांप को खतरा महसूस होता है. वह हमें काट सकता है. ट्रेनिंग के बाद डर कम लगने लगा. क्योंकि डर खत्म हो जाता है. अगर कोई भी काम डरकर करेंगे, तो उसमें सफलता नहीं मिलेगी.

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क्या कभी हादसा हुआ: राणावत के साथ क्या कभी रेस्क्यू के दौरान कोई हादसा हुआ, इस सवाल पर उन्होंने बताया कि मेरे सामने एक सांप का रेस्क्यू करने वाले की मौत हुई थी. रेस्क्यू के दौरान जब हम से गलती होगी, उसी दिन हमारी फोटो पर भी माला चढ़ जाएगी. मैं भी ट्रेनिंग के आधार पर काम करता हूं. क्या आम आदमी भी सांप व अन्य वन्यजीवों का रेस्क्यू कर सकता है? इस सवाल पर राणावत ने कहा कि आम आदमी सांप का रेस्क्यू नहीं कर सकता है. बिना ट्रेनिंग कोई भी सांप व अन्य वन्यजीवों का रेस्क्यू नहीं कर सकता है. अधूरा ज्ञान हमेशा दुखदाई रहता है.

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राजस्थान में पाए जाने वाले विषैले सांप :

  1. ब्लैक कोबरा जिसमें न्यूरोटोक्सीन मेनम जहर होता है.
  2. सो स्केल वाईपर इसमें ह्युमोटॉक्सिन मेनम जहर होता है.
  3. रसल वाइपर इसमें ह्युमो टॉक्सिन जहर होता है.
  4. कोमन कैप जिसमें न्यूरोटोक्सीन जहर होता है.

राणावत के अनुसार राजस्थान में 4 तरह के विषैले सांप पाए जाते (Types of deadliest snakes in Rajasthan) हैं. ये सभी सांप भीलवाड़ा जिले में काफी संख्या में पाए जाते हैं. वर्तमान में वर्षा ऋतु में यह सबसे ज्यादा बाहर नजर आते हैं. क्योंकि वर्षा ऋतु में उमस ज्यादा होती है. साथ ही वर्षा होने से सांप के बिल में पानी भर जाता है, जिससे यह बाहर निकल जाते हैं.

Last Updated :Aug 1, 2022, 12:00 PM IST
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