Girls Auction Case: NCPCR अध्यक्ष ने 46 बच्चियों को बेचने का जताया अंदेशा, सरकार-प्रशासन को बताया जिम्मेदार

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Published : Nov 7, 2022, 11:13 PM IST

Girls Auction Case

भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो सोमवार को एक दिवसीय भीलवाड़ा के दौरे पर रहे. यहां उन्होंने नाबालिग बच्चियों को स्टांप पेपर पर बेचने के मामले (Girls selling on stamp Paper in bhilwara) में बैठक ली. जिसके बाद उन्होंने 3 गावों से 46 बच्चियों के बेचे जाने की आशंका जाहिर की है.

भीलवाड़ा. भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो (NCPCR Chairman Priyank Kanungo) सोमवार को एक दिवसीय भीलवाड़ा जिले के दौरे पर रहे. यहां ग्रामीण क्षेत्र के हालात का जायजा लेने के बाद भीलवाड़ा के कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली.

बैठक के बाद प्रेस से मुखातिब होते हुए कानूनगो ने कहा कि भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में नाबालिग बच्चियों को स्टांप पेपर पर बेचने के मामले को लेकर जांच के लिए विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया. जहाजपुर क्षेत्र के इटुडा गांव सहित 3 गांवों और स्कूलों का विजिट किया. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राशन डीलर आशा सहयोगनी, पंचायत सचिव, सरपंच, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को भी इकट्ठा कर चर्चा की. इसके पीछे हमारा उद्देश्य था कि हम जानकारी जुटा पाएं कि क्या बच्चियों को आज भी बेचा जा रहा है?

NCPCR अध्यक्ष ने भीलवाड़ा का दौरा किया

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आयोग का उद्देश्य और तरीका स्पष्ट है कि यदि बच्चियां स्कूल, आंगनबाड़ी या गांव में हैं तो वह (Girls Auction Case) सुरक्षित हैं. जो बच्चियां गांव में नहीं हैं उसे बेचने की आशंका है. इन तीनों गांवों में 46 बच्चियां ऐसी मिली जो स्कूल में नहीं पढ रही हैं . उन 46 बच्चियों में से 18 लड़कियां ऐसी जिनके बारे में पता नहीं चल पाया कि वह कहां गई हैं. 28 लड़कियां ऐसी मिली जिनके बारे में बताया गया कि वह रिश्तेदार के पास हैं. हमने उनके माता-पिता को बुलाकर भी बात करने की कोशिश की लेकिन सारे प्रयासों के बाद कुल मिलाकर 3 गांव की 46 बच्चियां गायब मिलीं.

इस दौरान कानूनगो ने प्रदेश सरकार व प्रशासन पर भी जमकर हमला बोलते हुए कहा कि आज (Girls selling on stamp Paper in bhilwara) जहां मैंने दौरा किया उस क्षेत्र मे निवासरत जाति के लोगों के पास अभी तक जाति प्रमाण पत्र भी नहीं है. यहां तक की कहीं परिवार के पास मनरेगा के जॉब कार्ड तो बने हुऐ हैं लेकिन डेढ़ वर्ष में उनको बिल्कुल रोजगार नहीं दिया गया. राजस्थान सरकार की ओर से संविधान में दिए गए अधिकार देने में भी प्रदेश सरकार फेल रही है. मुझे लगता है कि कहीं न कहीं यह सामाजिक व्यवस्था स्थानीय राजनीतिक व्यक्तियों व प्रशासन की लापरवाही के चलते इन बच्चों को वन रेबल कंडीशन में डाल रही है.

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गौरतलब है कि भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर क्षेत्र के पंडेर क्षेत्र में नाबालिग बच्चियों को शपथ पत्र लिखकर बेचने का मामला पिछले 1 सप्ताह पूर्व देश भर की मीडिया में सुर्खियों में रहा था. इसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की 2 सदस्य टीम सहित राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने भी इस क्षेत्र का दौरा कर भीलवाड़ा जिला कलेक्टर आशीष मोदी व जिला पुलिस अधीक्षक से चर्चा की थी. वहीं, सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने क्षेत्र का दौरा कर स्थानीय अधिकारियों और भीलवाड़ा जिला कलेक्टर में जिला पुलिस अधीक्षक से चर्चा कर जानकारी ली.

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