Saini Reservation Protest : सीएम गहलोत से मिलने सीकर जाएगा सैनी समाज का प्रतिनिधिमंडल, इन बिंदुओं पर होगी चर्चा

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Published : Apr 28, 2023, 9:14 AM IST

Saini Reservation Protest

भरतपुर में सैनी समाज का आरक्षण आंदोलन जारी है. इस बीच आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता करने के लिए सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल सीकर जाएगा.

भरतपुर. सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से आज 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता करने के लिए सीकर जाएगा. प्रतिनिधिमंडल में मृतक मोहन सैनी के तीन परिजन भी साथ होंगे. यह प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मृतक मोहन सैनी के परिजनों को मुआवजा राशि के साथ ही 12% आरक्षण समेत अन्य बिंदुओं पर वार्ता करेगा. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री से आज वार्ता के बाद आंदोलन समाप्ति की राह खुल सकती है.

संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि शुक्रवार सुबह 10 बजे 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जयपुर के लिए रवाना होगा. करीब दोपहर 1 बजे जयपुर पहुंचेगा. उसके बाद सीकर पहुंचकर रात करीब 9 बजे सीकर के सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वार्ता होगी.

प्रतिनिधिमंडल में संघर्ष समिति के मुख्य सचिव बदन सिंह कुशवाहा, संदीप झुंझुनू सहित मृतक के तीन परिजन भी साथ होंगे. यह प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मृतक मोहन सैनी के परिजनों को मुआवजा, उसके सम्मान और 12% आरक्षण सहित अन्य बिंदुओं पर वार्ता करेगा. संभावना जताई जा रही है कि यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मृतक मोहन सैनी के परिजनों को मुआवजा और अन्य सहायता उपलब्ध करा देते हैं, तो आज देर रात तक आंदोलन समाप्ति की राह खुल सकती है.

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गौरतलब है कि जयपुर आगरा हाईवे पर अरोदा गांव के पास सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में 21 अप्रैल से समाज के लोग चक्का जाम कर आंदोलन कर रहे हैं. संघर्ष समिति की मांग है कि 12% आरक्षण दिया जाए, अलग से लव-कुश बोर्ड गठित किया जाए, मृतक मोहन सैनी के परिजनों को 1 करोड़ की आर्थिक सहायता, एक परिजन को सरकारी नौकरी और उसे शहीद का दर्जा दिया जाए. लेकिन गुरुवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री भजन लाल जाटव के साथ हुई प्रतिनिधि मंडल की वार्ता में मंत्री जाटव ने स्पष्ट कर दिया था कि नियमानुसार ना तो मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी मिल सकती है और ना ही उसे शहीद का दर्जा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मृतक के एक परिजन को सरकारी नियमों की पड़ताल कराने के बाद यदि संभव हुआ तो संविदा पर नौकरी दी जा सकती है.

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