Potato Crops damaged : आलू की फसल को नुकसान पहुंचा रहा पाला, घटेगी पैदावार

Potato Crops damaged : आलू की फसल को नुकसान पहुंचा रहा पाला, घटेगी पैदावार
पूरे प्रदेश में ठंड का प्रकोप अब फसलों पर भी पड़ने (Potato Crops damaged due to Frost) लगा है. भरतपुर में आलू की फसलों पर पाला जमने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. इससे पैदावार में भी गिरावट आ सकती है.
भरतपुर. जिले में पाला पड़ने के कारण आलू की फसल को भारी नुकसान हुआ है. करीब एक सप्ताह तक लगातार तापमान गिरने की वजह से फसलों पर पाला जम गया, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान आलू की फसल पर देखने को मिल रहा है. कई किसानों की आलू की फसल में 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है. अब जल्द ही कृषि विभाग जिले में आलू की फसल खराबे का सर्वे कराने की तैयारी में है.
पाले से खराब हो गई आलू की फसल : जिले के कुम्हेर क्षेत्र के गांव सांतरुक में किसानों ने अच्छी पैदावार की उम्मीद में आलू की बुवाई की थी. किसान मनोज कुंतल ने बताया कि 14 जनवरी से लगातार जिले में तापमान काफी कम रहा, शीतलहर चलने की वजह से खेतों में पाला जम गया. इससे आलू की फसल खराब हो गए. पत्ते सुख गए और अब जमीन के नीचे आलू का बढ़ाव भी नहीं हो पाएगा.
पढ़ें. Mustard mandi Price: सरसों की नई फसल की आवक हुई शुरू, ये हैं मंडी भाव
30 फीसदी तक नुकसान : किसान मनोज कुंतल ने बताया कि पाले की वजह से आलू की फसल को नुकसान हुआ है. कई खेतों में तो 50 फीसदी तक, तो कई खेतों में 30 फीसदी तक नुकसान है. इसका सीधा असर आलू की पैदावार पर पड़ेगा. गत वर्ष एक बीघा खेत में 100 से 120 कट्टे तक आलू की पैदावार हुई थी, लेकिन इस बार काफी कम पैदावार की आशंका है.
...तो बच गईं फसल : सांतरुक के किसान विक्रम सिंह ने बताया कि जिन खेतों में सर्दी के दौरान किसान ने सिंचाई नहीं की, उनमें ज्यादा नुकसान हुआ है. कई जागरूक किसानों ने समय रहते सिंचाई कर दी और सल्फर का छिड़काव भी कर दिया. उनकी आलू की फसल में न के बराबर नुकसान हुआ है.
पढ़ें. सर्दी और कोहरे के बीच यहां डूब गए 30 बीघा खेत, गेहूं की फसल को भारी नुकसान, जानें पूरा मामला
रसोई पर बढ़ सकता है भार : किसान मनोज कुंतल ने बताया कि इस बार जिले में काफी लेट तक बरसात हुई, जिसकी वजह से किसानों ने आलू के बजाय गेंहू की बुवाई कर दी. इससे आलू का रकबा घटा है. अब पाले की वजह से भी आलू की पैदावार घटेगी. सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश के आलू बहुल क्षेत्रों में और भी ज्यादा नुकसान की सूचना है. इसलिए इस बार आलू की पैदावार कम होने की संभावना है. इससे आलू के भाव ज्यादा रहेंगे. इसका सीधा असर आम इंसान की रसोई पर पड़ेगा.
अभी भी कर सकते हैं ये उपाय : बागवानी के सहायक निदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि इस बार जिले में 1294 हेक्टेयर भूमि में आलू की बुवाई की गई है. विभाग की ओर से किसानों को समय रहते पाले से फसल को बचाने के लिए सिंचाई और अन्य उपाय सुझाए थे. अभी भी किसान पाले से प्रभावित खेतों में 15 लीटर पानी में 25 ग्राम ग्लूकोज मिलाकर आलू की फसल में छिड़काव कर सकते हैं. इससे पाले का प्रभाव कम हो जाएगा. सहायक निदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि करीब 4-5 दिन बाद जिले में आलू की फसल के खराबे का सर्वे कराया जाएगा.
