Tigress ST 2 को किया ट्रेंकुलाइज, डॉक्टरों ने किया घाव का इलाज

Tigress ST 2 को किया ट्रेंकुलाइज, डॉक्टरों ने किया घाव का इलाज
सरिस्का की सबसे उम्र दराज बाघिन एसटी-2 के पैर में घाव का इलाज गुरुवार को ट्रेंकुलाइज कर किया (Tigress ST 2 treatment in Alwar) गया. इलाज कर बाघिन को एनक्लोजर में छोड़ दिया गया.
अलवर. सरिस्का की सबसे उम्रदराज बाघिन एसटी-2 लंबे समय से एनक्लोजर में बंद है. उसके पैर में घाव था. डॉक्टरों की टीम ने बाघिन को गुरुवार को ट्रेंकुलाइज किया. उसके घाव का इलाज किया. इस दौरान सरिस्का के अधिकारी व डॉक्टरों की टीम मौजूद रही. इलाज के बाद बाघिन को वापस एनक्लोजर में छोड़ दिया गया. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में उसके चोट का निशान नजर आया.
सरिस्का के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि बुधवार को बाघिन एसटी-2 के अगले दांये पैर के कंधे पर चोट का निशान दिखाई दिया. इस पर वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ डीडी मीणा के बाघिन काे नजदीक से देखने पर प्रथम दृष्टतया यह घाव चार्ज करते समय या तेज गति से मूवमेंट के दौरान किसी नुकीली लकड़ी या वस्तु से टकराने से होने की संभावना जताई गई. बाघिन के पैर के घाव की तत्काल इलाज की जरूरत से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया.
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इस पर चिकित्सीय टीम बुधवार शाम को सरिस्का पहुंची और बाघिन एसटी-2 का प्राथमिक उपचार किया गया. घाव ज्यादा होने के कारण बाघिन को निश्चेतन दिया गया. शाम को अंधेरा होने के कारण गुरुवार को मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक सरिस्का, डीएफओ, अधीनस्थ वन अधिकारियों व कर्मचारियों की मौजूदगी में वरिष्ठ पशु चिकित्सक नाहरगढ़ बायोलोजिकल पार्क जयपुर डॉ अरविंद माथुर, वरिष्ठ पशु चिकित्सक सरिस्का डॉ डीडी मीना एवं उनकी टीम ने बाघिन को ट्रंक्यूलाइज कर घाव का उपचार एवं पर्यवेक्षण किया. इलाज के बाद बाघिन का मूवमेंट एवं अन्य गतिविधियां सामान्य पाई गईं.
उल्लेखनीय है कि बाघिन उम्रदराज है और पिछले करीब एक साल से सरिस्का के एनक्लोजर में बंद है. बाघिन का एनक्लोजर में इलाज चल रहा है. बाघिन सरिस्का की सबसे उम्रदराज बाघिन है. इसलिए बाघिन को बाघों की नानी भी कहा जाता है. बीते दिनों अलवर आए राज्यपाल कलराज मिश्र को भी एंक्लोजर में बंद बाघिन दिखाई गई थी. वन विभाग के अधिकारियों की निगरानी में बाघिन रहती है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इसके भोजन व पानी की व्यवस्था भी सरिस्का की तरफ से की जाती है.
