नाबालिग से रेप: 56 साल के अधेड़ को जीवन पर्यन्त कठोर कारावास, आरोपी किराएदार के भरोसे बेटी को अकेला छोड़ जाते थे घरवाले

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Published : Dec 15, 2022, 7:43 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 11:30 PM IST

POCSO court judgement in minor rape case, convict sent to lifetime rigorous imprisonment in Ajmer

अजमेर की पॉक्सो एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने 16 वर्षीय नाबालिग लड़की से रेप के मामले में 56 साल के अधेड़ को जीवन पर्यन्त कठोर कारावास की सजा सुनाई (Minor rape convict gets lifetime imprisonment) है. दोषी नाबालिग के घर में किराएदार था. बड़ी उम्र का भरोसेमंद किराएदार समझ घर वाले बाहर जाते समय बेटी को अकेला छोड़ जाया करते थे. मामला साल 2020 का है.

नाबालिग से रेप मामले में 56 साल के अधेड़ को जीवन पर्यन्त कठोर कारावास

अजमेर. पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष अदालत संख्या 2 ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने के आरोप में 56 वर्षीय अधेड़ को जीवन पर्यन्त कठोर कारावास और एक लाख रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया (Minor rape convict gets lifetime imprisonment) है. सजा सुनाने के बाद जब आरोपी को चलानी गार्ड वापस जेल लेकर जा रहे थे, तब आरोपी रो रहा था.

विशिष्ट लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि 10 अगस्त, 2020 को कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज किया गया था. थाना क्षेत्र में एक मकान में पीड़िता का परिवार और आरोपी वासुदेव किराएदार थे. पीड़िता की मां जब काम से बाहर निकल जाती थी, तब आरोपी 16 वर्षीय सुनीता को अपने कमरे में ले जाता और वहां उसके साथ जबरन रेप करता. आरोपी ने पीड़िता को डरा धमका रखा था.

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इस कारण पीड़िता ने अपने परिजनों को उस पर हो रहे जुल्म के बारे में कभी नहीं बताया और कई बार वह रेप का शिकार हुई. मामले से पर्दा तब उठा, जब पीड़िता की अचानक तबीयत खराब हो गई. पीड़िता की सोनोग्राफी करवाई गई, तब पता चला कि वह गर्भवती है. परिजनों ने जब पीड़िता से पूछताछ की तब पीड़िता ने 56 वर्षीय किराएदार की घिनौनी करतूत के बारे में सब कुछ बता दिया. पर्चा बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.

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आरोपी को पीड़िता कहती थी अंकल: एक ही मकान में लंबे समय से किराएदार रहते आरोपी और पीड़िता के परिवार के बीच अच्छे पड़ोसी के संबंध थे. इसलिए बेटी को अकेला छोड़ने में कभी भी पीड़िता के परिजनों ने संशय नहीं किया. लेकिन पड़ोसी ने विश्वासघात कर नाबालिग बालिका का कई बार रेप किया जो उसे अंकल कहती थी. विशिष्ट लोक अभियोजक विक्रम सिंह शेखावत ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से पॉक्सो एक्ट मामले की विशेष अदालत संख्या 2 में 22 गवाह और 26 दस्तावेज पेश किए गए. आरोपी को सजा तक पहुंचाने में एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही. शेखावत ने बताया कि मामले में एक अन्य आरोपी पर भी पीड़िता ने आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस जांच में अन्य आरोपी को बाहर कर दिया गया. कोर्ट में पेश हुए चालानशीट में अन्य आरोपी का नाम नहीं था.

Last Updated :Dec 15, 2022, 11:30 PM IST
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