जवाहिरी को मारने के लिए इस्तेमाल 'निंजा' मिसाइल खतरनाक अनियंत्रित हथियारों की नई पीढ़ी का हिस्सा

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Published : Aug 6, 2022, 3:02 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 6:12 PM IST

Ninja missile

अलकायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को अमेरिका द्वारा मारे जाने के बाद तालिबान ने कहा है कि उसे जवाहिरी के मौजूद होने की जानकारी नहीं थी. वहीं उसे मारने के लिए जिस निंजा मिसाइल का इस्तेमाल किया गया है, उसे लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि ये नया हथियार नहीं है.

पोर्ट्समाउथ (ब्रिटेन) : अमेरिका की 'सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी' (सीआईए) द्वारा अलकायदा के नेता अयमान अल-जवाहिरी को हाल में मारे जाने के कारण अमेरिकी नेताओं और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच अविश्वास और गहरा गया है. इस घटना ने अमेरिका और तालिबान के बीच 2020 में हुए दोहा शांति समझौते को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

इसके साथ ही व्यापक प्रभावों वाली एक नई कहानी सामने आ रही है और वह है विकसित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय हथियारों की गति एवं प्रकृति. अल-जवाहिरी को मारने के लिए कथित रूप से इस्तेमाल किए गए हथियार- 'द हेलफायर आर9एक्स 'निंजा' मिसाइल को ही ले लीजिए. इस मिसाइल का इस्तेमाल 1970 और 1980 के दशकों में सोवियत टैंक को नष्ट करने के लिए मूल रूप से किया गया था. इसके बाद 1990 के दशक में विभिन्न क्षमताओं वाले इसके कई संस्करण विकसित किए गए. इन्हें 'रीपर' ड्रोन या हेलीकॉप्टर से दागा जा सकता है.

पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय में अप्लाइड एथिक्स के प्रोफेसर और सुरक्षा एवं जोखिम अनुसंधान के निदेशक पीटर ली के मुताबिक हेलफायर आर9एक्स 'निंजा' नया हथियार नहीं है. इसका 2017 में सीरिया में अलकायदा के आतंकवादी अबु खैर अल मसरी को मारने के लिए कथित रूप से इस्तेमाल किया गया था. 'हेलफायर' मिसाइलें विशेष रूप से तैयार की गई मिसाइल होती हैं. इन गुप्त मिसाइलों का इस्तेमाल आतंकवादियों को मारने के मकसद से सटीक हमले करने के लिए किया जाता है.

'विध्वंसक (सुपर) हथियार' : 'निंजा' मिसाइल दागे जाने पर विस्फोट नहीं होता और नुकसान भी बहुत कम होता है. साथ ही आम लोगों के हताहत होने की गुंजाइश भी कम होती है. ये व्यक्तियों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती हैं, लेकिन अन्य 'सुपर' हथियार लोगों के जीवन जीने के तरीके और युद्ध लड़ने के तरीकों को बदल सकते हैं. रूस ने पुरानी प्रौद्योगिकियों पर आधारित तथाकथित 'सुपर' हथियारों में काफी निवेश किया है. रूस की अवानगार्ड मिसाइल का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है. इसी तरह चीन की डीएफ-17 हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल भी अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली से बचने के इरादे से विकसित की गई है.

'स्वायत्त हथियारों का युग' : छोटे स्तर पर हथियारों के बाजार में मशीन गन से लैस रोबोट कुत्तों की मौजूदगी बढ़ रही है. इस बीच तुर्की ने दावा किया है कि उसने चार प्रकार के ऐसे स्वायत्त ड्रोन विकसित किए हैं, जो किसी मानवीय ऑपरेटर या जीपीएस के निर्देश के बिना अपने लक्ष्य की पहचान करके उसे मार सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की मार्च 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, लीबिया इन हथियारों का पहले से इस्तेमाल कर रहा है.

युद्ध के नए नियम : क्या भविष्य के इन हथियारों को सीमित करने के लिए नए कानूनों या संधियों की आवश्यकता है? संक्षेप में इसका उत्तर 'हां' है, लेकिन इनकी संभावना नहीं दिखती. अमेरिका ने उपग्रह-रोधी मिसाइल परीक्षण रोकने के लिए एक वैश्विक समझौता करने का आह्वान किया है - लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. इसके विपरीत अमेरिका 'मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि' से पीछे हट गया है.

घातक स्वायत्त हथियार प्रणालियां उभर रहीं हथियार प्रणालियों का एक विशेष वर्ग हैं. ये मशीन लर्निंग और अन्य प्रकार की कृत्रिम मेधा का इस्तेमाल करके अपने निर्णय लेती हैं और इन्हें मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती.
स्वायत्त हथियार प्रणालियों के लिए नए नियम : 'स्टॉप द किलर रोबोट्स' समूह ने घातक स्वायत्त हथियार प्रणालियों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है. जिनेवा में स्वायत्त हथियारों पर संयुक्त राष्ट्र की चर्चा को लेकर अघोषित गतिरोध बना हुआ है. स्वायत्त हथियारों के भविष्य में इस्तेमाल की बढ़ती संभावनाओं के बीच इन्हें नियंत्रित करने के लिए नये नियमों की आवश्यकता है.

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated :Aug 6, 2022, 6:12 PM IST
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