Rajasthan Crisis : राजस्थान में जो हुआ वह अनुशासनहीनता है, उत्साह में विधायकों ने उठाया कदम- रघुवीर मीणा

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Published : Sep 27, 2022, 5:16 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 5:24 PM IST

Rajasthan Political Crisis

राजस्थान में कांग्रेस के भीतर जारी सियासी संग्राम (Rajasthan Political Crisis) को पार्टी के वरिष्ठ नेता और सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने आनावश्यक बताया है. उन्होंने कहा कि यहां जो भी कुछ हुआ वो अच्छा नहीं है. आवश्यकता से ज्यादा बड़ा कदम उठा लिया.

उदयपुर. राजस्थान में कांग्रेस में हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा जारी (Rajasthan Political Crisis) है. नए सीएम पद को लेकर एक दिन पहले गहलोत खेमे की ओर से की गई बगावत को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. इस परे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि जो भी कुछ हुआ वो अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि विधायकों ने जिस तरह से बैठक से पहले कदम उठाया, इससे हाईकमान को ठेस पहुंची है.

रघुवीर मीणा ने कहा कि हम सभी हाईकमान के आदेश की पालना करने वाले लोगों में से हैं. मीणा ने कहा कि (Raghuveer Meena on Rajasthan Congress) रविवार को जिस तरह से पूरा घटनाक्रम देखने को मिला, इसका किसी को भी एहसास नहीं था. विधायकों ने आवश्यकता से बड़ा कदम उठा लिया, सभी लोगों को बैठकर अपनी बात रखनी चाहिए थी. ऐसे में हाईकमान जो निर्णय सुनाएगा उसको सभी लोग मानेंगे.

कांग्रेस में हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा

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यह पूरा घटनाक्रम एक प्रयोग है या सहयोगः सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि इस (Raghuveer Meena on Congress MLAs behaviour) घटनाक्रम को प्रयोग नहीं बल्कि सहयोग मानते हैं. मीणा ने कहा कि कुछ विधायकों ने ज्यादा ही उत्साह में यह कदम उठा लिया है. इसको लेकर सबको अफसोस भी है, हम सभी हाईकमान के आदेश की पालना करने वाले लोग हैं. विधायक भी पालना करेंगे.

अनुशासनहीनता का बताया मामलाः मीणा ने कहा कि ऑब्जर्वर विधायकों से एक-एक करके मिलना (Raghuveer Meena on Rajasthan Crisis) चाहते थे. विधायकों से मिले फीडबैक को राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताना चाहते थे. लेकिन कुछ लोगों का यह कहना कि वह एक-एक कर नहीं मिलेंगे, सामूहिक मिलना चाहेंगे. यह अनुशासनहीनता में आता है. उन्होंने कहा कि हाईकमान ने कभी भी यह नहीं कहा कि वहां जाकर किसी का नाम देना है. राष्ट्रीय नेतृत्व ने मल्लिकाअर्जुन खड़गे और अजय माकन को ऑब्जर्वर बना कर भेजा था कि विधायकों से संवाद हो. ऐसे में विधायकों को उनसे मिलना चाहिए था और अपने मन की बात करनी चाहिए थी. हाईकमान के फैसला लेने पर विधायकों उस पर प्रतिक्रिया दे सकते थे. लेकिन बिना वजह इतना बड़ा कदम उठाना अच्छा नहीं है.

Last Updated :Sep 27, 2022, 5:24 PM IST
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