कांग्रेस नव संकल्प शिविर का आगाज, सोनिया गांधी बोलीं- अल्पसंख्यकों को दबाकर नफरत फैला रही भाजपा

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Published : May 13, 2022, 3:07 PM IST

Updated : May 13, 2022, 4:33 PM IST

Sonia Gandhi targets BJP while addressing Nav Sankalp Shivir

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नव संकल्प शिविर (Congress Nav Sankalp Shivir) के पहले दिन कांग्रेस नेताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. सोनिया गांधी ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार नफरत फैला कर अल्पसंख्यकों को दबा (Sonia Gandhi targets BJP) रही है.

उदयपुर. कांग्रेस का तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर (Congress Nav Sankalp Shivir) आज यानि शुक्रवार से राजस्थान के उदयपुर में शुरू हो गया है. कांग्रेस का शिविर 15 मई तक चलेगा. चुनाव में लगातार हार का सामना कर रही पार्टी अपनी पुनर्संरचना और ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला करने के लिए रणनीति बनाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के देशभर के 400 बड़े नेता इसमें शामिल हुए हैं. सोनिया गांधी ने नव संकल्प शिविर के पहले दिन कांग्रेस नेताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना (Sonia Gandhi targets BJP) साधा. सोनिया गांधी ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार नफरत फैला कर अल्पसंख्यकों को दबा रही है.

कांग्रेस का नव संकल्प शिविर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के संबोधन के साथ शुरू हुआ. सोनिया गांधी ने आज अपने संबोधन में आरएसएस और भाजपा की गलत नीतियों के ऊपर जमकर प्रहार किया. साथ ही जानबूझकर देश के अल्पसंख्यकों के साथ बर्बरता करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस देश को एक स्थाई ध्रुवीकरण की स्थिति में ले आई है. जबकि अल्पसंख्यक हमारे देश के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें भी समान नागरिकता के अधिकार मिले हुए हैं.

अल्पसंख्यकों को दबाकर नफरत फैला रही भाजपा

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भाजपा की गलत नीतियों से जनता को नुकसान: सोनिया गांधी ने कहा कि आरएसएस और भाजपा की गलत नीतियों के चलते जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि हमारे संगठन के सामने यह नया टास्क है कि हम न केवल राष्ट्रीय मुद्दों को समझें बल्कि साथ ही हमारे संगठन को लेकर सार्थक आत्मा चिंतन भी करें. सोनिया गांधी ने इस बात का भी दुख जताया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके साथी लगातार 'मैक्सिमम गवर्नेंस और मिनिमम गवर्नमेंट' के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं. जिसका मतलब है कि देश को मोदी सरकार ने स्थाई पोलराइजेशन की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है, जो लोगों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर रहा है.

एकता और परंपरा पर चोट: गांधी ने कहा कि इसका मतलब है कि जानबूझकर देश के अल्पसंख्यक लोगों को टारगेट किया जा रहा है और उनके साथ बर्बरता की जा रही है. ऐसा कर हमारे समाज की सदियों से चली आ रही परंपराओं और एकता पर चोट की जा रही है. आज देश में हालात यह हैं कि राजनीतिक विरोधियों को एजेंसियों के दुरुपयोग के जरिए डराया धमकाया जा रहा है. एजेंसी का दुरुपयोग कर उनकी प्रतिष्ठा खराब की जा रही है और उन्हें जेल में डाला जा रहा है.

सोनिया गांधी का संबोधन

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कांग्रेस समाज का विभाजन करने वाले वायरस से लड़ेगी: देश में इतिहास को अब दोबारा से नए तरीके से लिखने का प्रयास किया जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं के कामों को नकार कर उनके देश के लिए किए गए सैक्रिफाइस और कंट्रीब्यूशन को भुलाया जा रहा है. यह सारा काम महात्मा गांधी के हत्यारों को गौरवान्वित करने के लिए किया जा रहा है. हमारे देश के संविधान में समानता, लोकतंत्र समानता और बराबरी के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. देश मे कमजोर, दलित, आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. देश मे डराने धमकाने की राजनीति हो रही है और इसी डर का इस्तेमाल कर भाजपा लगातार ब्यूरोक्रेसी, सोल सोसाइटी और मीडिया के एक सेक्शन को डराने का कर रही है. इतना बड़ा बहुमत पाने वाले प्रधानमंत्री को देश को एकता अखंडता से रखना था, हम हर हाल में इनके खिलाफ लड़ेंगे. भाजपा देश में शांति और भाईचारे को नुकसान पहुंचा रही है और लगातार लोगों को भड़का रही है. लेकिन कांग्रेस को इस समाज का विभाजन करने वाले इस वायरस से लड़ना है.

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गांधी ने कहा कि अब तक यह पूरी तरह से और दर्दनाक रूप से स्पष्ट हो गया है कि पीएम मोदी और उनके सहयोगियों का वास्तव में उनके नारे 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' से क्या मतलब है? इसका अर्थ है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना, लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना, अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से निशाना बनाना और उन पर अत्याचार करना जो हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं.

अब कर्ज उतारने की जरूरत: सोनिया गांधी ने कहा कि हम विशाल प्रयासों से ही बदलाव ला सकते हैं, हमे निजी अपेक्षा को संगठन की जरूरतों के अधीन रखना होगा. पार्टी ने बहुत दिया है. अब कर्ज उतारने की जरूरत है. एक बार फिर से साहस का परिचय देने की जरूरत है. हर संगठन को जीवित रहने के लिए परिवर्तन लाने की जरूरत होती है. हमें सुधारों की सख्त जरुरत है. ये सबसे बुनयादी मुद्दा है.

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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है, उससे हम अनजान नहीं हैं. हम जब चिंतन शिविर से निकलेंगे तो एक नए आत्मविश्वास के साथ नए संकल्प के साथ जनता के बीच जाएंगे. देश में बड़ी संख्या में बेरोज़गारी बढ़ी है. UPA सरकार के मनरेगा और फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट को कमज़ोर किया जा रहा है.

Last Updated :May 13, 2022, 4:33 PM IST
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