हाड़ौती में 'हाहाकार' : इटावा इलाके के कई गांव जलमग्न....गर्भवती भी फंसी, एसडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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Published : Aug 3, 2021, 3:28 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 4:36 PM IST

हाड़ौती में 'हाहाकार'

हाड़ौती में बारिश जनजीवन की अग्निपरीक्षा ले रही है. इलाके में बीते 24 घंटों में 4 इंच के करीब बारिश हुई है. इटावा के 6 गांव टापू बने हुए हैं. SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. बारां में मांगरोल इलाके में 4 लोगों को रेक्सयू किया गया है. ये लोग बाणगंगा के बहाव में फंसे थे.

इटावा (कोटा). जिले में कमोबेश बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. बीते 3 दिन से इलाके में लगातार बारिश हो रही है. 24 घंटे में 94.7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. वहीं बीते 48 घंटे में 150 मिलीमीटर बारिश हुई है.

इटावा तहसील के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर रही है. मांगरोल के बोहत के हिंगोनिया से एक परिवार को बोट के सहारे रेस्क्यू किया गया है. यह परिवार बाणगंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण खेत में बने अपने मकान में फंस गया था. इटावा के ही बोरदा गांव में एक गर्भवती फंसी हुई है, जिसको निकलने के लिए एसडीआरएफ की टीम कोशिश कर रही है.

देखिये हाड़ौती में हाहाकार की तस्वीरें

बोरदा गांव में 6 कच्चे मकान गिर गये हैं. पार्वती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. खातोली कस्बे से मदनपुरा और हरेरा गांव का संपर्क टूट गया है. आम रास्तों की रपट पर पानी का तेज बहाव है जिसे पार करना संभव नहीं है. बिजली भी कई घंटों से गुल है. ऐसे में लोग मोबाइल के जरिए भी मदद की गुहार नहीं लगा पा रहे हैं.

एसडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन
कई गांव बने टापू

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इटावा में खाकीनगर में 4 कच्चे मकान जमींदोज हो गए हैं. हादसे में जनहानि नहीं हुई है. बरसात के कारण बेघर हुए लोगों के लिए प्रशासन की तरफ से आश्रय स्थल और धर्मशालाओं में रुकने की व्यवस्था की जा रही है.

हाड़ौती में 'हाहाकार'
कई कच्चे मकान धराशायी

कोटा में जल प्लावन की स्थिति

कोटा शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न हैं. बोरखेड़ा इलाके की कॉलोनियां इनमें शामिल हैं. जवाहर नगर जैसी पॉश कॉलोनी में भी पानी भर गया है. अनंतपुरा थाने के पीछे कच्ची बस्ती में एक से डेढ़ फीट तक पानी है. नयागांव इलाके की ज्ञान सरोवर कॉलोनी की सड़कें और खाली प्लॉट जलमग्न हैं. पानी कई मकानों में प्रवेश कर गया है.

हालांकि शहर का ड्रेनेज सिस्टम पिछली बार से काफी अच्छा है. लेकिन हालात काबू से बाहर हैं. पानी की निकासी नहीं होने के चलते सड़कों पर पानी आ गया है. कोटा बैराज से भी लगातार दूसरे दिन पानी की निकासी जारी है. तीन गेट 3-3 फीट खोलकर 11000 क्यूसेक पानी चम्बल नदी में छोड़ा जा रहा है.

Last Updated :Aug 3, 2021, 4:36 PM IST
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