जोधपुर में बैठकर गुजरात के व्यापारी से ऑनलाइन ठगी, कंपनी का कर्मचारी ही निकला मास्टरमाइंड...तीन गिरफ्तार

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Published : Sep 7, 2022, 9:57 PM IST

व्यापारी से ऑनलाइन ठगी

जोधपुर में बैठकर गुजरात के व्यापारी से ऑनलाइन ठगी करने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य आरोपी व्यापारी की कंपनी का ही कर्मचारी है. उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर जालसाजी कर व्यापारी को 5 लाख से अधिक का चूना लगाया था.

जोधपुर. गुजरात के व्यापारी से ऑनलाइन ठगी कर पांच लाख का चूना लगाने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार (Online fraud from Gujarat businessman from Jodhpur) कर लिया है. बिना पासवर्ड और एनएफईटी की सहायता के ऑनलाइन जालसाजी कर व्यापारी सोहन लाल उपाध्याय को चूना लगाने वाले आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं. जालसाजों ने इसके लिए आरटीजीएस का प्रयोग किया और बैंक में जाकर राशि हस्तांरित करवाई. इस घटना को मास्टरमाइंउ व्यापारी का ही (company employee turned out to be mastermind) कर्मचारी निकला जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर जालसाजी की.

डीसीपी ईस्ट डॉ अमृता दुहन ने बताया कि इस पूरे घटना का मुख्य मास्टरमाइंड पवन उपाध्याय है जो गुजरात के वापी में केबी पैकेजिंग में काम करता है. उसने अपनी कंपनी के चेक चुराकर इस घटना को अपने साथियों के मार्फत अंजाम दिलवाया. जोधपुर पुलिस ने यहां उसके साथ इंद्रसिंह व बबलू गुर्जर को पकड़ लिया. वहीं केबी पैकेजिंग की शिकायत पर गुजरात पुलिस ने पवन को डिटेन किया जिसे जोधपुर पुलिस लेकर आएगी. खास बात यह है कि बैंक में जाकर आरटीजीएस के मार्फत ज्वेलर के खाते में राशि ट्रांसफर करवाने के बाद बदमाशों ने पहले चेन खरीदी फिर सीधे मणपुरम्म गोल्ड लोन सेंटर गए और एक चेन गिरवी रख एक लाख रुपए भी उठा लिए. पुलिस ने उनसे 94 हजार रुपए और चेन भी बरामद कर ली है.

व्यापारी से ऑनलाइन ठगी

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छह माह से चल रही थी प्लानिंग
नागौर निवासी पवन कुछ समय पहले अपने घर आया था. इंद्रसिंह से बात कर उसने जाललाजी कर रुपए निकालने की साजिश रची. इसके लिए बाकायदा उसने अपने मालिक के हस्ताक्षर करने की प्रेक्टिस की. हाल ही में जब उसके पास ब्लैंक चेक आ गए तो उसने इंद्र सिंह को वापी बुलाया और समझाया कि आरटीजीएस से भुगतान करवाना है. चेक पर हस्ताक्षर कर उसे सौंप दिए. मंगलवार को इंद्र सिंह जोधपुर पहुंचा तो अपने साथी बबलू के साथ ज्वेलर के पास गया और दो चेन लेकर आरटीजीएस से पांच लाख 31 हजार का भुगतान कर निकल गया, लेकिन कुछ देर में ही ज्वेलर के पास गुजरात से इस ट्रांजेक्शन को लेकर कॉल आया तो उसने पुलिस को सूचित किया. इसके बाद पुलिस ने रात को ही दोनों को सीसीटीवी व तकनीकी साक्ष्यों की सहायता से डीएसटी के सहयोग से पकड़ लिया.

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हाथों हाथ बनाया स्टांप
ज्वेलर को भुगतान के लिए बैंक में आरटीजीएस के लिए चेक दिया तो बैंक ने आरटीजीएस फॉर्म भर कर उस पर सील लगाने का कहा, लेकिन दोनों के पास केबी पैकेजिंग की सील नहीं थी. पवन से संपर्क कर तुरंत बैंक से निकल कर अर्जेंट में स्टांप बनवाई और बैंक में जाकर फार्म भरा और उस पर जाली हस्ताक्षर कर सौंप दिया. आरटीजीएस से राशि हस्तांतरित हुई तो केबी पैकेंजिग के मालिक को सूचित किया गया कि आपके आग्रह पर राशि ट्रांसफर कर दी गई है. तब कंपनी को जालसाजी का पता चला.

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