Unhappy Guda On Congress: बोले मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा- कमिटमेंट अधूरा, विश्वास हिला

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Published : Jul 26, 2022, 9:19 AM IST

Updated : Jul 26, 2022, 10:50 AM IST

Unhappy Guda On Congress

राजस्थान में कभी सरकार बचने का दावा करने वाले बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक (Unhappy Guda On Congress) अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे हैं. सरकार में हिस्सा बने मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा इन नाराज विधायकों G-6 का नेतृत्व भी कर रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान के मुखिया अशोक गहलोत अकसर बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को थैंक्स कहना नहीं भूलते. सार्वजनिक मंच से सचिन पायलट गुट पर निशाना साधते हुए गाहे बगाहे कहते हैं कि ये न होते तो कांग्रेस सत्ता में न होती. माना जाता है कि राजेन्द्र गुढ़ा से सीएम की छनती भी खूब है. लेकिन इस सबके बीच गुढ़ा जब भी मौका मिलता है प्रदेश सरकार को कोसते सुनाई दे ही जाते हैं. इन दिनों फिर मंत्री जी सरकार से नाराज हैं (Unhappy Guda On Congress). नाराज जी 6 की अगुवाई भी कर रहे हैं. मीडिया से बातचीत की तो दिल का गुबार निकाल कर रख दिया.

एडजस्टमेंट वाली बात भी अटकी: गुढ़ा ने अपने साथियों का दर्द बयां किया. कहा- मेरे कहने पर विधायक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए ,क्योंकि मैं पुराना आदमी भी था. पहले मंत्री भी रह चुका था. पिछली बार 6 बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में से, 3 विधायकों को संसदीय सचिव और 3 विधायकों को मंत्री बनाया गया था. इस बार भी उम्मीद थी कि विधायकों को सरकार का साथ देने के लिए एडजस्ट किये जाने का कमिटमेंट पूरा हो जाएगा, लेकिन इस बार हमारे साथ किया गया कमिटमेंट पूरा नहीं हुआ.

कमिटमेंट अधूरा, विश्वास हिला

नियुक्ति मिली सुविधाएं नहीं: मंत्री गुढ़ा के मुताबिक उनके साथियों को सरकारी पद तो मिल गया लेकिन जो सुविधाएं अपेक्षित थीं वो नहीं मिली. उन्होंने कहा- हमारे दो साथी वाजिब अली और संदीप यादव को तो सरकार में कोई हिस्सेदारी दी ही नहीं गई और लाखन मीणा को राजनीतिक नियुक्ति तो दी लेकिन न उन्हें गाड़ी मिली न स्टाफ और न ही ऑफिस. ऐसे में अब मुख्य बात यह है कि हमारे जो साथी विधायक हैं इन लोगों को इस बात का भी भरोसा नहीं है कि आने वाले टाइम में इनका टिकट होगा या नहीं.

कमिटमेंट नहीं हुआ पूरा: मंत्री कहते हैं- राज्यसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुकुल वासनिक और सुरजेवाला ने हमसे यह कमिटमेंट किया था कि वह हमें राहुल गांधी ,सोनिया गांधी से मिलवा कर हमारी टिकट के लिए बात करवा देंगे. लेकिन मंत्री बनवाना तो दूर इस बार तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी से बात करवाने के वादे का भी कमिटमेंट पूरा नहीं किया. जिसके चलते पहले से मंत्री नहीं बनाए जाने पर जो अविश्वास हमारे साथियों में है वो अब और बढ़ गया है. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हम कमिटमेंट पूरे नहीं होने को लेकर चिंतित भी हैं ओर अगर यह कमिटमेंट पूरे नहीं होते हैं तो फिर हमें सरकार को दिए गए समर्थन को लेकर आगे सोचना भी पड़ेगा.

चुनाव सामने क्लियर करें स्टैंड: राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि पिछली बार बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सभी विधायकों को कांग्रेस के टिकट भी मिले थे और छह में से तीन को मंत्री बनाया गया. 3 को संसदीय सचिव बनाया गया. यही बात सबके दिमाग में थी लेकिन यह बातें पूरी नहीं हो पाई और जिस तरह का एटीट्यूड कुछ मंत्रियों का है उससे हमें अब ज्यादा अविश्वास हो गया है. अब क्योंकि चुनाव सामने आ रहे हैं ऐसे में हम चाहते हैं कि टिकट को लेकर बातें क्लियर हो जाए कि कौन कहां रहेगा और कैसे रहेगा? यही बात असुरक्षा की भावना पैदा कर रहा है.

G-6 अब G-7: आपको बता दें कि सरकार से नाराज चल रहे G-6 विधायकों की संख्या अब निर्दलीय विधायक बलजीत यादव के शामिल होने से बढ़कर G-7 हो चुकी है. अब इस G-7 में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब अली ,लाखन मीणा, संदीप यादव, कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज मलिंगा के साथ ही निर्दलीय विधायक बलजीत यादव भी शामिल हो गए हैं. कहा जा रहा है इन सात में से दो विधायकों ने बसपा के आलाकमान से संपर्क भी किया है.

'हम अब कांग्रेसी ओर जो कांग्रेस करेगी वो ठीक': अब से कुछ समय पहले तक जो राजेंद्र गुढा यह कहते नजर आते थे कि वह कांग्रेस नहीं बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ आए थे. अब वही राजेंद्र गुढ़ा अपने आप को कांग्रेस के साथ होने की बात कहने लगे हैं. जब राजेंद्र गुड्डा से यह पूछा गया कि अगर प्रदेश में सत्ता को लेकर कोई परिवर्तन होता है तो वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ रहेंगे या कांग्रेस के साथ? तो उन्होंने साफ किया की मैं अभी सत्ता परिवर्तन को लेकर ज्यादा दिमाग नहीं लगा रहा ,न ही हमें यह पता कि सत्ता और संगठन में क्या बदलाव होगा? अभी तो मुझे खुद नहीं पता कि ऐसी परिस्थितियों में मुझे क्या फैसला करना होगा. साथियों के साथ बैठेंगे और निर्णय करेंगे लेकिन अभी तो स्थितियां ठीक नहीं है. उन्होंने यह बात जरूर साफ कर दी है कि वह अब कांग्रेसी हैं और कांग्रेस जो करेगी वह ठीक होगा.

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शिक्षित बेरोजगार खतरे की घण्टी: अभी कांग्रेस में सबसे बड़ी चर्चा अगर कोई चल रही है तो वह यह है कि साल 2023 में कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सकेगी या नहीं. जहां सचिन पायलट पिछले 25 साल की बात कहते हुए लगातार यह सवाल उठाते हैं कि क्या कारण है कि राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं हो पाती. तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार प्रदेश में इस बार 2023 में सरकार रिपीट होने के दावे कर रहे हैं. नाराज विधायकों की अगुवाई कर रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सरकार की सारी चीजें भले ही अच्छी हों, बजट भी अच्छा था काम भी अच्छे हो रहे हैं और मेडिकल क्षेत्र में तो सरकार का कोई जवाब नहीं लेकिन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती वह शिक्षित बेरोजगार हैं, जो बेरोजगार घूम रहा हैं. शिक्षित बेरोजगारों की समस्या को लेकर न तो पिछली भाजपा सरकार ने कुछ किया और न ही वर्तमान सरकार ने, ऐसे में शिक्षित बेरोजगारों का ऊंट किस करवट बैठेगा उसी और सत्ता होगी. यही शिक्षित बेरोजगार सरकार के रिपीट होने में सबसे बड़ी बाधा हैं.

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भ्रष्टाचार पर बोलने का अधिकार केवल भरत सिंह को: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की नाराजगी को लेकर एक कारण यह भी माना जाता है कि जो राजेंद्र गुढ़ा पिछली गहलोत सरकार के समय बसपा से कांग्रेस में शामिल होकर मंत्री बने थे, उन्हीं के साथ बसपा से कांग्रेस में आए रमेश मीणा को पंचायती राज विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. राजेंद्र गुढ़ा को उसी पंचायती राज विभाग का राज्य मंत्री. इस सबके बीच राजस्थान में सोमवार को एक रोचक घटना भी हुई. कांग्रेस की गहलोत सरकार में मंत्री रह चुकीं और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी पंचायती राज के कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा की भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर पंचायती राज विभाग के राज्यमंत्री राजेंद्र गुढा के पास पहुंच गईं. उन्होंने रमेश मीणा की शिकायतें लिखित में भी दीं. लेकिन मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह अगर कोई बात कहते हैं तो वह समझ में आती है क्योंकि भरत सिंह 100% इमानदारी पर बोलने का अधिकार रखते हैं.

राजस्थान में भ्रष्टाचार पर बोलने के लिए अगर कोई फिट आदमी है तो उसका नाम भरत सिंह कुंदनपुर है. बाकी लोगों के बारे में मैं नहीं बोल सकता. मंत्री रमेश मीणा को कैबिनेट मंत्री और उन्हें राज्यमंत्री बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कब क्या हो जाए इसे लेकर कहा नहीं जा सकता. कभी मैं रमेश मीणा का सीनियर था अब वह मेरे सीनियर हो गए हैं. यह सब राजनीति में चलता रहता है, सीनियर जूनियर की कोई बात नहीं है. गोलमा देवी आई थीं लिखित में अपनी शिकायत भी देकर गई हैं जो मैं मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगा.

Last Updated :Jul 26, 2022, 10:50 AM IST
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