जयपुर. जयपुर का प्रसिद्ध राजमंदिर सिनेमाघर जिसे निहारने के लिए हर दिन सैकड़ों देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं और अपने साथ यहां की खूबसूरती को कैमरे में कैद करके भी लेकर जाते हैं. लेकिन वर्तमान में इसी राजमंदिर से निकलने के बाद कुछ ऐसी तस्वीर भी उनके जहन में घर कर रही है, जो शहर की साख पर भी बट्टा लगा रही है.
राजमंदिर के पार्किंग और एग्जिट गेट से लगते हुए राधा मार्ग पर बीते करीब 60 दिन से सीवरेज की लाइन टूटी हुई है और सीवर का पूरा पानी रोड पर जमा हो रहा है. यही नहीं यहां रोड भी टूटी हुई है. जिसकी वजह से वाहन चालकों, राहगीरों और खासकर राजमंदिर में पहुंचने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता (Locals and tourists facing problems as sewer line broken) है. इस संबंध में नगर निगम प्रशासन से लेकर यूडीएच मंत्री तक को शिकायत भेजी गई, लेकिन इसका समाधान नहीं निकल पाया.
ईटीवी भारत जब मौके पर पहुंचा तो यहां स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने हर दिन पेश होने वाली परेशानियों से भी अवगत कराया. व्यापारियों ने बताया कि सीवर का पानी जमा होने से दुकान पर बैठना तक मुश्किल हो जाता है. 2 महीने से यही स्थिति बनी हुई है, स्थानीय पार्षद को शिकायत की तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए. राजमंदिर से निकलने वाले पर्यटक भी इस गंदे पानी से बचते-बचाते निकलते हैं और कई बार गिर भी जाते हैं. यही नहीं कई बार टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर भी यहां गिर चुके हैं. बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हो रही.
वहीं राजमंदिर प्रशासन से अंकुर खंडेलवाल ने बताया कि ये राजधानी का रिहायशी इलाका है. जयपुर की शान राजमंदिर यहां है. बावजूद इसके इस ओर निगम प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा. इस संबंध में निगम प्रशासन ही नहीं यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल तक को शिकायती पत्र दिया जा चुका है. लेकिन आज तक समाधान नहीं निकल पाया. राजमंदिर की मेंटेनेंस को देखकर पर्यटक जहां खुश होते हैं, वहीं बाहर निकलने के साथ ही उन्हें सीवर के पानी और टूटी सड़क से दो चार होना पड़ता है, जो शहर की छवि भी बिगाड़ता है. राधा मार्ग की ये स्थिति ना सिर्फ बीमारियों को न्योता दे रही है, बल्कि दुर्घटनाओं का सबब भी बनती है. बावजूद इसके निगम प्रशासन ने यहां से मुंह मोड़ा हुआ है. यहां कुछ स्थानीय व्यापारियों ने बिल्डिंग मैटेरियल को बिछा कर राह सुगम बनाने का प्रयास जरूर किया है. लेकिन यदि निगम प्रशासन जल्द इस पर संज्ञान नहीं लेता, तो इसका असर जयपुर के टूरिज्म पर भी पड़ेगा.
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नगर निगम की ग्रेटर की लापरवाही ने हादसे को दी दावत!: उधर प्री मानसून की बारिश ने ग्रेटर नगर निगम के दावों की कलई खोल दी है. राजधानी के सहकार भवन के पास एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के बेसमेंट में क्षतिग्रस्त सीवरेज लाइन का गंदा पानी भर गया, जिससे आसपास के माकनों की दीवारें गिर गईं. गनीमत रही कि इस हादसे में जानमाल की काई हानि नहीं हुई. वहीं सिविल डिफेंस और निगम की टीमें बेसमेंट से पानी निकालने और राहत कार्य में जुटी रहीं. इससे पहले ग्रेटर नगर निगम की महापौर और कमिश्नर अलग-अलग मानसरोवर और मालवीय नगर जोन में बारिश के दौरान जल भराव और नालों की स्थिति का जायजा लेने के लिए फील्ड में निरीक्षण पर भी निकले थे.
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आपको बता दें कि निगम प्रशासन ने इस बार बड़े नालों की सफाई का भी दावा किया था, लेकिन बड़े नालों का साफ करना तो दूर, छोटे नाले भी अब तक महज 50 फीसदी ही साफ हो पाए हैं. ऐसे में प्री मानसून की बारिश में रकई जगह जलभराव की स्थिति बनती (Water logging in Jaipur during raining season) दिखी.
नगर निगम ग्रेटर की लापरवाही ने हादसे को दी दावत : प्री-मानसून की बारिश ने ग्रेटर नगर निगम के दावों की कलई खोल दी. राजधानी के सहकार भवन के पास एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के बेसमेंट में क्षतिग्रस्त सीवरेज लाइन का गंदा पानी भर गया, जिससे आसपास के मकानों की दीवारें गिर गईं. गनीमत रही कि इस हादसे में जान माल की कोई हानि नहीं हुई. वहीं, सिविल डिफेंस और निगम की टीमें बेसमेंट से पानी निकालने और राहत कार्य में जुटी हुई हैं.
हालांकि, इससे पहले ग्रेटर नगर निगम की महापौर और कमिश्नर अलग-अलग मानसरोवर और मालवीय नगर जोन में बारिश के दौरान जलभराव और नालों की स्थिति का जायजा लेने के लिए फील्ड में निरीक्षण पर भी निकले थे.