जयपुर. राजस्थान के हेरिटेज नगर निगम जयपुर में बवाल (Ruckus in Jaipur Heritage Nagar Nigam) थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को बीजेपी पार्षदों ने कमिश्नर को नोटिस देते हुए 10 दिन में बोर्ड बैठक नहीं कराने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही तो वहीं कर्मचारियों ने 12 घंटे में वेतन का भुगतान नहीं करने पर आंदोलन की तरफ अग्रसर होने की चेतावनी दी.
हेरिटेज नगर निगम में ठेकेदार हड़ताल पर चल रहे हैं, जिसकी वजह से विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं. पार्षद महापौर की ओर से चर्चा किए बिना बजट राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए भेजने से खफा चल रहे हैं और बोर्ड बैठक में अपनी बात रखने का इंतजार कर रहे हैं. 7 दिन पहले एक तिहाई से ज्यादा पार्षदों ने अपने हस्ताक्षर के साथ महापौर को नगर पालिका अधिनियम की धारा 51 की उप धारा 1 के तहत बोर्ड बैठक बुलाने को लेकर नोटिस दिया था. लेकिन 7 दिन बाद भी इस पर संज्ञान नहीं लिया गया.
ऐसे में बुधवार को बीजेपी पार्षदों ने कमिश्नर को 10 दिन का नोटिस देते हुए बोर्ड बैठक कराने की अपील की और बोर्ड बैठक नहीं बुलाए जाने की स्थिति में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही. बीजेपी की वरिष्ठ पार्षद कुसुम यादव ने कहा कि जो मीटिंग हर 2 महीने में एक बार होनी चाहिए, वो निगम महापौर और कांग्रेस सरकार की हठधर्मिता के चलते सवा साल में एक बार हुई है. लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है.
आलम ये है कि 7 दिन का इंतजार करने के बाद भी मेयर ने बोर्ड बैठक को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में अब कमिश्नर को बोर्ड बैठक कराने के लिए नोटिस दिया गया है. वहीं, बीजेपी पार्षद विमल अग्रवाल ने कहा कि (Councilor demanded board meeting in Jaipur Nagar Nigam) आयुक्त को एक तिहाई से ज्यादा पार्षदों के हस्ताक्षर का नोटिस दिया गया है. उन्हें 10 दिन में मीटिंग बुलाना जरूरी है और यदि बोर्ड मीटिंग नहीं बुलाई जाती तो कोर्ट में जाने का रास्ता खुला है.
उधर, बीजेपी पार्षदों के साथ-साथ कांग्रेस के पार्षद भी अपने ही बोर्ड के खिलाफ नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और बोर्ड बैठक नहीं कराए जाने के साथ ही निगम प्रशासन की ओर से रोकी गई कर्मचारियों की सैलरी को लेकर के भी उन्होंने सवाल उठाए. कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद उमर दराज ने कहा कि 20 साल से वो लगातार पार्षद हैं और पहली दफा 1 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी बोर्ड बैठक नहीं हुई.
इससे ज्यादा शर्म की कोई बात नहीं कि सरकार कांग्रेस की बोर्ड कांग्रेस का उसके बावजूद कांग्रेस के पार्षद ही नाकाम हो रहे हैं. कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान नहीं करने को लेकर उन्होंने कहा कि ये भी शर्म की बात है कि निगम के कर्मचारियों की सैलरी रोकी गई. मौजूदा अधिकारी का ये दायित्व बनता है कि निगम में काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी सैलरी का भुगतान करें.
वहीं, सैलरी भुगतान की मांग को लेकर कमिश्नर के पास पहुंचे कर्मचारी ट्रेड यूनियन की मानें तो कर्मचारियों के पास सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियां भी हैं. लेकिन सैलेरी नहीं मिलने से उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ रहा है और सर्वोच्च पद पर बैठने के बाद भी कमिश्नर कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने पर असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं जो बड़ी दुर्भाग्य की बात है. इसे लेकर सफाई कर्मचारी संघ ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि 12 घंटे में कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं करने पर आंदोलन की तरफ अग्रसर होंगे.
इन सबके बीच बुधवार को आयुक्त अवधेश मीणा अधिकारियों की मीटिंग लेते रहे. इस दौरान आयुक्त ने हेरिटेज सिटी को केबल के जाल से मुक्त करने के लिए 15 दिन तक केबल हटाने का अभियान चलाने, 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने, 19 अप्रैल को तंबाकू निषेध अभियान चलाने, 30 अप्रैल से तंबाकू बेचने वालों का चालान करने और महापौर के निर्देशानुसार सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं मिलने पर सफाई निरीक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने जैसे कई अहम फैसले लिए. हालांकि, मीटिंग के दौरान कर्मचारियों की सैलरी और ठेकेदारों के बकाए भुगतान को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई.
उधर, ग्रेटर नगर निगम में 7 अप्रैल को प्रस्तावित बोर्ड मीटिंग पर कमिश्नर की रजामंदी नहीं मिलने के बाद ये मीटिंग (Mayor Soumya Gurjar Complaint) फिलहाल होती नहीं दिख रही. ऐसे में महापौर सौम्या गुर्जर ने बुधवार को राज्य सरकार को इस संबंध में पत्र लिख शिकायत भी दर्ज कराई है.