Reality Check: ₹8 में भर पेट पौष्टिक आहार मिलने से लोग संतुष्ट, सफाई व्यवस्था भी मिली माकूल

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Published : Sep 18, 2022, 12:58 PM IST

सरकार का 358 रसोइयों को बढ़ाकर 1000 करने का लक्ष्य

प्रदेश की गहलोत सरकार इंदिरा रसोई योजना (Indira Rasoi Yojana) के दो साल पूरे होने के बाद रसोईयों की संख्या बढ़ाने जा रही है. प्रदेश सरकार रसोईयों की संख्या 358 से बढ़ाकर 1000 करने जा रही है. इन रसोईयों में लोगों को 8 रुपए में पौष्टिक आहार मिल पाएगा. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में संतोषजनक तस्वीरें सामने आईं.

जयपुर. राज्य सरकार इंदिरा रसोई योजना के दो साल पूरे होने पर अब इन रसोइयों की संख्या को बढ़ाकर एक हजार करने जा रही है. खास बात ये है कि इन रसोइयों में महज 8 रुपए में मिल रहे पौष्टिक आहार और इंदिरा रसोइयों की सफाई व्यवस्था से लाभार्थी काफी संतुष्ट हैं और ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में भी संतोषजनक तस्वीरें सामने आईं.

प्रदेश में 'कोई भूखा ना सोए' उद्देश्य के साथ दो साल पहले प्रदेश में 358 स्थाई रसोईयों का संचालन और 50 एक्सटेंशन काउन्टर शुरू किए गए. इन रसोइयों को सामुदायिक भवन, रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, अस्पताल, मण्डी, चौकड़ी, आश्रय स्थलों के पास ज्यादातर सरकारी भवनों में की गई. जहां जरूरतमन्दों को सुबह और रात को पौष्टिक भोजन महज 8 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रशासन का दावा है कि इन रसोइयों में पूरी पारदर्शिता भी रखी जा रही है. रसोई संचालक की ओर से गलत कूपन काटे जाने पर 2000 रुपए प्रति गलत कूपन पेनल्टी लगाने का प्रावधान किया गया है. वहीं रसोई संचालकों की ओर से फर्जी कूपन काटे जाना प्रमाणित होने पर एक लाख रूपए की पेनल्टी, अनुबन्ध निरस्त और संस्था को ब्लैक लिस्ट किए जाने का प्रावधान है. इसके साथ ही यहां सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद करने का भी दावा किया जाता है.

इंदिरा रसोई योजना

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रसोईयों का रियलिटी चेक: इसी का रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम लालकोठी, रेलवे स्टेशन, सिंधी कैंप बस स्टैंड और एसएमएस अस्पताल स्थित इंदिरा रसोई पहुंची. जहां तस्वीरें संतोषजनक नजर आई. खाने की क्वालिटी के साथ-साथ रसोइयां हाइजीन के लिहाज से भी बेहतर मिली. वहीं लाभार्थी भी यहां मिलने वाले भोजन और साफ सफाई से संतुष्ट दिखे. हालांकि लाल कोठी स्थित रसोई पर फिलहाल रोटरी क्लब की ओर से नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन एक लाभार्थी ने बताया कि पूर्व में यहां उनसे कई बार ₹8 की बजाय ₹10 लिए गए. लेकिन अतिरिक्त ₹2 के एवज में दो रोटी दे दी गई.

बता दें कि इन रसोइयों पर लाभार्थियों के लिए भोजन प्रायोजित भी कराया जाता है. भामाशाहों की ओर से किसी परिजन की वर्षगांठ, जन्मदिन और अन्य किसी उपलक्ष्य में भोजन प्रायोजित करने की व्यवस्था भी की गई है. इस योजना के तहत अब तक 19 हजार 68 भामाशाह भोजन प्रायोजित करा चुके हैं.

रसोई की संख्या

क्षेत्रनिकाय की संख्या वर्तमान में संचालित रसोईनवीन प्रस्तावितकुल रसोई
नगर निगम10 87 174 261
नगर परिषद34102209311
नगर पालिका169169259428

वहीं, राज्य सरकार ने बजट 2022-23 में रसोइयों की संख्या 358 से बढ़ाकर 1000 करते हुए हर साल 13.81 करोड़ भोजन की थाली परोसे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसकी पालना में 642 नई रसोई शुरू की जानी है. बताया जा रहा है कि इस क्रम में 625 रसोइयों के स्थान और भवन का चयन पूरा कर लिया गया है और विभिन्न संस्थानों से अनुबंध की कार्रवाई की जा रही है. प्रशासन का दावा है कि इसी महीने राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार नई इंदिरा रसोइयों का संचालन भी शुरू कर दिया जाएगा.

इंदिरा रसोई योजना की विशेषताएं

  • लाभार्थी को 8 रूपये में शुद्ध, ताजा एवं पौष्टिक भोजन
  • सम्मानपूर्वक एक स्थान पर बैठाकर भोजन व्यवस्था
  • राज्य सरकार की ओर से 17 रुपए प्रति थाली अनुदान
  • योजना हेतु प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए का प्रावधान
  • प्रतिदिन 1.34 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 4.87 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य. आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है.
  • सामान्यतः दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 बजे से मध्यान्ह 1:00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सांयकाल 5:00 बजे से 8:00 बजे तक उपलब्ध कराया जाएगा.
  • भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं आचार सम्मिलित है.
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