राजोरी में आतंकियों से लोहा लेते झुंझुनू के सूबेदार राजेंद्र प्रसाद शहीद

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Published : Aug 11, 2022, 3:43 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 9:14 PM IST

Rajendra Prasad of Jhunjhunu martyr

जम्मू कश्मीर के राजोरी में आतंकियों के आत्मघाती हमले में राजस्थान के झुंझुनू निवासी सूबेदार राजेंद्र प्रसाद शहीद (Rajendra Prasad of Jhunjhunu martyr) हो गए. आतंकियों के हमले में सेना के 3 जवान शहीद हुए हैं जिनमें सूबेदार राजेंद्र भी शामिल हैं.

जयपुर. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के परगल में गुरुवार को सुबह भारतीय सेना की पोस्ट पर आतंकियों के आत्मघाती हमले (terrorist encounter in Jammu and kashmir) को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है. जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के भी 6 जवान घायल हुए थे, जिनमें से 3 शहीद हो गए हैं. शहीद होने वालों में राजस्थान के झुंझुनू जिले के सूबेदार राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad of Jhunjhunu martyr) भी शामिल हैं. राजेंद्र प्रसाद झुंझनू के माली गांव के रहने वाले थे. शहीद राजेन्द्र प्रसाद के साथ ही मदुरै के राइफलमैन लक्ष्मणन डी और फरीदाबाद हरियाणा निवासी राइफलमैन मनोज कुमार भी शामिल हैं.

जम्मू कश्मीर आतंकी हमले में शहीद राजस्थान के झुंझुनू जिले के सूबेदार राजेंद्र प्रसाद झुंझनू के माली गांव के निवासी थे. शहीद राजेन्द्र प्रसाद के साथ ही मदुरै के राइफलमैन लक्ष्मणन डी और फरीदाबाद (हरियाणा) निवासी राइफलमैन मनोज कुमार भी शामिल हैं..

सूबेदार राजेंद्र प्रसाद शहीद

पढ़ें. जम्मू कश्मीर: राजौरी के परगल इलाके में दो आतंकी ढेर, तीन जवान शहीद

आज सुबह क्षेत्र में अलर्ट रहे संतरी ने खराब मौसम और घने पत्तों का फायदा उठाते हुए 2 संदिग्ध व्यक्तियों को अपनी पोस्ट के पास आते देखा. संदिग्धों ने चौकी के अंदर प्रवेश करने का प्रयास करते हुए ग्रेनेड भी फेंके. इसपर पोस्ट पर तैनात सैनिकों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और ग्रेनेड हमले से लगी आग पर (two terrorist killed in Rajouri encounter) काबू पाने के साथ ही दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया. ऑपरेशन में भारतीय सेना के छह जवान घायल हो गए, जिनमें से तीन बहादुर सैनिक आतंकवादियों के इस आत्मघाती हमले में शहीद हो गए. 1 जुलाई 1974 को जन्मे शहीद राजेंद्र प्रसाद ने 1995 में भारतीय सेना ज्वाइन की थी. शहीद सूबेदार राजेंद्र प्रसाद के परिवार में उनकी पत्नी तारामणि, दो बेटियां प्रिया और साक्षी के साथ ही एक बेटा अंशुल भी है.

शहीद राजेन्द्र प्रसाद की पत्नी तारामणी बच्चों के साथ गांव में रहती हैं. शहीद के भतीजे विजेंद्र ने बताया कि राजेन्द्र प्रसाद 16 जुलाई को ही छुट्टी से लौटकर ड्यूटी पर गए थे. नवम्बर में बेटी की शादी के लिए आने वाले थे. अब उनके शहीद होने की सूचना आई है.

राजेन्द्र प्रसाद 21 साल की उम्र में ही 23 फरवरी 1995 को सेना में भर्ती हुए थे. ग्रामीणों ने बताया कि अभी नवम्बर में ही आने वाले थे. राजेन्द्र प्रसाद ने हाल ही में अपनी बेटी की सगाई की थी. बेटी की शादी के लिए छुट्टी लेकर आने की तैयारी थी. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परवेज हुसैन ने बताया कि शहीद राजेन्द्र प्रसाद की पार्थिव देह गुरुवार को झुंझुनू पहुंचेगा. इसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Last Updated :Aug 11, 2022, 9:14 PM IST
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