National Javelin Throw Day: राजस्थान के इन खिलाड़ियों ने लहराया जेवलिन थ्रो में परचम

National Javelin Throw Day: राजस्थान के इन खिलाड़ियों ने लहराया जेवलिन थ्रो में परचम
भारत में 7 अगस्त को पहला नेशनल जेवलिन थ्रो डे (National Javelin Throw Day) मनाया जाएगा. यह दिवस एथलीट नीरज चोपड़ा के सम्मान में देश में पहली बार मनाया जाएगा. राजस्थान में भी एक एथलीट ऐसे हैं, जिन्होंने इस खेल में प्रदेश का नाम विदेश के मैदान तक रोशन किया है.
जयपुर. 7 अगस्त को देश भर में पहली बार नेशनल जेवलिन थ्रो डे (National Javelin Throw Day) मनाया जाएगा. टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा के सम्मान में देश में पहली बार जेवलिन डे मनाया जाएगा. लेकिन राजस्थान के एक एथलीट ऐसे भी हैं, जिन्होंने भाला फेंक प्रतियोगिता में राजस्थान का नाम रोशन किया है.
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के पैरा एथलीट देवेंद्र झाझड़िया की. जिन्होंने पैरा ओलंपिक खेलों में देश के साथ-साथ राजस्थान का नाम भी रोशन किया है. देवेंद्र झाझड़िया ने 2004 में एथेंस पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. जिसके बाद 2016 में भी रियो पैरालंपिक में दोबारा स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया. हाल ही में टोक्यो में आयोजित हुए पैरालंपिक खेलों में रजत पदक अपने नाम किया. इसके अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन गेम्स में भी देवेंद्र ने पदक अपने नाम किए हैं.
जेवलिन खेल को लेकर देवेंद्र का कहना है कि जब उन्होंने 2004 में एथेंस पैरालंपिक में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना कर स्वर्ण पदक देश के लिए जीता तो उस समय इस खेल के बारे में लोग ज्यादा कुछ नहीं जानते थे. लेकिन यही कारनामा देवेंद्र ने जब 2016 में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ दोहराया तो इस खेल को पहचान मिलने लगी. लेकिन वर्ष 2021 में टोक्यो में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों में जब नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता तब यह खेल हर भारतीय की जुबान पर था. ऐसे में ओलंपिक के साथ-साथ भारत के एथलीटों ने पैरालंपिक में भी तीन मेडल जब इस खेल में जीते तब जेवलिन खेल काफी प्रसिद्ध हुआ और अब कई युवा खिलाड़ी इस खेल से धीरे-धीरे जुड़ रहे हैं.
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इसके अलावा राजस्थान के एक अन्य खिलाड़ी सुंदर गुर्जर ने भी जेवलिन खेल को पहचान दिलवाई है. टोक्यो पैरालंपिक खेलों में सुंदर गुर्जर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया है. पहली बार राजस्थान के देवेंद्र और सुंदर ने एक साथ पदक जीतकर इतिहास रचा है.
