पायलट कैंप के मंत्री मुरारी लाल ने नाराज G-6 को दी सलाह, कहा- शर्तें न पहले थीं, न अब हैं...बिना विभाग की परवाह चुनाव के लिए जुटे रहें

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Published : Aug 1, 2022, 7:27 PM IST

BSP MLAs Who Joined Congress unhappy

बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में से कुछ विधायक (BSP MLAs Who Joined Congress unhappy) अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं. इसी को लेकर पायलट गुट के मंत्री मुरारी लाल मीणा ने राजेंद्र गुढ़ा का नाम लिए बिना कहा कि अपनी भावना प्रकट करना नाराजगी नहीं होती. नाराजगी का मुद्दा अलग होता है और काम की बात रखना अलग.

जयपुर. बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 में से 4 विधायक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, विधायक वाजिब अली, संदीप यादव और लखन मीणा के साथ ही दो कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज मलिंगा अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं. जिसके बाद इन्होंने नाराज G-6 का भी गठन किया है. फिलहाल नाराज चल रहे G-6 के तीन विधायक वाजिब अली, संदीप यादव और लखन मीणा अगले कुछ दिनों के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए हैं. इनमें से वाजिब अली बिजनेस को लेकर तो बाकी दो विधायक उनके साथ ऑस्ट्रेलिया भ्रमण पर गए हैं.

इस दौरे का ये मतलब निकाला जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने ही विधायकों की नाराजगी के बयानों से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. इसी बीच मंत्री राजेंद्र गुढ़ा समेत G-6 के विधायकों को सचिन पायलट कैंप के मंत्री मुरारी लाल मीणा ने नाम लिए बगैर सलाह दी है. मुरारी लाल मीणा भी साल 2008 में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों में शामिल रहे थे. ऐसे में उन्होंने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के उस बयान से इनकार किया है कि पिछली बार जब वह बसपा से कांग्रेस में आए थे तो कांग्रेस के साथ उनका कोई करार हुआ था.

नाराज G-6 को मुरारी लाल की सलाह, सुनिए क्या कहा...

उन्होंने कहा कि पिछली बार जब हम कांग्रेस में शामिल हुए थे, उस समय भी (Murari Lal Meena on G 6 MLAs) हमने कोई शर्त नहीं रखी थी. इस बार भी हमारी जानकारी के अनुसार बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों ने कोई शर्त नहीं रखी है. उन्होंने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का नाम लिए बगैर कहा कि जिस मंत्री को जो काम मिला है उसे अपने काम को जिम्मेदारी पूर्वक करना चाहिए. चुनाव में डेढ़ साल का समय बचा है. वैसे भी जो काम करने वाले होते हैं उन्हें विभाग की परवाह नहीं करनी चाहिए.

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अपनी भावना प्रकट करना नारजगी नहीं : वहीं, लगातार विधायकों और मंत्रियों की ओर से की जा रही अपनी ही सरकार की शिकायत को लेकर मंत्री मुरारी लाल ने कहा कि अपनी भावना व्यक्त करना नाराजगी नहीं होती है, चाहे वह भावना आम आदमी की हो या मंत्री की. उन्होंने कहा कि अपनी भावना से दूसरे लोगों को अवगत कराना भी नाराजगी नहीं होती. उन्होंने कहा कि अगर कोई हमें आकर बार-बार अपना काम बताता है तो इसका मतलब नाराज होना नहीं है. क्योंकि अपनी बात तो जनता भी हमें बार-बार कहती है. इसीलिए नाराजगी का मुद्दा अलग होता है और काम की बात रखना अलग.

मोदी सरकार के हाल न हो जाए श्रीलंका जैसे : लगातार राजस्थान में जनता को दी जाने वाली राहतों के चलते बढ़ते कर्ज को लेकर मंत्री मुरारी लाल मीणा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार तो हमेशा जनहित को देखकर फैसले करती है. आने वाले चुनाव में हमारी स्थिति अच्छी ही रहेगी. लेकिन केंद्र सरकार के जो हालात चल रहे हैं, ऐसा न हो जाए कि केंद्र सरकार की हालत श्रीलंका जैसी हो जाए. उन्होंने कहा कि हम तो राजस्थान में स्थितियों को कंट्रोल कर लेंगे, लेकिन केंद्र सरकार की स्थिति और खराब हो सकती है.

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