Lumpy in Rajasthan: मंत्री कटारिया का दावा, टीके लगाने के साथ ही राजस्थान ने किया मृत्यु दर को काबू

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Published : Sep 8, 2022, 8:13 PM IST

Lumpy in Rajasthan

जयपुर में लंपी वायरस को लेकर रिव्यू मीटिंग की गई. पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Review meeting in Jaipur) की स्थिति और रोकथाम की कोशिशों की समीक्षा की गई. इस दौरान मंत्री ने डिजीज को फैलने से रोकने के लिए तेजी से टीकाकरण करने के निर्देश दिए.

जयपुर. राजधानी जयपुर में गुरुवार को लंपी वायरस के बढ़ते असर और हजारों मवेशियों की मौत के मामले (Lumpy Review meeting in Jaipur) में रिव्यू मीटिंग की गई. बैठक में पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज को फैलने से रोकने के लिए तेजी से टीकाकरण करने के निर्देश दिए. कटारिया ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में अभी तक 6 लाख 87 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. पश्चिमी राजस्थान में संक्रमण और मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है.

उन्होंने बताया कि जैसलमेर जिले में पिछले एक सप्ताह से लंपी रोग से किसी जानवर के मरने की रिपोर्ट (Cases of Lumpy in Rajasthan) नहीं मिली है. कटारिया ने कृषि भवन में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों सहित सभी संभाग और जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी. इस दौरान लंपी स्किन डिजीज की स्थिति और रोकथाम की कोशिशों की समीक्षा भी की गई थी.

जयपुर में लंपी वायरस को लेकर रिव्यू मीटिंग.

जल्द होगी 25 लाख टीकों की खरीद : पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और पशुपालन विभाग मिलकर टीकाकरण की मुहिम चला रहे हैं. कटारिया ने बताया कि फिलहाल गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तक अजमेर जिले में 53209, नागौर के कुचामन सिटी में 37697, भरतपुर में 56410, चित्तौड़गढ़ में 43476, अलवर में 73535, जयपुर में 29957, बांसवाड़ा में 53000, कोटा में 40232, बूंदी में 34979, बारां में 75571, झालावाड़ में 34118, प्रतापगढ़ में 44866, उदयपुर में 33255 सहित 27 जिलों में 6 लाख 87 हजार 375 पशुओं में टीकाकरण किया गया है.

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पशुपालन मंत्री ने दावा किया कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध हैं (Vaccine of Lumpy) और डेयरी फेडरेशन के माध्यम से 25 लाख टीके और खरीदने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने संक्रमण रहित क्षेत्र को चिन्हित कर टीकाकरण के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने और तेजी से टीकाकरण करने के निर्देश दिए. लालचंद कटारिया ने कहा कि रोगी पशुओं के इलाज के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जिलों में स्थानीय स्तर पर दवाइयों की खरीद के लिए जरूरी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं. इसके अलावा कॉन्फेड के माध्यम से जिलों की मांग अनुरूप औषधियों की आपूर्ति भी की जा रही है. उन्होंने प्राप्त औषधियों को जिला औषधि भंडार में अनावश्यक नहीं रखकर तुरंत संस्थाओं को भिजवाने के निर्देश दिए.

इस हफ्ते जैसलमेर में एक भी मौत नहीं : पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य में लंपी वायरस से फैले इस गंभीर स्किन रोग की शुरुआत पश्चिमी राजस्थान के जिलों से हुई थी, जो अब पूर्वी भाग तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में अब लंपी रोग के केस कम हो गए हैं. जोधपुर और बीकानेर संभाग में रिकवरी रेट अच्छी है और संक्रमण के साथ ही मृत्यु दर में लगातार गिरावट आ रही है. जैसलमेर जिले में पिछले एक सप्ताह से लंपी रोग से किसी जानवर के मरने की रिपोर्ट नहीं मिली है.

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पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि लंपी रोग के बचाव और रोकथाम के लिए आयुष विभाग की ओर से सुझाई गई आयुर्वेदिक औषधियां काफी कारगर साबित हो रही है. उन्होंने इस बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत बताई. जालौर जिले का उदाहरण देते हुए कटारिया ने कहा कि वहां भामाशाहों और स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई. औषधियों के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं.

पशुपालन मंत्री ने अधिकारियों को सभी गौशालाओं का फिर से जायजा लेने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानसून का दौर फिर से सक्रिय होने की संभावना के दृष्टिगत गौशालाओं में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. ताकि संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके. उन्होंने जन प्रतिनिधियों के सम्पर्क में रहकर लंपी रोग के रोकथाम के प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए. लंपी को लेकर आयोजित रिव्यू मीटिंग में पशुपालन विभाग की शासन उप सचिव समेत सभी संभाग और जिला स्तरीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस से शाामिल हुए.

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