सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा : स्कूल व्याख्याता ने ऐसे बनाई डमी कैंडिडेट की गैंग, 1 की गिरफ्तारी ने खोल दिया पूरा राज, अब तक 6 दबोचे

author img

By

Published : Sep 17, 2021, 5:11 PM IST

Updated : Sep 17, 2021, 5:22 PM IST

Sub Inspector Recruitment Exam, Jaipur news

जयपुर पुलिस (Jaipur Police) ने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा (SI Recruitment Exam 2021) में डमी कैंडिडेट को बैठाने वाले गिरोह को पकड़ा है. पुलिस ने इस गिरोह के सरगना सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.

जयपुर. ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थी के स्थान पर डमी कैंडिडेट (dummy candidate in SI Exam 2021) बैठाकर परीक्षा पास करवाने वाले एक हाईप्रोफाइल गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह के सरगना सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.

गिरोह का सरगना एक स्कूल व्याख्याता है, जिसने एक सरकारी शिक्षक के साथ मिलकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को गैंग में शामिल किया. इसके बाद गैंग के सरगना ने डमी कैंडिडेट के जरिए 8 अभ्यर्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षा दिलवाई. हालांकि, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 15 सितंबर को गैंग के एक सदस्य को दबोच लिया और उससे हुई पूछताछ के आधार पर पूरी गैंग का खुलासा किया.

डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख (DCP North Paris Deshmukh) ने बताया कि पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में ब्रह्मपुरी थाना इलाके में स्थित परीक्षा केंद्र ध्रुव बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक डमी कैंडिडेट को परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा देते हुए डिटेन किया गया. उसके बाद जब आरोपी से पूछताछ की गई तो उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास कराने वाली हाई प्रोफाइल गैंग का खुलासा हुआ. पुलिस ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना स्कूल व्याख्याता नेतराम मीणा, बाड़मेर के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक भंवर लाल और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले केदार प्रसाद, भभूता राम, महादेव और पुष्पेंद्र सिंह मीणा को गिरफ्तार किया है.

18 से 22 लाख रुपए में तय होता सौदा, डमी कैंडिडेट को दिए जाते 5 लाख

गिरफ्त में आए गिरोह के सदस्यों से प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि गैंग का सरगना नेतराम मीणा करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर और दौसा के अभ्यर्थियों से संपर्क कर उनकी जगह डमी कैंडिडेट परीक्षा में बैठाता था. वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों की सहायता से असल अभ्यर्थियों के आधार कार्ड और फोटो को कंप्यूटर के माध्यम से काट-छांट कर डमी कैंडिडेट की फोटो लगाकर फर्जी आधार कार्ड तैयार करता था.

यह भी पढ़ें. Viral Video Of Hiralal Case : कोर्ट ने निलंबित आरपीएस और महिला कांस्टेबल का रिमांड तीन दिन बढ़ाया

फर्जी आधार कार्ड के आधार पर डमी कैंडिडेट को परीक्षा में बैठाया जाता था. फिर परीक्षा में पास कराने की गारंटी देकर अभ्यर्थी से 18 से 22 लाख रुपए में सौदा तय किया जाता. जिसमें से 5 लाख रुपए डमी कैंडिडेट को और 5 लाख रुपए मध्यस्थ को दिए जाते. वहीं 10 से 12 लाख रुपए गैंग का सरगना खुद अपने पास रखता.

डमी कैंडिडेट के पेपर देने के बाद मध्यस्थ के माध्यम से पेपर बुक और ओएमआर शीट मुख्य सरगना नेतराम को पहुंचाई जाती. जिसे नेतराम बतौर सबूत असल अभ्यर्थी को देता और आंसर-की जारी होने के बाद मिलान होने पर तय राशि का पूर्ण भुगतान प्राप्त करता था. फिलहाल, इस प्रकरण में पुलिस की जांच जारी है और गिरफ्त में आए बदमाशों से लगातार पूछताछ की जा रही है.

Last Updated :Sep 17, 2021, 5:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.