Chiranjeevi Yojana : मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में कई खामियां, राजस्थान में लोग परेशान तो UP में कैसे मिलेगा लाभ

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Published : Oct 26, 2021, 5:57 PM IST

chief minister chiranjeevi yojana

उत्तर प्रदेश (UP) में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने घोषणा करते हुए कहा है कि यदि यूपी में कांग्रेस की सरकार बनती है तो हर व्यक्ति को 10 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, यूपी से सटे राज्य राजस्थान की बात करें तो गहलोत सरकार की ओर से राजस्थान में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है. हालांकि, मौजूदा समय में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की बात की जाए तो यह पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रही है और कई निजी अस्पताल अभी भी मरीजों का इलाज इस योजना के तहत नहीं कर रहे हैं.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 1 करोड़ 37 लाख से अधिक पात्र लोग पंजीकृत हो चुके हैं और अब तक 412000 से अधिक लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है. ऐसे में अभी भी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में कई प्रकार की खामियां देखने को मिल रही हैं. राजधानी जयपुर की बात की जाए तो इस योजना के तहत 51 सरकारी और 196 निजी अस्पताल इलाज के लिए अधिकृत किए गए हैं. ऐसे में कई बार निजी अस्पतालों द्वारा चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं करने के मामले सामने आए हैं.

आंकड़ों की बात की जाए तो अब तक 600 शिकायतें अकेले जयपुर से प्राप्त हुई हैं, जिसमें सबसे अधिक शिकायतें निजी अस्पतालों से सामने आई है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि इनमें से 247 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. लेकिन अभी भी बची हुई शिकायतों का समाधान नहीं हो पा रहा.

क्या कहते हैं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी...

वहीं, जयपुर में अस्पतालों को भुगतान से जुड़े मामले भी देखने को मिले हैं, जहां इंश्योरेंस कंपनी समय पर अस्पतालों को भुगतान नहीं कर रही हैं. जयपुर के शहरी क्षेत्र की बात करें तो करीब 142 शिकायतें भुगतान से संबंधित अस्पतालों की देखने को मिली है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 21 शिकायतें सामने आई है, जहां समय पर अस्पतालों को भुगतान नहीं किया गया.

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निजी अस्पताल कर रहे इनकार...

मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नरोत्तम शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसे अस्पतालों में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है. लेकिन खुद डॉक्टर शर्मा ने माना है कि अभी भी इस योजना के तहत शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही हैं. जिसमें अधिकृत निजी अस्पताल इलाज से इनकार कर रहे हैं और मरीज अभी गुहार सीएमएचओ ऑफिस में लगा रहे हैं. मामले को लेकर जिला प्रशासन ने भी करीब 21 अस्पतालों पर कार्रवाई की और 55 मरीजों को करीब 37 लाख रुपये वापस दिलवाए थे.

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योजना के तहत लगातार मिल रही शिकायतें...

चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की खास बातें...

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के पात्र परिवारों के बीमा का प्रीमियम सरकार देगी. इन्हें रजिस्ट्रेशन करवाने की भी आवश्यकता नहीं है. आयुष्मान भारत महात्मा गांधी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पूर्व से ही इन परिवारों को निशुल्क बीमा का लाभ मिल रहा है. लघु और सीमांत किसानों व होमगार्ड आशाकर्मी, पंचायत सहायक, पैराटीचर एवं मदरसा पैरा टीचर्स, विद्यार्थी मित्र, आंगनबाड़ी कर्मचारी, सहयोगिनी समेत सभी संविदाकर्मियों के बीमा का प्रीमियम भी राज्य सरकार देगी. इनके लिए बीमा पूरी तरह से निशुल्क परंतु इन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है.

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का ट्वीट...

चिरंजीवी योजना में पंजीकरण करवाने वाले परिवारों से किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जाएगा. ई-मित्र केंद्र को भी रजिस्ट्रेशन करवाते वक्त होने वाले सभी तरह के शुल्क राज्य सरकार वहन करेगी. पत्र परिवार को केवल 850 रुपये प्रीमियम के ही देने है. अतः किसी भी ई-मित्र केंद्र पर जाकर निशुल्क रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. जिला अस्पताल में भर्ती से पूर्व के 5 दिन और अस्पताल से छुट्टी होने के बाद 15 दिन तक बीमारी के इलाज को बीमा में कवर किया जाएगा. इसमें कोविड-19 सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज की 1576 पैकेज शामिल हैं.

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