District In Charge Exercise : राजस्थान में संगठन विस्तार की कवायद..जिला-संभाग बंटवारे की तैयारी
Updated on: Nov 27, 2021, 5:16 PM IST

District In Charge Exercise : राजस्थान में संगठन विस्तार की कवायद..जिला-संभाग बंटवारे की तैयारी
Updated on: Nov 27, 2021, 5:16 PM IST
राजस्थान कांग्रेस में संगठन विस्तार की कवायद शुरू हो गई है. कांग्रेस सरकार और संगठन के जिला और सम्भाग प्रभारी नियुक्त करने का समय आ गया है. अभी तक 4 प्रदेश उपाध्यक्ष सरकार का हिस्सा बन चुके हैं तो 3 मंत्रियों ने संगठन को अपनी कर्मभूमि बना लिया है.
जयपुर. लंबे समय से राजस्थान में कैबिनेट पुनर्गठन की मांग थी, वह पूरी हो चुकी है. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में राजस्थान में संगठन विस्तार के लिए माथापच्ची कर रही है.
राजस्थान में अब 30 सदस्यों की कैबिनेट है. कैबिनेट पुनर्गठन के बाद विभागों का बंटवारा भी हो चुका है, लेकिन कैबिनेट का पुनर्गठन होने से सरकार और संगठन के प्रभारियों पर असर पड़ा है. डोटासरा संगठन विस्तार के लिए सियासी भाग-दौड़ में जुटे हैं.
पुनर्गठन के बाद तीन मंत्रियों गोविंद डोटासरा (PCC Chief Govind Singh Dotasara), रघु शर्मा और हरीश चौधरी ने अपने मंत्री पद छोड़ दिए. संगठन में उपाध्यक्ष की भूमिका निभा रहे गोविंद राम मेघवाल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और रामलाल जाट गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री (cabinet minister in gehlot government) बन गए हैं. प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ जितेंद्र भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार (Advisor to Chief Minister Ashok Gehlot) बन गए हैं.
ऐसे में मंत्री पद छोड़ते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी अपने आप ही जिला प्रभारी मंत्री के पद से हट गए हैं. वहीं संगठन के विस्तार में मंत्री बनाए गए चारों उपाध्यक्षों की जगह भी नए उपाध्यक्ष बना दिये जायेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि कभी भी सरकार की ओर से नए जिले प्रभारी मंत्री (new district in charge in rajasthan) बना दिए जाएंगे.
टोंक, भीलवाड़ा, नागौर और बीकानेर में नहीं हैं प्रभारी मंत्री
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सरकार में शिक्षा मंत्री रहते हुए बीकानेर के प्रभारी थे. पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी राजस्व मंत्री रहते हुए नागौर के प्रभारी थे. गुजरात के कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा भीलवाड़ा और टोंक जिले के प्रभारी मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे. लेकिन इन तीनों मंत्रियों के संगठन को प्राथमिकता देने के बाद आज की तारीख में राजस्थान के नागौर बीकानेर टोंक और भीलवाड़ा ऐसे जिले हैं जहां प्रभारी मंत्री नहीं हैं.
ऐसे में सरकार जल्द ही प्रभारी मंत्रियों के लिए नए प्रभार जिले घोषित करेगी. इसके साथ ही क्योंकि प्रदेश में पहले मुख्यमंत्री समेत 21 मंत्री थे ऐसे में 20 मंत्रियों के पास 33 जिलों का चार्ज था. इनमें से 10 मंत्री तो 2 जिलों का प्रभार संभाल रहे थे.
राजस्थान के मंत्री जिला प्रभारी
इनमें बी डी कल्ला श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़, प्रमोद जैन भाया जालोर और सिरोही, परसादी लाल मीणा बूंदी और सवाई माधोपुर, लालचंद कटारिया अजमेर और कोटा, राजेंद्र यादव बांसवाड़ा व डूंगरपुर, सुखराम बिश्नोई जैसलमेर और बाड़मेर, अर्जुन बामनिया प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़, सुभाष गर्ग सीकर और झुंझुनू, अशोक चांदना दौसा और करौली ओर टीकाराम जूली झालावाड़ और बारां के प्रभारी थे.
जिला और संभाग प्रभार का गणित
कैबिनेट पुनर्गठन के बाद अब प्रदेश में क्योंकि मुख्यमंत्री को छोड़ दिया जाए तो 29 मंत्री हो गए हैं. ऐसे में अगर 29 मंत्रियों को 29 जिलों का प्रभारी और नया मुख्य सचेतक बनने के बाद और उपसचेतक को 1-1 जिलों का प्रभार दिया जाए तो 31 जिले तो ऐसे होंगे जहां प्रभारी 1 ही मंत्री होगा, केवल 2 मंत्री ही ऐसे होंगे जिन्हें 2 जिलों का प्रभारी मंत्री बनाया जाएगा.
इन मंत्रियों के पास हैं ये संभाग
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद केवल ऐसा ही नहीं है कि मंत्रियों ने संगठन को प्राथमिकता दी. जिसके चलते सरकार के प्रभारी मंत्री कम हो गए हों, बल्कि ऐसा राजस्थान कांग्रेस संगठन के साथ भी हुआ है. जहां कैबिनेट मंत्री बनाए गए गोविंद मेघवाल के पास जयपुर संभाग की जिम्मेदारी थी, तो वहीं रामलाल जाट के पास जोधपुर संभाग की जिम्मेदारी, इसी तरीके से महेंद्रजीत मालवीय कांग्रेस संगठन के लिए उदयपुर संभाग प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
वहीं डॉ. जितेंद्र भरतपुर संभाग के प्रभारी हैं. हालांकि डॉ जितेंद्र मंत्री तो नहीं बने लेकिन वे मुख्यमंत्री के सलाहकार बन गए हैं, ऐसे में संभवत उन्हें भी एक ही पद पर रखा जाए. ऐसे में कांग्रेस पार्टी को साथ में से 4 संभागों के प्रभारी नए बनाने होंगे.
