सदन में उठा बिजली का मुद्दा, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा ने किया सदन से वॉकआउट

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Published : Sep 22, 2022, 11:08 PM IST

Electricity issue raised in the Assembly

राजस्थान विधानसभा सत्र में गुरुवार को सदम में बिजली के मुद्दे पर लंबी चर्चा के बाद भी नतीजा कुछ नहीं निकला. ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी के जवाब से असंतुष्ट भाजपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को प्रदेश में बिजली की स्थिति को लेकर 4 घंटे से अधिक समय तक लंबी चर्चा हुई. अंत में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने जहां बिजली से जुड़े अपने क्षेत्र की समस्या रखी वहीं प्रदेश सरकार पर बिजली प्रबंधन में पूरी तरह फेल होने का आरोप लगाया. वहीं ऊर्जा मंत्री ने कोयला संकट और मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र की सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने बिजली के बिलों के साथ भेजे जा रहे सिक्योरिटी राशि से जुड़े नोटिस का भी विरोध किया. प्रदेश के थर्मल आधारित बिजलीघरों में कोयले की अनुपलब्धता और महंगी दरों पर खरीद की जा रही बिजली के मामले में सरकार को सदन में घेरा. भाजपा ने यह तक आरोप लगाए गए कि कमीशन के चलते महंगी दरों पर बिजली की खरीद की जा रही है.

सदन में उठा बिजली का मुद्दा

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भाजपा विधायकों का यह भी कहना था कि एक तरफ तो सरकार विभिन्न दस्तावेजों में राजस्थान में बिजली की उपलब्धता और सरप्लस की बात कहती है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में बिजली की कमी के चलते ग्रामीण इलाकों में कटौती की जा रही है. भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार ने रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने वालों को जिस दर से बिजली खरीद का वादा किया था उसे ही पूरा नहीं कर रही. वहीं प्रदेश सरकार के कूप्रबंधन के कारण 90 हजार करोड़ का घाटा बिजली कंपनियों में हो चुका है.

राठौड़ ने कसा भाटी पर तंज
बिजली के मुद्दे पर चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने तर्कों के साथ सदन में सरकार को घेरा तो वहीं ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी से यह तक कह दिया कि आप विभाग को संभालने के लिए सख्त बनें. इस दौरान राठौड़ ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं आपको नकली मुछें दे देता हूं, उसे लगाकर ताव दें और विभाग में काम करवाएं.

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राठौड़ के बयान पर बोले भाटी
मंत्री भंवर सिंह भाटी ने अपने जवाब में कहा कि प्रतिभूति राशि से जुड़े नोटिस विनियामक आयोग के निर्देश पर पहली बार नहीं बल्कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी जारी किए गए थे. वहीं प्रदेश के बिजली घरों में कोयले के संकट के लिए भाटी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और मौजूदा बीजेपी विधायकों से यह भी कहा कि वह भी केंद्र पर इस मामले में दबाव बनाएं ताकि राजस्थान को उसकी विद्युत इकाइयों के लिए पर्याप्त कोयला मिल सके.

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भाटी ने कहा केंद्र सरकार के निर्देश पर ही राजस्थान में 4 गुना महंगी दरों पर विदेश से कोयला आयात किया. भाटी ने इस दौरान राज्य सरकार की ओर से किसानों और आम बिजली उपभोक्ताओं को दिए जा रहे विभिन्न अनुदान और सब्सिडी की जानकारी भी सदन में दी. यह भी कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने जितने कृषि कनेक्शन 5 साल में जारी नहीं किए उससे कहीं ज्यादा मौजूदा गहलोत सरकार ने 3 साल की अवधि में कर दिए हैं.

इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इतने घंटे की चर्चा के बाद भी ऊर्जा मंत्री मौजूदा समस्याओं के समाधान को लेकर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दे रहे. कटारिया ने कहा कि केवल अपनी कमजोरी का रोना यह सरकार रो रही है. ऐसे में सदन में इतनी लंबी बहस का क्या फायदा हुआ और यह कहते हुए कटारिया ने सदन से वॉकआउट का ऐलान कर दिया.

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