Special : गहलोत बने राष्ट्रीय अध्यक्ष तो नहीं रह सकेंगे मुख्यमंत्री, कांग्रेस की 'अपील' तो इसी ओर इशारा कर रही है

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Published : Sep 19, 2022, 3:39 PM IST

Updated : Sep 19, 2022, 8:08 PM IST

Rajasthan CM Gehlot

सीएम गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो वे राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं रह सकेंगे. कांग्रेस पार्टी की ओर से (Message for Candidates of PCC Members) पीसीसी मेंबर और अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से 'अपील' की गई है. यहां समझिए पूरा गणित

जयपुर. कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इसे लेकर 30 सितंबर तक लगभग मामला साफ हो जाएगा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर भी (Situation for CM Ashok Gehlot) कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के बाद अगर कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए कोई चेहरा दौड़ में सबसे आगे है तो वह हैं अशोक गहलोत. अब कहा यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो वह राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को भी संभालते रहेंगे.

हालांकि, अब इस बात पर संशय पैदा हो गया है कि अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री रहते हुए (Proposals of Udaipur Nav Sankalp Shivir) राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभाल सकते हैं. क्योंकि कांग्रेस पार्टी की ओर से सभी पीसीसी मेंबर्स को एक मैसेज और पोल भेजा गया है, जिसमें यह लिखा गया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के आगामी में चुनाव में हम प्रत्येक उम्मीदवार से यह अपील करते हैं कि वह पद ग्रहण करने के पहले 100 दिनों के भीतर उदयपुर संकल्प और भावना को लागू करने का संकल्प लें.

किसने क्या कहा, सुनिए...

इस अपील या पोल में यह लिखा गया है कि जो चार निर्णय उदयपुर संकल्प शिविर में लिए गए, उनमें 50 से कम उम्र के 50 प्रतिशत लोगों को संगठनात्मक पदों पर रखना, सांसदों, विधायकों के लिए दो या तीन कार्यकाल और पार्टी पदों के लिए 5 साल का कार्यकाल निर्धारित करके अधिक लोगों को अवसर देना, एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत अपनाना और एक परिवार में एक टिकट दिए जाने के संकल्प को नए बनने वाले अध्यक्ष अपनाएं. अब जब सभी पद लेने वाले नेताओं से यह अपील कांग्रेस पार्टी की ओर से की गई है तो फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष में यह फॉर्मूला फेल कैसे हो सकता है. ऐसे में अब यह संभावना कम है कि अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार होंगे.

तो क्या तीन बार से सांसद-विधायक बन रहे नेताओं के भी कटेंगे टिकट ? : जो पोल कांग्रेस पार्टी की ओर से पीसीसी मेंबर से करवाया जा रहा है, उसमें पार्टी ने पार्टी के संगठन के पदों के लिए 5 साल का कार्यकाल निर्धारित करते हुए ज्यादा लोगों को अवसर देने की बात तो कही ही है. इसके साथ ही यह भी लिखा है कि सांसदों विधायकों और एमएलसी के लिए दो या तीन कार्यकाल का समय निर्धारित किया जाए. मतलब साफ है की अब लगातार दो या तीन बार से चुनाव हारने वाले नेताओं का तो टिकट खतरे में है ही, इसके साथ ही नए लोगों को मौका देने के लिए लगातार दो या तीन बार से ज्यादा चुनाव जीत रहे विधायकों सांसदों और एमएलसी का भी टिकट खतरे में है.

पढ़ें : कांग्रेस को एकजुट करने के लिए राहुल गांधी का पार्टी अध्यक्ष बनना जरूरी : गहलोत

खिलाड़ी बोले- फैसले लागू कहां होते हैं तो ममता बोलीं- चलना चाहिए पार्टी को नियम कायदों से : कांग्रेस पार्टी ने पीसीसी मेंबर और संभावित उम्मीदवारों को लेकर गाइडलाइन जारी की है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को ही उम्मीद नहीं है कि यह लागू होंगी. एससी आयोग के अध्यक्ष विधायक और पीसीसी मेंबर खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि आज तक (Khiladi Lal Bairwa on CM Ashok Gehlot) कितने फैसले हुए, लेकिन उनमें से कौन सा फैसला है जो लागू हुआ. उदयपुर संकल्प में तो यह भी कहा था कि जिन्हें बहुत कुछ दिया गया है अब उनका पार्टी को वापस लौटने का समय है, लेकिन उसका क्या हुआ

कांग्रेस की ओर से भेजा जा रहा मैसेज...
कांग्रेस की ओर से भेजा जा रहा मैसेज...

खिलाड़ी ने कहा कि कहने की बात अलग होती है और करने की बात अलग. लेकिन जिस दिन हम करना सीख जाएंगे उस दिन कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ जाएगी. वहीं, इसी मामले पर बोलते हुए मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि (Mamta Bhipesh Supported Udaipur Resolution) उदयपुर के जो रेजोल्यूशन थे, पार्टी प्रयास करेगी कि उन रेजोल्यूशन पर चलें और पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र स्थापित हो. कुछ नियम कायदों के हिसाब से पार्टी चले.

पढे़ं : PCC Meeting in Jaipur: जिन गहलोत को अध्यक्ष बनाने की हो रही बात, उन्होंने ही रखा राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव

Last Updated :Sep 19, 2022, 8:08 PM IST
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