वसुंधरा सरकार में भी हुए थे करोड़ों के निवेश के MOU, सीतारमण के आरोप पर कांग्रेस ने दी यह दलील...

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Published : Aug 3, 2022, 9:05 PM IST

Vasundhara and Gehlot Government

गहलोत ही नहीं, पिछली वसुंधरा सरकार में भी अडाणी ग्रुप से करोड़ों के निवेश के एमओयू किए गए थे. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आरोपों पर (Congress on Nirmala Sitharaman Allegation) प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने क्या दलील दी है, खुद सुनिए...

जयपुर. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में गहलोत सरकार द्वारा राजस्थान में सोलर पार्क के लिए अडाणी ग्रुप को जमीन पर जमीन आवंटित किए जाने की बात कहते हुए (MOU with Adani Group) राहुल गांधी को घेरा. लेकिन मौजूदा गहलोत सरकार में ही नहीं, बल्कि भाजपा शासित पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में भी अडाणी ग्रुप से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 40 हजार करोड़ से अधिक के निवेश के एमओयू साइन किए गए. हालांकि, कांग्रेस बीजेपी में यह सियासी आरोप तो लगते रहते हैं, लेकिन राजस्थान में निवेश की बात की जाए तो अदानी समूह की इसमें बड़ी हिस्सेदारी को नकारा नहीं जा सकता.

दरअसल, सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निशाने पर कांग्रेस और उनके नेता राहुल गांधी थे. यही कारण था कि राहुल गांधी को घेरने के लिए उन्होंने प्रदेश की गहलोत सरकार को माध्यम बनाया और आरोप लगाया कि राहुल गांधी जिस अडाणी और अंबानी ग्रुप को बेजा फायदा पहुंचाने का आरोप केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर लगाते आए हैं, अब उनकी ही कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार राजस्थान में अडाणी ग्रुप को जमीन पर जमीन आवंटित की जा रही है.

गहलोत के मंत्रियों ने क्या कहा...

निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक तथ्य भी सदन में रखे और कहा कि राज्य कैबिनेट ने सोलर पार्क के लिए जैसलमेर के भीमसर, माधवपुरा, सदरासर गांव में 1324.14 हेक्टेयर सरकारी जमीन (Adani Group Projects in Rajasthan) देने पर सहमति दी थी. वहीं, 30 मेगा वाट विंड सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप को जैसलमेर के केरालिया गांव में 64.38 हेक्टेयर सरकारी जमीन लीज पर दिए जाने का प्रस्ताव मंजूर किया था.

राजस्थान में इन बिजली परियोजनाओं पर अडाणी ग्रुप कर रहा है काम : वर्तमान में केंद्र और राज्य दोनों के स्तर पर अडाणी समूह का राजस्थान में कई प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है, इसमें सोलर पावर और एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट सबसे ज्यादा है. अडाणी ग्रुप में अगले 7 साल के दौरान राजस्थान के पावर एविएशन, एलपीजी पाइपलाइन और खाद्य तेल क्षेत्र में करीब 2 लाख करोड़ के निवेश की योजना बनाई है. वहीं, अदानी ग्रुप राजस्थान में 20000 मेगावाट की बिजली परियोजनाएं स्थापित कर रहा है. यह परियोजनाएं सोलर और विंड पावर के साथ थर्मल हाइड्रो की भी है.

इसके अलावा 20 से ज्यादा पावर प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है. इनमें से कुछ प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है, जबकि कुछ में जमीन अधिग्रहण समेत कई प्रक्रिया चल रही है. यह सभी प्रोजेक्ट पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर बाड़मेर आदि क्षेत्रों में लगाए गए हैं. इसके अलावा अडाणी ग्रुप बारां के कवाई में भी 1200 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है. 1000 किलोमीटर की पावर ट्रांसमिशन लाइन भी बिछाई है.

पढ़ें : THDC ने राजस्थान सरकार के साथ किया MOU साइन, 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का लगेगा प्लांट

पिछली वसुंधरा सरकार में 40 हजार करोड़ के निवेश का MOU हुआ : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मौजूदा गहलोत सरकार पर तो अदानी ग्रुप को जमीन पर जमीन आवंटन करने का आरोप लगाया, लेकिन भाजपा की ही पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में भी अडाणी ग्रुप के साथ 40 हजार करोड़ के निवेश का राज्य सरकार से एमओयू हुआ था. इसमें 10 साल में 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर 10 हजार मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क (Vasundhara Government and Adani Group) बनाए जाने और इसमें राज्य व अडाणी ग्रुप की 50-50 फीसदी भागीदारी से संयुक्त उपक्रम कंपनी बनाए जाने को लेकर हस्ताक्षर हुए थे. एमओयू में जो पावर प्लांट लगाए जाने थे उस पर करीब 60 हजार करोड़ की लागत आनी थी, जिनमें से 40 हजार करोड़ का निवेश अडाणी ग्रुप द्वारा ही किए जाने पर सहमति बनी थी.

अंबानी ग्रुप के साथ भी भाजपा सरकार में हुआ यह MOU : केवल अडाणी ग्रुप ही नहीं, बल्कि अंबानी ग्रुप के साथ भी पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में निवेश को लेकर एमओयू हुए थे. इनमें रिलायंस पावर द्वारा 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू शामिल है. इसमें 25 हजार मेगावॉट सोलर पावर प्रोडक्शन से शुरुआत होने पर सहमति बनी थी.

सीतारमण के आरोपों पर बोले गहलोत के मंत्री- केंद्र से MOU होकर आता है, हम तो बस जमीन देते हैं : वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आरोपों पर गहलोत सरकार के मंत्रियों ने अपनी दलील दी है. पूर्व ऊर्जा मंत्री रहे बीडी कल्ला के अनुसार (MOU in Gehlot Government) राजस्थान में सौर और अक्षय ऊर्जा की असीम संभावना है. ऐसे में हर कोई यहां निवेश करना चाहता है, लेकिन ओपन बिड में जो आता है, उसे समानता के आधार पर अवसर दिया जाता है. कल्ला ने कहा कि राजस्थान ने तो केंद्र सरकार की एनटीपीसी और सेकी से भी 5-5 हजार मेगावाट का एमओयू किया है. वहीं, गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने तो बिल्कुल ही अलग तर्क दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो एमओयू होकर आता है, राजस्थान तो बस उन्हें जमीन देने का काम करती है.

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