सीएम गहलोत का महत्वपूर्ण निर्णय: सोनामुखी के निर्यात के लिए क्रय कर में मिलेगी छूट...ब्याज और जुर्माना राशि माफ

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Published : Jun 23, 2021, 8:03 PM IST

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो बुधवार को महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. इसके अंतर्गत पहले आदेश में सोनामुखी के निर्यात के लिए क्रय कर में छूट दी गई है. इसमे ब्याज और जुर्माना राशि को माफ किया गया है. वहीं दूसरे आदेश में ट्रांसजेंडर समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए ट्रांसजेंडर अधिकारों के संरक्षण के लिए सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है.

जयपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश के मरूस्थलीय क्षेत्रों में सोनामुखी की पैदावार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसकी उपज की भारत से बाहर निर्यात के लिए खरीदी पर क्रय कर में छूट देने और निर्यातकों पर पूर्व में लगाया गया जुर्माना और ब्याज राशि माफ करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस विषय में प्रशासनिक स्वीकृति देकर वाणिज्यिक कर विभाग की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है.

प्रस्ताव के अनुसार सोनामुखी के उपज की निर्यात के लिए खरीद पर राजस्थान बिक्री कर अधिनियम-1994 आदि कानूनों के तहत देय क्रय कर में छूट दी जाएगी. इसके साथ ही इस औषधीय उपज के निर्यातकों की ओर से पूर्व में की गई खरीदी पर देय कर और उस पर लगने वाली शास्ति (जुर्माना) तथा ब्याज राशि को भी माफ किया जाएगा. इस निर्णय के आधार पर राज्य सरकार कर राजस्व में लगभग 4.32 करोड़ रुपए का घाटा वहन करेगी. राजस्थान के पाली और बाड़मेर आदि जिलों में सोनामुखी की खेती की जाती है. सीएम गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश में सोनामुखी के उत्पादकों और भारत से बाहर निर्यात से जुड़े कारोबारियों को लाभ होगा.

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प्रदेश में ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ गठित होगा

राज्य सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रदेश में ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ (सेल) के गठन का निर्णय लिया है. उन्होंने इसके लिए विŸा विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. प्रस्ताव के अनुसार, राज्य के पुलिस महानिदेशक कार्यालय में यह ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा. प्रकोष्ठ में एक पुलिस निरीक्षक, एक पुलिस उपनिरीक्षक, दो कॉन्स्टेबल के अतिरिक्त संविदा के आधार पर एक काउन्सलर और मनोविज्ञानी परामर्शदाता और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित कुल 6 व्यक्ति नियोजित किए जाएंगे.

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इस सेल में गैर-शासकीय सदस्य के रूप में ट्रांसजेंडर समुदाय के एक प्रतिनिधि को आवश्यकता होने पर बैठक के लिए अवैतनिक सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जा सकेगा. नवसृजित पद आदेश जारी होने की तिथि से फरवरी, 2022 तक के लिए अस्थाई रूप से प्रभावी रहेंगे. ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम-2019 के तहत गठित इस सेल का मुख्य कार्य ट्रांसजेंडर (ऊभयलिंगी) व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण एवं उनको सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ राज्य स्तरीय ट्रांसजेंडर न्याय बोर्ड और जिला ट्रांसजेंडर न्याय समितियों के बीच समन्वय स्थापित करना होगा.

यह प्रकोष्ठ ट्रांसजेंडर के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम, निगरानी तथा इससे जुड़े मामलों को समय पर पंजीकृत कर जांच और अभियोजन सुनिश्चित करने का काम करेगा. गहलोत का यह निर्णय ट्रांसजेंडर समुदाय के विरुद्ध अपराधों को नियंत्रित करने और उनके सशक्तीकरण की दिशा में बड़ी पहल साबित होगा.

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