जयपुर में भाषा की कक्षा! देश का एकमात्र विद्यालय जहां बच्चे 1 या 2 नहीं बल्कि सीखेंगे 23 भाषा, वो भी देवनागरी लिपि में

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Published : Jan 12, 2022, 1:13 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 2:21 PM IST

Bhasha Ki Kaksha In Bassi

एक भारत श्रेष्ठ भारत की मुहिम को धार देने के लिए राजस्थान में एक ऐसे विद्यालय को चुना गया है जो कश्मीर को कन्याकुमारी से और पूर्व को पश्चिमी छोर से एक सूत्र में पिरोएगा. भाषा के जरिए. केन्द्र की इस पहल का नाम है भाषा की कक्षा. जयपुर के बस्सी में (Bhasha Ki Kaksha In Bassi ) बच्चे 23 भाषाओं से ज्ञानवर्धन करेंगे. खास पाठशाला की शुरुआत युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद की जयंती (Bhasha Ki Kaksha In Bassi Starts On Swami Vivekananda Jayanti) से की गई.

बस्सी (जयपुर). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वप्न एक भारत श्रेष्ठ भारत को साकार करने के उद्देश्य से बस्सी स्थित श्री बलराम उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मन्दिर बस्सी में राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद जयंती) पर भाषा की कक्षा नामक (Bhasha Ki Kaksha In Bassi Starts On Swami Vivekananda Jayanti) एक अनोखी पहल का शुभारंभ किया जा रहा है.

यह स्कूल देश का पहला ऐसा अनोखा विद्यालय (Bhasha Ki Kaksha In Bassi ) होगा जिसमें विद्या मंदिर के विद्यार्थियों को अलग-अलग भाषाओं का बोध कराने एवं उन्हें इन भाषाओं का अवबोध (ज्ञान बढ़ाने) कराने के लिए भाषा की कक्षा कि शुरुआत की गई है.

विद्यालय जहां बच्चे सीखेंगे 23 भाषा...

एक छत तले 23 भाषा का ज्ञान...

जिसके तहत स्कूली बच्चे 23 भाषाओं का ज्ञान (Place In Jaipur Where Students Will learn 23 languages) प्राप्त करेंगे. इसी के साथ ही विद्यार्थियों को वहां की संस्कृति से भी परिचित करवाया जाएगा. विद्या मंदिर के पूर्व छात्र भाषा की कक्षा के संयोजक प्रिंस तिवाड़ी ने बताया कि कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए दैनिक जीवन में आम-बोलचाल के वाक्यों को 23 अलग-अलग भाषाओं में 400 से अधिक वाक्यों की बुकलेट तैयार की गई है.

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क्षेत्रीय भाषाओं से होगा साक्षात्कार (Students From Rajasthan Will Learn Other Regional Languages)...

खास बात यह है की इसमें हिन्दी, असमिया, बंगाली, बोडो, तमिल, तेलुगु, उर्दू, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, डोगरी आदि भाषाओं के बारे में छात्रों को बताया जाएगा. भाषा की कक्षा के तहत प्रतिदिन किसी एक भाषा से संबंधित बोलचाल के शब्द और संवाद से जुड़ी पंक्तियां बतायी जाएगी.

देवनागरी लिपि से ही अक्षर ज्ञान (Alphabets Learning Through Devnagri)...

भाषा की कक्षा में बच्चे देवनागरी लिपि के माध्यम से पढ़कर अन्य भाषायें सीख सकेंगे. बुधवार को इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. स्कूल के विद्यार्थियों और आये हुई परिजनों में भाषा की कक्षा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया. राजधानी में हुई इस पहल को लेकर प्रशंसा का दौर चल रहा है. कार्यक्रम मे अतिथिगण रामदयाल सैन,डॉ. राम मनोहर गुप्ता, सुधीर पारीक,लालचंद शर्मा,मनीषा सारस्वत आदि मौजूद रहे.

Last Updated :Jan 12, 2022, 2:21 PM IST
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