बीकानेर. वैसे तो बीकानेर का नाम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. कोई इसे खानपान के लिए तो कोई यहां की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के चलते जानता है. लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुके बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Bikaner has deep connection with Banaras Hindu University) से भी बीकानेर का गहरा नाता रहा है. बीकानेर रियासत के पूर्व महाराजा और आधुनिक बीकानेर के निर्माता के रूप में बीकानेर की जनता महाराजा गंगा सिंह को आज भी याद करती है.
दरअसल पूर्व महाराजा गंगा सिंह के कार्यकाल में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए बीकानेर का नाता जुड़ा. बीकानेर की महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की सहायक आचार्य डॉ मेघना शर्मा बताती हैं कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने देश में कई जगह पर दौरा किया. इसी दौरान बीकानेर में जब भी आए तो तत्कालीन महाराजा गंगासिंह से मिले.
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जब गंगासिंह को इस बात की जानकारी मिली कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नाम से एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना मालवीय करने में जुटे हुए हैं तो उन्होंने उस वक्त एक लाख चांदी के सिक्के भेंट किए और 14,000 रुपए देने की भी बात कही. इतना ही नहीं पूर्व महाराजा गंगा सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के 1929 से 1943 तक चांसलर भी रहे हैं. शर्मा कहती हैं कि शिक्षा को लेकर उनकी गंभीरता बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना में सक्रिय योगदान को लेकर देखी जा सकती है.
आधुनिक बीकानेर के निर्माताः डॉ मेघना शर्मा कहती हैं कि बीकानेर थार मरुस्थल का वह इलाका है जहां एक वक्त ऐसा कहा जाता था कि घी गिर जाए तो कोई बात नहीं, लेकिन पानी की एक बूंद नहीं गिरनी चाहिए. उस समय पूर्व महाराजा गंगासिंह ने बीकानेर में विकास के लिए काफी काम किया. आज जो आधुनिक बीकानेर दिख रहा है उसके बीज को रोपने का काम पूर्व महाराजा गंगासिंह ने किया. वे कहती हैं कि पूर्व महाराजा गंगा सिंह को बीकानेर का भगीरथ कहा जाता है, क्योंकि थार के इस रेगिस्तानी इलाके में गंग नहर का निर्माण उन्होंने ही करवाया था.
बीकानेर में भी महाराजा गंगासिंह के नाम से विश्वविद्यालयः बीकानेर में विकास के पर्याय के रूप में आज भी पूर्व महाराजा गंगा सिंह को याद किया जाता है. बीकानेर में स्थापित अकादमिक विश्वविद्यालय का नाम भी महाराजा गंगासिंह के नाम पर है. विश्वविद्यालय के ही उप कुलसचिव डॉ विठ्ठल गुप्ता कहते हैं कि निश्चित रूप से पूर्व महाराजा गंगा सिंह ने विकास के साथ ही चिकित्सा शिक्षा पेयजल सहित अनेक ऐसे काम किए. जिनसे आज बीकानेर अपने समकालीन शहरों से अलग है. साथ ही विश्व के गिने-चुने संस्थानों में शामिल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का बीकानेर का जुड़ाव उन्हीं की देन है.