दो दिन से हो रही बारिश से खिले आमजन के चेहरे, पर किसान क्‍यों हुए मायूस

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Published : Sep 23, 2022, 4:53 PM IST

Updated : Sep 23, 2022, 11:34 PM IST

ETV Bharat Rajasthan News

राजस्‍थान में एक बार फिर कई स्‍थानों पर बारिश हो रही है. पिछले 48 घंटों में बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया है. हालांकि इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. अलवर और भरतपुर के किसानों की ज्‍वार और बाजरे की फसल बर्बाद हो गई (Millet and Jowar crops ruined by rain) है. इससे किसान मायूस हो गए हैं.

अलवर/भरतपुर. प्रदेश में पिछले दो दिन से हो रही बारिश से आमजन के चेहरे खिले हुए हैं. इस दौरान लोगों को उमस और गर्मी से राहत जो मिली है. दूसरी ओर किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है. बारिश से किसानों की खरीफ की फसल चौपट हो गई. इस दौरान ज्वार, बाजरे की कटी हुई फसलें भी खराब हो गई.

अलवर के सरिस्का वन्य क्षेत्र अभ्यारण में पिछले 48 घंटे से हो रही बारिश के बाद अब रूपारेल नदी में पानी आना शुरू हो गया है. रूपारेल नदी में एक फीट से अधिक पानी की आवक शुरू हो गई है. इससे जयसमंद बांध में भी पानी भरने की उम्मीद जगी है. सरिस्का क्षेत्र में अभी रिमझिम बारिश का दौर जारी है. जिससे अभी नदी में पानी की और आवक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

बारिश से किसान क्‍यों हुए मायूस...

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मानसून सीजन में अलवर के लोगों को निराशा हाथ लगी. जिले में सामान्य से भी कम बारिश हुई. सभी बांध खाली हैं. ऐसे में आम आदमी परेशान था, लेकिन जिले में बीते 48 घंटे से लगातार अलग-अलग क्षेत्र में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. जिले में इसे 24 घंटे में 109 मिलीमीटर बारिश हुई है. जो सितंबर माह में सबसे अधिक है. हालांकि अलवर जिले में इस सीजन में अभी औसत से कम बारिश हुई है. जिले में 527.25 मिलीमीटर बारिश होनी थी, लेकिन अभी तक 517 मिलीमीटर बारिश ही हुई है.

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थानागाजी क्षेत्र में हो रही बारिश के बाद प्रशासन खुश है, क्योंकि बारिश से सभी बांधों में पानी आया है. बारिश के बाद रूपारेल नदी में भी पानी की आवक हुई है. ऐसे में अलवर की लाइफ लाइन जयसमंद बांध में भी पानी की आवक शुरू हुई है. जयसमंद बांध में पानी आने से शहर के लोगों को राहत मिलेगी. जयसमंद बांध के निचले हिस्से के 50 से ज्यादा बोरिंग से अलवर शहर को पानी सप्लाई किया जाता है. इस साल बारिश कम होने के कारण बांध खाली रह गया. जिसके चलते किसान व आम लोग खासे परेशान थे.

बारिश से फसल को हुआ नुकसान: राततभर हुई बारिश से किसानों की खरीफ की फसल चौपट हो (Millet crop ruined by rain in Alwar) गई. इस दौरान ज्वार, बाजरे की कटी हुई फसलें भी खराब हो गईं. इससे किसानों के चेहरे पर चिंता साफ देखी जा रही है. हालांकि इस समय की बारिश रबी की फसल गेहूं, चना और सरसों के लिए अच्छी और उपयुक्त भी मानी जा रही है. बारिश से खेतों में पानी भर गया है और नमी आ गई है. जिससे रवि की फसल का गत वर्षों की अपेक्षा रकबा भी बढ़ेगा. फिलहाल खेतों में पानी भर जाने से किसान खेतों में जुताई नहीं कर पाएंगे.

खराब हुई फसल का सर्वे करा मुआवजा दिलाने की मांग ...

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भरतपुर में ज्वार, बाजरे की फसल को नुकसान: नदबई शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में तेज बारिश से कहीं ग्रामीणों को फायदा हुआ तो कहीं बारिश आफत बन गई. ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश गांवों में बारिश होने से किसानों के खेत में रखी ज्वार व बाजरे की फसल नष्ट हो गई (Jowar crop ruined by rain in Bharatpur) है. ग्राम पंचायत गगवाना के गांव चैनपुरा, बसईया, गगवाना के किसानों की फसलें बारिश की बजह से पूरी तरह नष्ट हो गई. ग्राम पंचायत गगवाना के सरपंच हरस्वरूप शर्मा ने सरकार से किसानों की खराब हुई फसल की सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की है.

वहीं कस्बे में क्रय-विक्रय सहकारी समिति में पुलिस की मौजूदगी में खाद का वितरण किया गया. जहां खाद के लिए महिलाओं को मशक्कत करते हुए देखा गया. तहसीलदार अनिल कुमार ने भी समिति जाकर स्टॉक के बारे में जानकारी ली. तहसीलदार ने बताया कि एक आधार कार्ड पर दो कट्टे खाद के वितरित किए जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि रवि की फसल की बुवाई का समय नजदीक आ गया है और खाद नहीं मिल रहा है. खाद की किल्लत को देखते हुए किसानों को भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है.

Last Updated :Sep 23, 2022, 11:34 PM IST
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