अजमेर. राजस्थान के शहर अजमेर की अंकिता कुमावत लोगों को बेहतर जीवन देने की कोशिश में लगी हुई हैं. अंकिता लोगों को शुद्ध और पौष्टिक दूध उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही हैं. अंकिता यह काम मातृत्व डेयरी द्वारा कर रही हैं. 5 साल पहले अंकिता ने अपनी जॉब छोड़कर 'मातृत्व डेयरी' के नाम से डेयरी फार्मिंग का काम शुरू किया. पिता की प्रेरणा और सहयोग के बाद उन्होंने इस कार्य को शुरू किया.
अंकिता बताती हैं कि उनका मकसद लोगों को शुद्ध दूध उपलब्ध कराने का है, जिससे लोग स्वस्थ रहें. अंकिता ने कहा कि उनके पिता इंजीनियर थे और कुछ साल पहले ही स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया है. जिसके बाद उन्होंने 2014 में डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की और कुछ समय बाद ही अंकिता भी पिता के इस कार्य में उनका हाथ बंटाने लगीं. लगभग 2 बीघे में फैले उनके डेयरी फार्म में आज 50 से ज्यादा गाय मौजूद हैं.
कॉरपोरेट सेक्टर की नौकरी छोड़ शुरू की डेयरी फार्मिंग...
अंकिता कुमावत ने बताया कि 2014 में उन्होंने इस कार्य की शुरुआत की, लेकिन 2015 से इस कार्य को पूर्ण रूप से शुरू किया गया. अंकिता ने आईएएम कोलकाता से एमबीए किया था. वह एमबीए करने के बाद कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने लगीं. शुरुआत में उन्हें सबकुछ अच्छा लग रहा था, क्योंकि काम के साथ-साथ अंकिता को मन मुताबिक तनख्वाह और दूसरी सुविधाएं दी जा रही थीं, लेकिन वह जीवन में कुछ नया करना चाहती थीं. इस दौरान पिता की तबीयत खराब होने के बाद अंकिता अपने वतन लौट आईं और पिता के इस कार्य को संभालने लगी.
अंकिता के पास कई प्रजाति की गाय उपलब्ध हैं. 'मातृत्व डेरी' में 200 से अधिक प्रोडक्ट हैं, जिसमें दूध के अलावा पनीर, मावा, मक्खन और दूसरे उत्पाद भी शामिल हैं. लोगों को शुद्ध माल देना ही अंकिता का लक्ष्य है. डेयरी दूध के सेवन से लोगों का स्वास्थ्य भी काफी बेहतर होगा. यही वजह है कि डेयरी में मिलने वाला दूध ऑर्गेनिक और प्राकृतिक होने के कारण स्वास्थ्यवर्धक, वसायुक्त और पीने में काफी अच्छा होता है.
जानवरों को दिया जाता है ऑर्गेनिक चारा...
अंकिता कुमावत ने जानकारी देते हुए बताया कि जानवरों को खाने में किसी प्रकार का केमिकल नहीं दिया जाता है. उन्हें चारा भी ऑर्गेनिक ही दिया जाता है, जिससे वह भी पौष्टिक और शुद्ध चीजों का सेवन कर सकें.
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विदेश छोड़ ग्रामीण इलाके में कार्य करना चैलेंजिंग...
अंकिता बताती हैं कि डेयरी फार्मिंग का कार्य करना काफी कठिन है. अधिकतर देखा जाता है कि पुरुष इस तरह के कार्यों को करते हैं. महिलाओं के लिए यह कार्य काफी कठिन है. उसके बावजूद भी वह निरंतर अपना कार्य कर रही हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी कार्य छोटा नहीं होता, बस इच्छाशक्ति मजबूत होनी चाहिए. बता दें कि आज अंकिता के पति भी उनके इस कार्य में उनका भरपूर सहयोग देते हैं.