बहुमत खो चुकी है कांग्रेस सरकार, प्रदेश में राष्ट्रपति शासन हो लागू : दीया कुमारी

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Published : Sep 26, 2022, 6:09 PM IST

Updated : Sep 26, 2022, 6:45 PM IST

Rajasthan Political Crisis)

राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच सांसद दीया कुमारी (Rajasthan Political Crisis) ने भी प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. इससे पहले भाजपा के कई दिग्गजों ने भी ट्वीट कर प्रेसिडेंट रूल लगाने की मांग की है. वहीं, पूनिया ने कहा कि विधायकों का इस्तीफा स्पीकर क्यों मंजूर कर रहे.

अजमेर. भाजपा वर्ग मोर्चा के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में (Rajasthan Political Crisis) शिरकत करने राजसमंद सांसद एवं प्रदेश महामंत्री दीया कुमारी सोमवार को अजमेर पहुंची. यहां उन्होंने राजस्थान में चल रहे सियासी संकट को लेकर बयान देते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. उनका कहना है कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं रहा.

दीया कुमारी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस हर (Tussle amid Congress in Rajasthan) समाज, हर वर्ग को वोटों के लिए बांटती आ रही है. जबकि भाजपा जोड़ने का काम करती है. उन्होंने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से अजमेर में प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन रखा गया है. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण शिविर में कई मुद्दों पर चर्चा होगी. अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओं से भी सुझाव लिए जाएंगे. यह 3 दिन का प्रशिक्षण शिविर है.

प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग

सांसद दीया कुमारी ने कहा कि कांग्रेस में अंदरूनी (Demand of President rule in Rajasthan ) लड़ाई चल रही है. जो खुलकर चरम पर आ गई है. कांग्रेस अभी क्यों सत्ता में है. राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए. कांग्रेस के सीएम, मंत्रियों और विधायकों को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता परेशान हो चुकी है. राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर नहीं है. महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. कांग्रेस सरकार में एमएलए अपनी मनमानी कर रहे हैं.

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कोई टिप्पणी नही करूंगी : राजस्थान में विकास कार्य को लेकर किए गए सवाल (Diya Kumari on Rajasthan Political Crisis) पर सांसद ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने का दावा करेगी या नहीं, इसपर मैं टिप्पणी नहीं करूंगी. लेकिन कांग्रेस पार्टी में जो हो रहा है वह काफी है. एक वक्त था जब कांग्रेस का राज पूरे देश में था. लेकिन अब एक दो राज्य में कांग्रेस सिमट गई है. वहां भी कांग्रेस की सरकारें ठीक से गवर्नेंस नहीं कर पाई. लेकिन आज कांग्रेस के हालात ऐसे हो गए हैं कि राजस्थान अब थक चुका है. इनको सत्ता छोड़ चले जाना चाहिए.

सतीश पूनिया का बयान : अजमेर में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र में शिरकत करने आए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार की अंदरूनी कलह से राजस्थान में अस्थिरता पैदा हुई है. ये प्रदेश के लिए हितकारी नहीं है. अब लगता है कि सरकार जितनी जल्दी चली जाए उतना ही अच्छा है.

पूनिया ने कांग्रेस सरकार के वर्तमान हालातों पर कहा कि कांग्रेस का विखंडन लाइलाज है. मुझे लगता है कि 2023 में प्रदेश की जनता कांग्रेस का अच्छे से इलाज कर देगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी तरफ से कुछ नहीं करेगी क्योंकि बीजेपी पर सरकार गिराने की तोहमत लगती है. हमने तो नहीं कहा कि कांग्रेस विधायक बाड़े में बंद हो जाएं और स्पीकर को जाकर इस्तीफा दें. कांग्रेस अपनी ही पार्टी के सीएम और पीसीसी अध्यक्ष को बर्खास्त कर रही है. पुनिया ने कहा कि बीजेपी संगठन के अलावा सात मोर्चे भी विशेष महत्व रखते हैं. आगामी चुनाव में इन सभी मोर्चे का चुनाव में विशेष योगदान रहेगा. मोर्चे धरातल पर काम कर रहे हैं.

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आलाकमान की है कमजोरी : कांग्रेस में विखंडन को लेकर पुनिया ने तंज कसते हुए कहा कि पहली कमजोरी कांग्रेस आलाकमान की है. चार वर्षों से राजस्थान की जनता ने जो दंश झेला है, उसका जिम्मेदार कांग्रेस पार्टी का आलाकमान है. कांग्रेस का आलाकमान पार्टी के अंदरूनी कलह को दूर नहीं कर पाए. इसका खामियाजा राजस्थान की जनता को भुगतना पड़ा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी पूरे संयम के साथ 2023 के विधानसभा चुनाव का इंतजार करेगी. पुनिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि अब दिन रहे हैं जुम्मा जुम्मा चार, हम करेंगे इंतजार. उन्होंने कहा कि 2023 में बीजेपी की सरकार बनेगी इसमें अल्पसंख्यक मोर्चे और अल्पसंख्यक बिरादरी का भी योगदान रहेगा.

कांग्रेस भारत जोड़ने का कर रही है पाखंड : पूनिया ने कहा कि कांग्रेस में विखंडन की बुनियाद 2018 में ही पड़ गई थी. उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को 55 वर्ष तक शासन करने का अवसर दिया. अब समय आया है कि कांग्रेस की नीति को जनता ने नकार दिया है. कांग्रेस अब भारत जोड़ो का पाखंड कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत को मोदी ने पहले ही जोड़ दिया है. पुनिया ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत को तोड़ने का काम भी कांग्रेस ने ही किया था. नेहरू और जिन्ना की महत्वाकांक्षा ने देश के दो टुकड़े किए थे.

उन्होंने कहा कि भारत को जोड़ने का काम मोदी ने उड़ान, रेलवे और हाईवेज और मन की बात के जरिए किया है. पूरे देश में कांग्रेस पार्टी को जनता ने नकार दिया है. राजस्थान में बाय डिफॉल्ट कांग्रेस की सरकार बनी थी. बीएसपी विधायकों का कांग्रेस सरकार ने सहयोग दिया था. बाद में उन्हें कांग्रेस ज्वाइन करवाने का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

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चार वर्ष चला झूठ और लूट का खेल : राजभवन में दो-दो मुख्यमंत्रियों के नारे लगे, मंत्रिमंडल को लेकर झगड़ा हुआ, चुनी हुई सरकार बाड़े में बंद रही. इसके बाद भी 4 वर्षों में कांग्रेस पार्टी के आलाकमान ने कोई संज्ञान नहीं लिया. कांग्रेस के भीतर उभरी बीमारी इतनी बढ़ गई कि वह लाइलाज हो गई. इस बीमारी की परिणीति कांग्रेस के श्राद्ध के रूप में 2023 में होगी. चुने गए विधायकों ने अपने विवेक से स्पीकर को इस्तीफे दिए हैं, तो स्पीकर को भी इस्तीफे स्वीकार कर लेने चाहिए. कांग्रेस ने 4 साल लूट और झूठ का खेल खेला है. मुझे लगता था कि कांग्रेस की परिणीति इसी रूप में होगी. कांग्रेस ने 4 सालों में किसानों के साथ ठगी की, नौजवानों से वादाखिलाफी की है.

यह रहे मौजूद : बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के अलावा पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, राजसमंद सांसद एवं प्रदेश महामंत्री दीया कुमारी, अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी, पूर्व राज्य मंत्री अनिता भदेल, पुष्कर विधायक सुरेश रावत सहित मोर्चे के प्रदेश पदाधिकारी और विभिन्न जिलों से आए जिला अध्यक्ष और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

Last Updated :Sep 26, 2022, 6:45 PM IST
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