केन्द्र ने PFI पर लगाया बैन, अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ने किया स्वागत...इन संगठनों ने जताई आपत्ति

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Published : Sep 28, 2022, 1:39 PM IST

central government ban on PFI

केन्द्र सरकार के PFI पर लगाए बैन (ban on Popular Front of India) का अजमेर दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने स्वागत किया है. वहीं, राजस्थान मुस्लिम फोरम और अन्य संगठनों ने पीएफआई पर बैन लगाने को पूरी तरह से गलत बताया है और बैन हटाने की मांग की है.

जयपुर. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) (ban on Popular Front of India) और उससे संबद्ध संगठनों को गैर कानूनी क्रियाकलापों में लिप्त पाए जाने पर गैर कानूनी संगठन घोषित किया है. मंत्रालय ने संगठन पर तत्काल प्रभाव से 5 वर्ष तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. पीएफआई पर लगे इस बैन का अजमेर दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने स्वागत किया है.

गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात जारी अधिसूचना में कहा है कि पीएफआई युवाओं, छात्रों, महिलाओं इमामो, वकीलों और समाज के कमजोर वर्गों में पहुंच बढ़ाकर गुप्त एजेंडे के तहत एक वर्ग विशेष को कट्टर बना रहा है (jaipur Muslim clerics supports pfi ban). संगठन का उद्देश्य लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करना और संविधान के खिलाफ कार्य करना है.

अजमेर दरगाह दीवान ने किया स्वागत

गृह मंत्रालय ने कहा है कि पीएफआई को जांच में गैर कानूनी क्रियाकलापों में संलिप्त पाए जाने के बाद इस पर तथा इससे संबंधित संगठनों को तत्काल प्रभाव से 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पिछले सप्ताह पीएफआई के देश भर में 100 से भी अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर उसके कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था.

पढ़ें-राजस्थान में PFI संगठन के 5 ठिकानों पर NIA की छापेमारी, 2 गिरफ्तार

केंद्र सरकार के बैन का मुस्लिम संगठनों और अजमेर दरगाह दीवान ने स्वागत किया है. ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान सैयद जैनुलाबदीन ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए. सरकार ने जो पीएफआई पर बैन लगाया है, वो काबिले तारीफ है और बधाई के पात्र हैं. पीएफआई पर बहुत पहले ही बैन लग जाना चाहिए था. 5 साल पहले पीएफआई की ओर से देश के खिलाफ जो षड्यंत्र रचे जा रहे थे, उसी वक्त उन पर कार्रवाई करनी चाहिए थी. लेकिन सरकार ने अपनी पूरी जांच-पड़ताल के बाद कार्रवाई की है, ताकि पीएफआई के पास किसी तरह की गुंजाइश न रहे.

इस तरह की जितनी भी जमातें देश में काम कर रही हैं, उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. ताकि वो लोग अपने मकसद में कामयाब ना होने पाए. जिससे देश में एकता और अखंडता बनी रहे. उन्होंने नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि वो इस तरह की जमातों के बहकावे में ना आए.

वहीं धर्म गुरु सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भारत सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि पहले भी सरकार से अपील की गई थी कि यदि संगठन के खिलाफ सबूत है तो इस पर बैन लगाया जाए. ये बैन उन लोगों के लिए एक सबक है, जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते हैं. क्योंकि ये स्पष्ट है कि देश की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं. उन्होंने युवाओं खासकर के देश के मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि भारत सरकार के इस निर्णय को पॉजिटिव लें. ये देश हित में बहुत जरूरी था. भारत सरकार के इस निर्णय का सपोर्ट करें और आगे भी यदि ऐसे कोई संगठन पाए जाते हैं, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, उनके खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए.

बैन लगाना पूरी तरह से गलत- वहीं, राजस्थान मुस्लिम फोरम और अन्य संगठनों ने पीएफआई पर बैन लगाने को पूरी तरह से गलत बताया है और बैन हटाने की मांग की है. फोरम के हाफिज मंजूर ने कहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर इससे पहले ईडी और एनआईए की कार्रवाई हुई और उसमें कुछ भी सामने नहीं आया. ईडी और एनआईए की कार्रवाई के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगाना पूरी तरह से गलत है. यह सरकार का नजरिया है कि वह इस तरह की कार्रवाई को किस नजर से देखती है, लेकिन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया गरीबों और मजदूरों की आवाज उठा रहा था. उस आवाज को केंद्र सरकार ने दबा दिया है.

बैन हटाने की मांग- राजस्थान मुस्लिम फेडरेशन के हाजी निजामुद्दीन ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगाना गलत है. यह एक साजिश के तहत किया गया काम है. पहले बैन उन लोगों पर लगना चाहिए जो लोग नंगी तलवारें लहराते हैं और देश का माहौल खराब करना चाहते हैं. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने कभी झंडे के अलावा डंडा भी नहीं लहराया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द पीएफआई पर लगे बैन को हटाना चाहिए.

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