राजस्थान की तर्ज पर ओल्ड पेंशन स्कीम देशभर में लागू की जाए : अजय माकन

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Published : Feb 25, 2022, 9:04 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 10:46 PM IST

Congress asks Center to replicate Rajasthan Model

कांग्रेस (Congress party) ने देशभर में राजस्थान की तर्ज पर ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) लागू करने की मांग की है. कांग्रेस महासचिव व राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने चौथा बजट पेश कर देश को नई दिशा दी.

नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress party) ने देशभर में राजस्थान की तर्ज पर ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) लागू करने की मांग की है. राजस्थान प्रभारी महासचिव अजय माकन ने कहा कि गहलोत सरकार ने इसे राजस्थान में लागू कर दिया है. अन्य राज्यों में लागू करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी (Duty Of Central Government) है. कांग्रेस महासचिव व राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने चौथा बजट पेश कर देश को नई दिशा दी. उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारी किस तरह से पुरानी पेंशन शुरू की जा सकती है. कांग्रेस सभी राज्य सरकारों और केंद्र से पुरानी पेंशन योजना शुरू करने की मांग करती है.

अजय माकन ने कहा कि ये केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि पूरे देश केंद्र सरकार ओल्ड पेंशन को लागू करे. ये फायदा सरकारी कर्मचारियों सीधे मिले न कोई थर्ड पार्टी इसका फायदा उठा ले. उन्होंने कहा कि सबसे बेहतरीन छठा पे कमीशन रहा, जब देश में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) की सरकार थी. कांग्रेस की सरकारों में हर दशक के तीसरे वर्ष के अंदर पे कमीशन की स्थापना की जाती रही. उन्होंने कहा कि शहरी गरीब के लिए इंदिरा गांधी रोजगार स्कीम लागू की गई.

राजस्थान की तर्ज पर ओल्ड पेंशन स्कीम देशभर में लागू की जाए : अजय माकन

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मकान ने कहा 2011 के हिसाब से देश मे 31 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती थी. वहीं अब 39 फीसदी जनता शहरों में रहती है. गरीब के लिए भी रोजगार की व्यवस्था की जानी चाहिए. इंदिरा गांधी रोजगार स्कीम देशभर में लागू की जाए. इसके साथ ही बिजली की दरें भी राजस्थान की तर्ज पर आम जनता के हित में कम की जाए. गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रदेश का बजट पेश करते हुए बड़ी घोषणा की थी. सीएम अशोक गहलोत ने कर्मचारियों की वेतन कटौती का 2017 का फैसला वापस लिया है. इससे सरकार पर 1000 करोड़ का भार आएगा. इसके अलावा प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू होगी, 1 अप्रैल 2004 के बाद की नियुक्तियों को भी इसका लाभ मिलेगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या छत्तीसगढ़ सरकार भी राज्य में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करेगी. माकन ने जवाब दिया कि हम उम्मीद करते हैं कि हर राज्य को ऐसा करना चाहिए. यह काम करने का कांग्रेस मॉडल है. लेकिन हर सरकार की अपनी योजना होती है. छत्तीसगढ़ कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं. हालांकि, यह सरकारी कर्मचारियों के बारे में है, इसलिए विश्वास है कि हर राज्य सरकार को यह कदम उठाना चाहिए. कांग्रेस नेता ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के कार्यान्वयन की भी प्रशंसा की, जिसे राजस्थान में ₹800 करोड़ आवंटित किया गया है.

बता दें कि लंबे समय से पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे राज्य कर्मचारियों को गहलोत सरकार के चौथे बजट में बड़ी सौगात (Rajasthan CM Announces to Restore Old Pension Scheme) मिली है. अब राजस्थान में 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों को नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिल सकेगा. वहीं, अब इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस इसे देशभर में भुनाने की तैयारी कर रही है.

पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग करने वाले कर्मचारियों को गहलोत सरकार की बड़ी सौगात

आसान भाषा में समझें क्या है अंतर...
अखिल राजस्थान कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह की नौकरी अक्टूबर 2006 में बतौर एलडीसी लगी थी. 2004 में वैकेंसी आई और 2006 में उनकी नियुक्ति जयपुर सचिवालय में की गई. जनवरी 2030 को गजेंद्र रिटायर हो जाएंगे. रिटायरमेंट के वक्त उनकी बेसिक तनख्वाह यदि 80 हजार रुपये (इनहैंड) है तो ओल्ड पेंशन के नाम पर हर महीने अब उनके खाते में 40 हजार रुपये आएंगे. इसके साथ डीए का भुगतान भी होगा, जिसके लिए सर्विस टाइम में उनकी तनख्वाह से कोई कटौती नहीं हुई.

जबकि न्यू पेंशन स्कीम में अगर गजेंद्र सिंह 2006 में नौकरी लगते हैं तो रिटायर्ड होने तक (New Pension Scheme Versus Old Pension Scheme) उनकी तनख्वाह से हर महीने 10 फीसदी की कटौती होगी और 10 फीसदी ही सरकार अपनी तरफ से मिलाकर शेयर मार्केट में लगाएगी. गजेंद्र सिंह जब 2030 में रिटायर होंगे तब कुल जमा कटौती का शेयर मार्केट के हिसाब से पैसा मिलेगा, जिसमें 60 फीसदी रिटायरमेंट के समय नकद और 40 फीसदी से हर महीने पेंशन मिलेगी.

प्रदेश में कितने कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलेगा लाभ : अखिल राजस्थान कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान में 7 लाख 52 हजार कर्मचारियों-अधिकारियों के पद स्वीकृत हैं, जिसमें लगभग 7 लाख कर्मचारी-अधिकारी की नियुक्ति हो रखी है. इसमें ढाई लाख से तीन लाख ऐसे कर्मचारी और अधिकारी हैं जो अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त हुए हैं. ओल्ड पेंशन लागू होने से सीधे तौर पर ढाई से तीन लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा.

गजेंद्र सिंह ने कहा कि 2004 में तत्कालीन केंद्र की अटल सरकार ने संसद में बिल लाकर न्यू पेंशन स्कीम लागू की, जिसमें सभी राज्य की सरकारों को यह अधिकार दिए कि वो इस न्यू पेंशन स्कीम को अपने अधिकार क्षेत्र के लिहाज से लागू (Benefits of Old Pension Scheme) कर सकती हैं. देश भर में सभी राज्यों ने (सिर्फ पश्चिम बंगाल को छोड़) न्यू पेंशन स्कीम को लागू कर दिया, जिसमें राजस्थान की तत्कालीन वसुंधरा सरकार भी शामिल थी.

न्यू पेंशन स्कीम लागू होने के साथ शुरू हुआ आंदोलन : गजेंद्र सिंह ने बताया कि 2004 से न्यू पेंशन लागू होने के साथ इसका विरोध शुरू हो गया था. पिछले 17 साल से प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी इस न्यू पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे थे, जो इस बार 2022 में गहलोत सरकार की बजट घोषणा के साथ (Gajendra Singh Rathore Supported Gehlot Decision) खत्म हुआ है. अब प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी में इस फैसले के बाद खुशी है.

न्यू पेंशन में कटौती का क्या : गजेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2004 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारी और अधिकारी की जो 10 फीसदी वेतन कटौती एनपीएस के नाम पर हुई है, इसको लेकर हालांकि अभी कोई आदेश जारी नहीं हुए, लेकिन जल्द ही इसको लेकर सरकार आदेश जारी करेगी. उसके बाद स्थिति साफ होगी की कटौती के पैसे किस तरह से वापस दिए जाएंगे. लेकिन हम उम्मीद कररहे हैं कि सरकार शेयर मार्केट में लगे एनपीएस के पैसों को वापस एकत्रित कर कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में जमा करेगी. उन्होंने कहा कि इस वक्त करीब 20 हजार करोड़ कर्मचारियों के पैसे शेयर मार्केट में लगे हुए हैं.

Last Updated :Feb 25, 2022, 10:46 PM IST
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