3 अरब से अधिक लोगों को है खतरा, World Rabies Day पर जानें इसकी गंभीरता व बचने के उपाय

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Published : Sep 28, 2022, 12:01 AM IST

Updated : Sep 28, 2022, 12:09 PM IST

World rabies day 28 September 2022

WHO रिपोर्ट के अनुसार लगभग डेढ़ सौ देशों में हर साल 59 हजार लोग रेबीज के चलते अपनी जान गवां देते हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 95 प्रतिशत मामले एशिया तथा अफ्रीकी देशों से आते हैं. विषाणु जनित संक्रमण रेबीज के कारणों और रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है. World rabies day 28 September 2022 .

सामान्यतः लोग कुत्तों के काटने से होने वाले जानलेवा नुकसान से परिचित हैं. वैसे भी आजकल देश में कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ गई है, जिस कारण से लोगों में कुत्तों के काटने से होने वाली वायरल बीमारी रेबीज को लेकर जिज्ञासा बढ़ गई है. रेबीज एक वैक्सीन-रोकथाम योग्य वायरल बीमारी है. ज्यादातर कुत्तों से मानव में रेबीज का संचरण होता है. पागल जानवरों द्वारा काटे गए चालीस प्रतिशत लोग 15 वर्ष या उससे कम आयु के बच्चे होते हैं. विश्व रेबीज दिवस (World rabies day 2022) पर यह विशेष रिपोर्ट. रेबीज को लेकर लोगों में भ्रम है कि यह सिर्फ कुत्तों के काटने से होता है, जबकि यह सत्य नहीं है. रेबीज के विषाणु कुत्तों के अलावा किसी भी जंगली तथा पालतू जानवर में भी पनप सकता हैं. World rabies day 28 September 2022 .

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग डेढ़ सौ देशों में हर साल 59 हजार लोग रेबीज के चलते अपनी जान गवां देते हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 95 प्रतिशत मामले एशिया तथा अफ्रीकी देशों से आते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार लगभग डेढ़ सौ देशों में हर साल 59 हजार लोग रेबीज के चलते अपनी जान गवां देते हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 95 प्रतिशत मामले एशिया तथा अफ्रीकी देशों से आते हैं. इसलिए विषाणु जनित संक्रमण रेबीज के कारणों और रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 28 सितंबर को 'विश्व रेबीज दिवस' (World Rabies Day) मनाया जाता है.

आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल करीब 50000 से अधिक लोग रेबीज से मरते हैं. यह मुख्यतः एशिया और अफ्रीकी देशों में ज्यादा संक्रामक है. 28 सितंबर लुई पाश्चर की मृत्यु की पुण्यतिथि (Louis Pasteur death anniversary) भी है. फ्रांसीसी रसायनज्ञ और सूक्ष्म जीवविज्ञानी लुई पाश्चर (Microbiologist Louis Pasteur) ने ही पहली बार रेबीज टीका विकसित किया था. रेबीज नियंत्रण और उन्मूलन के लिए वन हेल्थ रणनीतिक योजनाओं को डिजाइन और तैयार करने में सरकारों की सहायता करना, यूनाइटेड अगेंस्ट रेबीज (United Against Rabies) सहयोग द्वारा विकसित उपलब्ध टूल और दिशानिर्देशों पर आधारित है.

क्या है रेबीज और चुनौती : रोग नियंत्रण तथा बचाव विभाग (CDC) के अनुसार रेबीज एक वायरल बीमारी है, जो सभी प्रकार के गर्म खून वाले जीवों को प्रभावित कर सकती है. रेबीज विषाणु जनित जानवर के काटने या उसके नाखून की खरोच लगने के कारण फैलता है. यह रोग घरेलू और जंगली जानवरों को प्रभावित करता है और संक्रामक सामग्री के निकट संपर्क के माध्यम से लोगों में फैलता है. यह आमतौर पर लार, काटने या खरोंच के माध्यम से फैलता है. रेबीज वायरस इंसानों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. इस संक्रमण के कारण रोगी की अवस्था ज्यादा खराब होने पर उसकी जान जाने का खतरा बढ़ जाता है.

रेबीज को लेकर लोगों में भ्रम है कि यह सिर्फ कुत्तों के काटने से होता है जबकि यह सत्य नहीं है. रेबीज के विषाणु कुत्तों के अलावा किसी भी जंगली तथा पालतू जानवर में भी पनप सकता हैं. जैसे यूनाइटेड स्टेट्स में रेबीज के विषाणु सबसे ज्यादा चमगादड़, लोमड़ी, रकून और अन्य जंगली जानवरों के काटने पर फैलता है. हालांकि दुनिया भर में रेबीज के सबसे अधिक मामले कुत्तों के काटने के चलते ही सामने आते हैं.

रेबीज वाले कुत्तों से एशिया और अफ्रीका में 3 अरब से अधिक लोगों को खतरा है. अधिकांश मौतें गरीब ग्रामीण इलाकों में होती हैं जहां उचित पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस तक पहुंच सीमित या न के बराबर होती है. हालांकि सभी आयु वर्ग अतिसंवेदनशील होते हैं लेकिन 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों में रेबीज सबसे आम है. औसतन चालीस प्रतिशत पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस रेजिमेंट पांच से चौदह वर्ष की आयु के बच्चों को दिए जाते हैं और अधिकांश पुरुष होते हैं. घरेलू कुत्ते रेबीज के नियंत्रण के माध्यम से मानव रेबीज को रोकना अफ्रीका और एशिया के बड़े हिस्से के लिए एक वास्तविक लक्ष्य है. साथ ही लोगों के लिए एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस को बंद करने की भविष्य की बचत द्वारा वित्तीय रूप से उचित है.

रेबीज के लक्षण : रेबीज के पहले लक्षण सामान्य कमजोरी या बेचैनी, बुखार या सिरदर्द सहित फ्लू हो सकता है. ये लक्षण कई दिनों तक रह सकते हैं. काटने के स्थान पर बेचैनी या चुभन या खुजली की अनुभूति भी हो सकती है, जो कुछ ही दिनों में मस्तिष्क की शिथिलता, चिंता, भ्रम जैसे तीव्र लक्षणों में बदल जाती है. जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, व्यक्ति को प्रलाप, असामान्य व्यवहार, मतिभ्रम, हाइड्रोफोबिया (पानी का डर) और अनिद्रा का अनुभव हो सकता है. रोग की तीव्र अवधि आमतौर पर 2 से 10 दिनों के बाद समाप्त होती है.

रेबीज 100% रोकथाम योग्य: कुत्ते के काटने के बाद जीवन रक्षक उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करके रेबीज को 100% रोका जा सकता है. जोखिम को कम करने के लिए अंततः अपने पशु स्रोत पर बीमारी को खत्म करने के लिए कुत्तों का टीकाकरण करके रोक सकते हैं. रेबीज से मानव मृत्यु को समाप्त करने के लिए मानव और पशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है.

कई देश जहां रेबीज चिंता का विषय है, इसे लोगों के स्वास्थ्य और उनके देश की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव के साथ प्राथमिक संचारी रोग के रूप में मान्यता देते हैं. यह आमतौर पर रेबीज को समाप्त करने के लिए पर्याप्त संसाधनों और कार्यों में तब्दील नहीं होता है. सीधे शब्दों में कहें तो रेबीज जानलेवा है लेकिन बचाव से जान बचाई जा सकती है.

रेबीज से बचाव

जानवरों के लिए

  • अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण करवाएं, जिसमें रेबीज का टीका अवश्य लगवाएं.
  • पालतू जानवरों को सड़क पर रहने वाले जानवरों से बचा कर रखें.
  • घर के आसपास रहने वाले पालतू या सड़क पर रहने वाले जानवरों के व्यवहार में यदि आपको कुछ अंतर नजर आए या फिर आप खतरा महसूस करें, तो तुरंत अपने आसपास के स्थानीय पशु नियंत्रण विभाग को सूचित करें.
  • अपने पालतू जानवरों के स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच करवाते रहें.

मनुष्यों के लिए

  • जंगली जानवरों से दूरी बनाकर रखें.
  • किसी भी जानवर के काटने, खेल-खेल में उसके दांत लगने या उसके नाखून से त्वचा पर खरोच आने पर पहले उस स्थान को अच्छे से साबुन से धोएं और तुरंत जाकर चिकित्सक से रेबीज का टीका लगवाएं.

रेबीज संक्रमित से दूसरे व्यक्ति को खतरा

GARC के अनुसार संक्रमित व्यक्ति की लार यदि किसी दूसरे व्यक्ति के घाव पर लग जाती है, तो उसमें भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है. इसके अतिरिक्त यदि संक्रमित व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क स्थापित करता है, तो उस अवस्था में भी का संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. सामान्य अवस्था में यदि संक्रमित व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को छूता है, तो उससे संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं होता है. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति का जूठा खाना खाने, उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए जूठे बर्तन में खाना खाने तथा उनकी जूठी सिगरेट पीने से भी यह रोग फैल सकता है. World Rabies Day .

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Last Updated :Sep 28, 2022, 12:09 PM IST
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