SUNLIGHT : पुरुषों की इस शारीरिक क्रिया को बढ़ाती है धूप, 15 प्रकार के कैंसर व इन रोगों से भी बचाती है

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Published : Jul 29, 2022, 4:00 PM IST

SUNLIGHT

शोध में बताया गया है कि महिलाओं में धूप के इस तरह के प्रभाव नहीं नजर आते हैं. आयुर्वेद के अनुसार (Benefits of sunlight in Ayurveda) सिर्फ इस पद्धति से ही नहीं बल्कि प्रतिदिन कुछ समय धूप में रहने के कई लाभ माने जाते हैं. डॉ मनीषा काले (Dr. Manisha Kale) बताती हैं कि कि आयुर्वेद में (Sun bath) धूप स्नान को “आतप सेवन” (Atap Sevan) के नाम से जाना जाता है.

सूरज की रोशनी के सेहत को फ़ायदों को लेकर पिछले कई सालों में कई शोध किए गए हैं. जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि सूर्य की रोशनी में सही समय पर जरूरी मात्रा में समय बिताने से कैंसर जैसे गंभीर रोगों के साथ ही, अन्य प्रकार की शारीरिक व मानसिक बीमारियों में भी राहत मिलती है. इसी श्रृंखला में हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया है कि सूर्य की किरणों के संपर्क में रहने से पुरुषों के लिए सूर्य के प्रकाश के लाभ ज्यादा हैं जबकि महिलाओं में धूप के इस तरह के प्रभाव नहीं नजर आते हैं.

धूप हमारी सेहत के लिए काफी (Sunlight health benefit) जरूरी मानी जाती है. शरीर को निरोगी रखने के साथ ही कई प्रकार की शारीरिक व मानसिक समस्याओं से भी धूप हमें बचाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूप पुरुषों की भूख बढ़ाने का कार्य भी कर सकती है! धूप के स्वास्थ्य को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष फायदों को लेकर कई बार पहले भी कई प्रकार के शोध किए जाते रहे हैं. जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि ना सिर्फ सूरज से मिलने वाले विटामिन डी (Vitamin D) के कारण बल्कि और भी कई तरह से सूर्य की किरणें (Benefits of Sunlight) हमारी सेहत को काफी फायदा पहुंचाती हैं. हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया है कि धूप में रहने से पुरुषों की भूख बढ़ सकती है.

पुरुषों की भूख बढ़ाती है सूरज की किरणें : जनरल नेचर मेटाबॉलिज्म (General Nature Metabolism) में प्रकाशित इस शोध में दावा किया गया है कि धूप की किरणों के प्रभाव में आने से पुरुषों में हंगर हार्मोन "घ्रेलिन" का स्तर बढ़ जाता है. गौरतलब है कि घ्रेलिन हार्मोन भूख को उत्तेजित करता है, भोजन का सेवन बढ़ाता है और फैट स्टोरेज को भी बढ़ाता है. इसके अलावा यह शरीर की ऊर्जा को विनियमित करने, तंत्रिका गतिविधि को नियंत्रित रखने तथा मांसपेशियों के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में भी मदद करता है. शोध में बताया गया है कि धूप जैसे पर्यावरणीय संकेतो का प्रभाव महिलाओं और पुरुषों, दोनों के शरीर की हार्मोनल प्रतिक्रियाओं पर अलग-अलग पड़ता है.

तेल अवीव विश्वविद्यालय में ह्यूमन मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स एंड बायोकेमिस्ट्री विभाग (Department of Human Molecular Genetics and Biochemistry at Tel Aviv University) में सहयोगी प्रोफेसर डॉ कारमिट लेवी (Dr. Carmit Levy) के नेतृत्व में हुए इस शोध में शोधकर्ताओं ने 12 महीनों तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य और पोषण (MABAT) सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 25 से 64 आयु वर्ग के लगभग 3000 लोगों के आहार संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण किया था. इसमें सामने आया था कि पुरुष गर्मियों के महीनों में महिलाओं की तुलना में अधिक कैलोरी खाते हैं.

शोध में जांच के स्पष्ट नतीजों को जानने के लिए सौर एक्स्पोजर प्रयोग किया गया था. जिसमें सामने आया कि सूर्य के प्रभाव में रहने से प्रतिभागियों के चयापचय से जुड़े प्रोटीन (metabolic proteins) बदलने लगे थे, जिसकी पुरुषों और महिलाओं दोनों पर इसकी अलग-अलग प्रतिक्रिया नजर आई थी.

धूप के फायदों पर अन्य शोध : वर्ष 2019 में स्वीडन में हुए एक शोध में सामने आया था कि धूप स्नान करने से ना सिर्फ कई तरह की बीमारियों का जोखिम कम होता है, बल्कि लोगों में फीलगुड की भावना भी पैदा होती है. शोध में बताया गया था कि विशेषकर सर्दियों में सूर्य के ज्यादा देर सीधे संपर्क में रहने से पैरों में खून के थक्के नहीं जमते हैं और व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म भी सुधरता है जिससे मधुमेह, हृदय व हड्डी के रोग होने का जोखिम कम होता है. साथ ही ट्यूमर तथा ओबेसिटी जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है. इसके अलावा धूप मनोविदलता सहित कई मानसिक अवस्थाओं में राहत पहुंचाती है जिससे व्यक्ति दिमागी रूप से स्वस्थ रहता है. इसके अलावा प्रतिदिन कम से कम 20 से 30 मिनट धूप में बिताने से रात को नींद भी अच्छी आती है.

वहीं वर्ष 2014 में अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के कॉलेज ऑफ एजुकेशन (College of Education of the University of Georgia) के एक शोध में सामने आया था कि सूरज की रोशनी मानसिक स्वास्थ्य विशेषकर मौसमी अवसाद को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है. इस शोध में 100 से ज्यादा लेखों की समीक्षा की गई थी. इस शोध के दावों की पुष्टि यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन (US Institute of Medicine) ने भी की थी. उनकी रिपोर्ट के अनुसार धूप से मिलने वाला विटामिन डी मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन के निर्माण में भूमिका निभाता है और इन दोनों रसायनों की ही कमी अवसाद को ट्रिगर करती हैं. यह शोध मेडिकल मेडिकल हाइपोथेसिस पत्रिका (Medical Hypotheses Journal) में प्रकाशित हुआ था.

कैंसर से बचाव : वर्ष 2012 में एंटी कैंसर रिसर्च जनरल (Anti-Cancer Research Journal) में प्रकाशित हुई एक शोध रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि जरूरी मात्रा में सूरज की रोशनी में समय बिताने से त्वचा कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, स्तन कैंसर, कोलन कैंसर, गैस्ट्रिक व फेफड़ों के कैंसर (Skin cancer, cervical cancer, breast cancer, colon cancer, gastric and lung cancer) सहित 15 प्रकार के कैंसर से (Cancer prevention) बचने में मदद मिलती है.

आयुर्वेद धूप में के कई फायदे : हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में भी धूप में स्नान के कई (Benefits of sunlight in Ayurveda) फायदे बताए गए हैं. मुंबई की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर मनीषा काले (Dr Manisha Kale Ayurvedic physician) बताती हैं कि आयुर्वेद में (Sun bath) धूप स्नान को “आतप सेवन” (Atap Sevan) के नाम से जाना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार सिर्फ इस पद्धति से ही नहीं बल्कि प्रतिदिन कुछ समय धूप में रहने के कई लाभ माने जाते हैं. वह बताती हैं कि ऐसा करने से त्वचा संबंधी कई समस्याओं जैसे फंगल संक्रमण, एग्जिमा, सोरायसिस तथा त्वचा संबंधी अन्य कई अन्य बीमारियों में

डॉ मनीषा काले (Dr. Manisha Kale) बताती हैं कि हमारे शरीर में आहार को पचाने का कार्य जठराग्नि (Gastritis) द्वारा किया जाता है और जठराग्नि धूप में ज्यादा सक्रिय होती हैं. यदि कोई व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में सूर्य के सीधे संपर्क में रहता है या दिन में उस समय आहार ग्रहण करता है जिस समय जठराग्नि (Gastritis) सबसे ज्यादा तीव्र होती है तो ना सिर्फ भोजन अच्छे से पचता है बल्कि कई अन्य पाचन संबंधी समस्यायों से राहत मिलती हैं. इसके अलावा धूप के सीधे संपर्क में रहने से शरीर में श्वेत रक्त कणों का पर्याप्त मात्रा में निर्माण होता है जो रोग पैदा करने वाले कारकों से लड़ने का कार्य करते हैं और शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाते हैं.

गौरतलब है कि आयुर्वेद में सिर्फ आतप सेवन के ही नहीं बल्कि सूर्य जल चिकित्सा के भी काफी फायदे बताए जाते हैं. दरअसल इस पद्धति में जल को 3 दिन तक 8-8 घंटे तक सूर्य के प्रकाश के नीचे रखा जाता है. आयुर्वेद से जुड़े शास्त्रों के अनुसार जब इस पद्धति में सूर्य का प्रकाश पानी पर पड़ता है तो यह पानी के मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर को बढ़ाता है. इस पानी का सेवन सेहत को दुरुस्त रखने के साथ ही कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में भी मददगार हो सकता है.

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