उमरिया। खरीफ के बाद किसानों को अब रबी के सीजन मे भी transformers की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यह समय फसलों की बोनी का है. बताया जाता है कि कई स्थानों पर बोनी की जा चुकी है. जबकि कुछ जगहों पर यह काम अभी भी चल रहा है. जहां बोनी हो गई है, वहां खेतों को तत्काल पानी की जरूरत है, परंतु बिजली के आभाव मे यह संभव नहीं हो पा रहा है. (Farmers are not getting enough power)
पुरानी लाइनें नहीं उठा पा रहीं लोडः मिली जानकारी के अनुसार जिले की हर तहसील में दर्जनों की संख्या मे विद्युत ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं. इनमें से अनेक तो साल-साल भर से बंद हैं. इस संबंध में प्रशासन से लेकर मंडल के अधिकारियों के समक्ष बार-बार गुहार लगाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है. गौरतलब है कि किसानों ने अपनी जमा पूंजी के आलावा कर्ज लेकर हजारों रुपये बीज, खाद और मजदूरी पर खर्च कर दिया है. यदि समय पर transformers नहीं बदले गये और सिचाई शुरू नहीं हुई तो उनके सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी. विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार जिले में विद्युत उपकरणों की पहले से ही भारी कमी है. वहीं तार, केबल इंसूलेटर आदि अधिकांश साजो-सामान वर्षो पुराना होने से सड़-गल कर खराब हो चुका है. उसी पर सारी सप्लाई का भार है. दूसरी ओर इसी बीच हजारों की संख्या में नए कनेक्शन हुए हैं. जबकि devices की क्षमता जस की तस है. यहीं कारण है कि लाइनों में आये दिन खराबी आ रही है. लोड न सह पाने के कारण ट्रांसफार्मर जल कर खराब हो रहे हैं. ट्रांसफार्मरों के जलने की रफ्तार इतनी तेज है कि केंद्रीय स्टोर से जब तक कुछ ट्रांसफार्मर हांसिल होते है तब तक कई धुआं छोड़ देते हैं. (old lines are unable to lift the load)
गुणवत्ताविहीन मरम्मतः वहीं उपकरणों की मरम्मत में हो रही धांधली करेले पर नीम चढ़ने की कहावत को चरितार्थ कर रही है. बताया गया है कि जिले के ट्रांसफार्मरों की रिपेयरिंग के काम में रसूखदारों
(Influential people) का सीधा हस्ताक्षेप है. सब को पंजीरी बांटने और मुनाफा कमाने के चक्कर में ठेकेदार द्वारा बाईडिंग इत्यादि के काम मे बेहद सस्ता और घटिया सामान का इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि महीनो की मशक्कत के बाद ट्रांसफार्मर लगाकर अमले के आफिस पहुंचने के पहले ही उसके जलने की खबर आ जाती है. मंडल के अधिकारियों का कहना है कि कई स्थानों पर बिजली का बकाया जमा न करने के कारण transformers नहीं बदले जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि शासन का आदेश है कि जब तक किसान और ग्रामीण लंबित देयकों का भुगतान नहीं करते, इन गावों के ट्रांसफार्मर न बदले जाएं. महरोई रेलवे स्टेशन के समीप ग्राम टिकुरी निवासी किसान विजय द्विवेदी के साथ कई ग्रामीणों ने बताया है कि उनके यहां के कई लोगों ने बकाया बिजली के बिलों का भुगतान कर दिया है, जबकि कुछ ग्रामीण पैसा नहीं जमा कर रहे हैं. उनकी गलती का दण्ड गांव के सभी किसानों को भुगतना पड़ रहा है. (Qualityless repairs are being done)